शराब माफ़िया की शातिर चाल, पुलिस अफ़सर की गाड़ी से तस्करी, हादसे ने खोली कार की पोल

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10 Jan 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:12 PM)

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पुलिस अफ़सर की कार से शराब की स्मग्लिंग

LATEST CRIME NEWS IN HINDI: बिहार का शराब माफ़िया हरियाणा (HARYANA) के एक एसएसपी (SSP) की कार से बिहार में शराब की तस्करी कर रहा था। ये सच जितना हैरान करता है, उससे कहीं ज़्यादा सोचने को मजबूर कर देता है। आखिर एक पुलिस अफ़सर की कार शराब तस्करों के हाथ कैसे लगी। इसके अलावा ये ख़बर शराब बंदी की वाले उस राज्य के तमाम सरकारी बंदोबस्त पर भी सवालिया निशान खड़े कर देती है।

दरअसल शनिवार को बिहार (BIHAR) के अरवल ज़िला के मेंहदिया थाना को इत्तेला मिली कि एक स्विफ्ट डिज़ायर और ट्रैक्टर सड़क हादसे का शिकार हो गए हैं। सूचना मिलते ही मेंहदिया थाना की पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां कार से 300 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद हुई । मौके से कार चालक फरार था ।

ये है SP की कार का सच

LATEST CRIME छानबीनी की गई तो बिहार पुलिस को उस कार की एक शिनाख़्त मिली। कार का नंबर है HR 30 0111. दुर्घटनाग्रस्त हुई कार पलवल (PALWAL) एसएसपी के नाम से रजिस्टर थी। मगर पिछले साल 4 अगस्त 2021 को ही उस गाड़ी का इंश्योरेंस ख़त्म हो चुका था। कार के रजिस्ट्रेशन की अवधि 16 जनवरी 2027 तक वैध है।

लिहाजा बिहार पुलिस ने मौका-ए-वारदात पर रस्मीतौर पर कार मालिक पलवल एसएसपीऔर अज्ञात ड्राइवर के ख़िलाफ़ मुकदमा भी दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी। बिहार पुलिस ने पलवल के एसपी के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया और कार की ज़ब्ती कर ली।

कार के बारे में हरियाणा पुलिस की सफ़ाई

LATEST CRIME NEWS: इस ख़बर को बिहार से हरियाणा पहुँचने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगा। तब तस्करी के सिलसिले में पकड़ी गई पलवल एसएसपी की कार के सिलसिले में पलवल ज़िला पुलिस ने एक प्रेसवार्ता के ज़रिए अपना पक्ष रखा तब जाकर तस्वीर साफ हो सकी।

असल में पकड़ी गई कार कभी पलवल एसपी के काफ़िले का हिस्सा हुआ करती थी लेकिन तीन साल पहले 20 फरवरी 2019 को उस कार की सरकारी तौर पर नीलामी भी कर दी गई थी। पलवल के डीएसपी अनिल कुमार के मुताबिक नीलामी के तहत एसपी पलवल की गाड़ी हिसार के रहने वाले अमित कुमार को एक लाख 42 हजार रुपये में बेची गई थी।

SP की कार के ये हैं मालिक

CRIME NEWS IN HINDI: क़ानून के मुताबिक़ नीलामी में ख़रीदी गई गाड़ी को परिवहन विभाग में अपने नाम पर दर्ज करवाने और उससे ज़रूरी औपचारिकताओं की पूर्ति के बाद ही उसे सड़क पर चलाने की इजाज़त है। वर्ना ये ग़ैरक़ानूनी है।

मिली जानकारी के मुताबिक नीलामी के कागजात आज भी पुलिस रिकॉर्ड में जमा है। अपनी तरफ से दी गई सफ़ाई के सिलसिले में एसएसपी कार्यालय ने नीलामी पत्र भी जारी कर दिया है।जबकि कार के ख़रीदार अमित कुमार ने गाड़ी को अपने नाम पर अभी तक नहीं करवाया। और पिछले तीन साल से गाड़ी पलवल एसपी के नाम से ही चल रही है।

इस गुनाह का मुल्ज़िम कौन?

BIHAR CRIME NEWS: पुलिस के मुताबिक इस सिलसिले में अब ये सारी कार्रवाई अमित कुमार के ख़िलाफ़ की जाएगी। मगर चौंकानें वाला पहलू यही है कि पिछले तीन सालों से इस कार से बेरोकटोक बिहार में शराब की तस्करी की जा रही है। पुलिस अफ़सर की कार होने की वजह से शायद बिहार पुलिस ने इसे रोकने की हिम्मत ही न की हो। और इससे तस्करों को शह मिलती रही।

अगर वो कार दुर्घटनाग्रस्त न होती तो शायद ये सच कभी सामने आ ही नहीं पाता। बिहार और हरियाणा पुलिस अब इस सिलसिले में गहराई से पड़ताल करने की बात करके पल्ला झाड़ती दिखाई दे रही हैं, लेकिन दोनों में से किसी के पास इस बात का कोई जवाब नहीं कि आखिर इस गुनाह का असली कुसूरवार कौन है।

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