सहरसा की जेल से सुबह ही आनंद मोहन रिहा हुआ

Bihar News : गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन को बृहस्पतिवार सुबह सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया।

anand mohan

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27 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 27 2023 3:50 PM)

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Anand Mohan jail :  गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन को 27 अप्रैल गुरुवार की सुबह सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। मोहन की रिहाई ‘जेल सजा क्षमादान आदेश’ के तहत हुई है। हाल में बिहार सरकार ने जेल नियमावली में बदलाव किया था, जिससे मोहन समेत 27 अभियुक्तों की समयपूर्व रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ। गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में मोहन उम्रकैद की सजा काट रहे थे। 1994 में मुजफ्फरपुर में एक गैंगस्टर की शवयात्रा के दौरान आईएएस अधिकारी कृष्णैया की हत्या कर दी गई थी।

कार्यक्रम में पहुंचे नीतीश कुमार और साथ में बाहुबली आनंद मोहन

मोहन संभवत: बृहस्पतिवार को दिन में अपने घर पहुंच जाएंगे। वह कृष्णैया हत्याकांड में दोषी पाए जाने के बाद पिछले 15 वर्षों से सलाखों के पीछे थे। अक्टूबर 2007 में एक स्थानीय अदालत ने मोहन को मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन दिसंबर 2008 में पटना उच्च न्यायालय ने मृत्युदंड को उम्रकैद में बदल दिया था। मोहन ने निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। नीतीश कुमार नीत बिहार सरकार ने 10 अप्रैल को बिहार जेल नियमावली, 2012 में संशोधन किया था और उस उपबंध को हटा दिया था, जिसमें कहा गया था कि ‘ड्यूटी पर कार्यरत जनसेवक की हत्या’ के दोषी को उसकी जेल की सजा में माफी/छूट नहीं दी जा सकती।

सरकार के इस कदम से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। बिहार में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नीतीश सरकार के इस कदम की आलोचना की थी। भाजपा सांसद एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के समर्थन से सत्ता में बने रहने के लिए कानून की बलि चढ़ा दी। वहीं, दिवंगत आईएएस की पत्नी उमा कृष्णैया ने आनंद मोहन को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर निराशा जाहिर की है।

 

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