भाकपा माले विधायक को मिली उम्रकैद, एमपी एमएलए कोर्ट ने भाकपा माले विधायक समेत 22 को कत्ल के केस में सुनाई सजा

Bihar Court: बिहार के भोजपुर जिला की एक अदालत ने मंगलवार को अगिआंव विधानसभा क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के विधायक मनोज मंजिल को हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

अदालत का फैसला

अदालत का फैसला

14 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 16 2024 2:20 PM)

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Bihar Court News: बिहार के भोजपुर जिला की एक अदालत ने मंगलवार को अगिआंव विधानसभा क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के विधायक मनोज मंजिल को हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सांसद-विधायक अदालत ने इसी मामले में 22 अन्य लोगों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है।

विधायक मनोज मंजिल को हत्या के केस में सज़ा

अदालत के फैसले के तुरंत बाद पटना में राज्य विधानसभा के बजट सत्र में हिस्सा ले रहे मनोज मंजिल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जब भाकपा माले विधायक को भोजपुर के जिला मुख्यालय आरा ले जा रही थी, तो मंजिल ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे।

विधायक समेत 22 को आजीवन कारावास की सजा

विधायक की गिरफ्तारी पर भाकपा माले ने कहा कि मंजिल को इस मामले में फंसाया गया है और पार्टी 14 फरवरी को अदालत के फैसले के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी। भाकपा माले ने इस संबंध में मंगलवार को पटना में एक बयान जारी कर कहा, ‘‘यह उनके (मंजिल के) खिलाफ एक साजिश है। उन्हें फंसाया गया है। पार्टी दलितों और समाज के कमजोर वर्गों की आवाज उठाती रहेगी। पार्टी 14 फरवरी को अदालत के फैसले के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी।’’

मंजिल को इस मामले में फंसाया गया

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘अदालत ने सभी आरोपियों को उनके खिलाफ पेश किए गए सबूतों के आधार पर उम्रकैद की सजा सुनाई है।’’ यह मामला भोजपुर जिले के अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव निवासी जयप्रकाश सिंह की 20 अगस्त 2015 में हुई हत्या से जुड़ा है। जब सिंह एक बैठक को संबोधित करने के बाद शाम को अपने बेटे के साथ घर लौट रहे थे तभी मनोज मंजिल सहित लगभग 23 लोगों ने कथित तौर पर लाठी और ईंटों से पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी।

जयप्रकाश सिंह की 20 अगस्त 2015 में हुई हत्या

सिंह के बेटे चंदन कुमार द्वारा पुलिस को दी गयी लिखित शिकायत में यह भी आरोप लगाया था कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी उनके पिता को किसी अज्ञात स्थान पर ले गए। घटना के एक सप्ताह बाद पुलिस ने अजीमाबाद थाना क्षेत्र से सिंह का क्षत-विक्षत शव बरामद किया था। राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञों के मुताबिक इस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-आठ के तहत मंजिल को बिहार विधानसभा द्वारा अयोग्य ठहराया जा सकता है।

(PTI)

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