Patna: भारत बंद के दौरान बिहार की राजधानी पटना में एक ऐसी घटना हुई, जिसकी चर्चा अब सोशल मीडिया पर हो रही है। दरअसल, यहां पुलिस अधिकारी भारत बंद को रोकने के लिए ग्राउंड जीरो पर मौजूद थे। मौके पर एसडीएम साहब (SDM) भी मौजूद थे। इस दौरान भीड़ बेकाबू हो गई। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिसवालों ने हल्का बल प्रयोग किया। लाठी चार्ज करना पड़ा। इस दौरान एसडीएम साहब भीड़ में मौजूद थे। एक सिपाही ने उन्हें पहचाना नहीं और भीड़ में शामिल लोगों के साथ-साथ उन पर लाठी बरसा दी। जब मौके पर मौजूद सीनियर पुलिस अफसरों ने ये देखा तो वो हक्के-बक्के रह गए। फिर क्या था, आसपास मौजूद पुलिसवालों ने तुरंत सिपाही के डंडे के आगे अपना हाथ लगा कर उसे रोक दिया। इसके बाद अधिकारियों ने सिपाही को फटकारते हुए बताया कि ये एसडीएम साहब हैं। ये सुनकर सिपाही की सिट्टी-पिट्टी गुल हो गई। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
गजबे हो गया! बिहार में पुलिसवाले ने SDM साहब पर ही बरसा दी लाठी.. फिर जो हुआ उसकी चर्चा हर जगह हो रही है! देखें वीडियो
Bharat Band Bihar SDM Viral Video: भारत बंद के दौरान एक अजीबोगरीब वाकया हुआ। पटना में भारत बंद रोकने के लिए उतरे एक सिपाही ने ऐसी हरकत की, जिसकी चर्चा अब हर जगह हो रही है। दरअसल, इस सिपाही ने SDM साहब पर ही लाठी बरसा दी। बाद में जरूर सीनियर अफसरों ने सिपाही को डांट लगाई और फिर उसने SDM से अपने किये की माफी मांगी।
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• 03:36 PM • 21 Aug 2024
न्यूज़ हाइलाइट्स
बिहार में हो गया अजीबोगरीब कांड
पुलिसवाले ने SDM को मारी लाठी
भारत बंद के दौरान पटना में हुआ वाकया
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जवान ने मांगी एसडीएम से माफी
इस घटना से थोड़ी देर के लिए पुलिस और प्रशासन के बीच असहज स्थिति पैदा हो गई। एसडीएम साहब भी गुस्से में आगबबूला थे। जवान ने एसडीएम से माफी मांगी और कहा कि गलती से हो गया सर। बताया जा रहा है कि भारत बंद के दौरान डाक बंगला चौराहे पर कुछ प्रदर्शनकारी डीजे और ठेले के साथ पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों के हुजूम को रोकने के लिए पुलिस के जवानों ने लाठियां भांजनी शुरू कर दी। इसी दौरान एसडीएम साहब ठेले पर जेनरेटर बंद करवा रहे थे, तभी एक पुलिस वाला पीछे से आया और SDM साहब को दो बार लाठी मार दी।
भारत बंद क्यों?
सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर और कोटा के भीतर कोटा लागू करने का फैसला दिया था, जिसका दलित-आदिवासी संगठन विरोध कर रहे हैं। अब नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशंस नामक संगठन ने इस फैसले के खिलाफ 14 घंटे का भारत बंद का ऐलान किया था। इसको लेकर जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। खासतौर से बिहार और राजस्थान में इसका व्यापक असर देखा जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से नौकरियों में आरक्षण देने के लिए एससी-एसटी वर्ग को सब कैटेगरी में रिजर्वेशन दिए जाने की मांग का मामला लंबित चल रहा था। SC ने एक अगस्त को फैसला सुनाया। कोर्ट ने 2004 के अपने पुराने फैसले को पलट दिया और पंजाब अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2006 और तमिलनाडु अरुंथथियार अधिनियम पर अपनी मुहर लगा दी और कोटा के अंदर कोटा (सब कैटेगरी में रिजर्वेशन) को मंजूरी दे दी।
संगठनों की मांग है कि SC-ST और OBC के लिए आरक्षण पर नया कानून पारित किया जाए और सुप्रीम कोर्ट हाल ही के अपने कोटे में कोटा वाले फैसले को वापस ले या पुनर्विचार करे। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति का कहना है कि यह फैसला अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के संवैधानिक अधिकारों का हनन करता है। भारत बंद का कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल और वामपंथी दलों समेत अधिकांश विपक्षी दलों ने समर्थन किया है। लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) ने भी आंदोलन का समर्थन किया है।
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