Brij Bhusan Sharan Singh: बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिली है। POCSO केस की पीड़ित ने अपना केस वापस लेने का मन बना लिया है। सूत्रों के मुताबिक बृजभूषण पर आरोप लगाने वाली सात पहलवानों में शामिल एक नाबालिग ने पटियाला हाउस कोर्ट और कनॉट प्लेस थाने से अपनी शिकायत वापस ले ली है। सूत्रों की माने तो नाबालिग महिला पहलवान ने में कहा कि उनके साथ बृजभूषण शरण सिंह ने कभी sexual harassment नहीं किया। सूत्रों की जानकारी की तस्दीक कोर्ट में मामले की सुनवाई और आदेश के बाद ही होगी।
बृजभूषण सिंह को बड़ी राहत, नाबालिग ने वापस लिया केस! फिर पहले क्यों दर्ज करवाया था?
Brij Bhusan Sharan : बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिली है। POCSO केस की पीड़ित ने अपना केस वापस लेने का मन बना लिया है।
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Brij Bhusan Sharan
05 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 5 2023 1:30 PM)
इससे पहले बृजभूषण शरण के खिलाफ दो दर्ज एफआईआर का ब्यौरा सामने आया था। दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में रेसलिंग फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर में यौन शोषण की मांग, छेड़छाड़ के कम से कम 10 मामलों की शिकायत है। शिकायत में 10 ऐसे मामलों का जिक्र है जिसमें छेड़छाड़ की शिकायत की गई है।
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क्या-क्या आरोप है?
शिकायत के मुताबिक, गलत तरीके से छूना, किसी बहाने से छाती के ऊपर हाथ रखने की कोशिश या हाथ रखना, छाती से पीठ तक हाथ को लेकर जाना, पीछा करना आदि आरोप शामिल है।
यह शिकायत कनॉट प्लेस थाने में 21 अप्रैल को दी गई थी और दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को दो एफ आई आर दर्ज की थी।
28 अप्रैल को जो FIR दर्ज हुई उसमें जो प्रमुख आरोप है, वो हैं -
दोनों एफआईआर में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) का हवाला दिया गया है, जिसमें एक से तीन साल की जेल की सजा है। पहली प्राथमिकी में छह वयस्क पहलवानों के आरोप शामिल हैं और इसमें डब्ल्यूएफआई सचिव विनोद तोमर का भी नाम है।
दूसरी एफआईआर एक नाबालिग के पिता की शिकायत पर आधारित है और POCSO अधिनियम की धारा 10 को भी लागू करती है, जिसमें पाँच से सात साल की कैद होती है। जिन घटनाओं का उल्लेख किया गया है वे कथित तौर पर 2012 से 2022 तक भारत और विदेशों में हुईं।
नाबालिग की शिकायत
आरोपी ने कस कर पकड़ लिया। तस्वीर खिंचवाने का नाटक किया। अपनी ओर खींचा, कंधे को जोर से दबाया और फिर जानबूझकर उसके शरीर को गलत तरीके से छुआ, जबकि पीड़िता की तरह से स्पष्ट कर दिया गया था कि उसका पीछा न करें।
6 बालिग महिला रेसलर की शिकायत के अनुसार
पहली शिकायत
होटल के रेस्तरां में रात के खाने के दौरान मुझे अपनी मेज पर बुलाया। मुझे टच किया। छाती से पेट तक छुआ। रेसलिंग फेडरेशन के ऑफिस में बिना मेरी इजाजत के मेरे भाई कंधों और हथेली को छुआ। अपने पैर से मेरे पैर को भी टच किया गया। मेरी सांसों के पैटर्न को समझने के बहाने से छाती से पेट तक टच किया।
दूसरी शिकायत
जब मैं चटाई पर लेटा हुआ था, आरोपी (सिंह) मेरे पास आया, मेरे कोच उस वक्त नहीं थे, मेरी अनुमति के बिना मेरी टी-शर्ट खींची, अपना हाथ मेरे ऊपर रख दिया छाती पर और मेरी श्वास की जाँच के बहाने इसे मेरे पेट के नीचे सरका दिया। फेडरेशन के ऑफिस में मैं अपने भाई के साथ थी। मुझे बुलाया और भाई को रुकने को कहा गया, फिर कमरे में अपनी तरफ खींचा जबरदस्ती।
तीसरी शिकायत
माता पिता से बात करने के लिए कहा। मुझे गले लगाया। मुझे रिश्वत देने की बात कही।
चौथी शिकायत
सांस की जांच करने के बहाने नाभि पर हाथ रख दिया।
पांचवी
मैं लाइन में सबसे पीछे थी। तभी गलत तरीके से छुआ, मैंने जब दूर जाने की कोशिश की तो कंधे को पकड़ लिया।
छठी शिकायत
तस्वीर के बहाने कंधे पर हाथ रखा, मैंने विरोध किया।
हालांकि अब जिस तरह से ये खबर आ रही है कि नाबालिग ने केस वापस ले लिया, जाहिर तौर पर ये खबर बृज भूषण शरण सिंह के लिए राहत लेकर आई है।
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