Tourism बढ़ाने रैंप से उतरी Beauty Queen, लड़कों को फंसाती थी मिशन के झांसे से, ऐसे पकड़ में आया सिंडीकेट का सिरा

कुछ अरसा पहले कोलंबिया में होमलैंड पुलिस ने एक रैकेट को पकड़ा जो मानव तस्करी के तहत लड़कों को सेक्स रैकेट में धकेलता था। लेकिन लोगों की हैरानी तब ज्यादा बढ़ गई जब उस रैकेट में पुलिस ने एक ब्यूटी क्वीन Kelly Johana Suarez को गिरफ्तार किया, उस ब्यूटी क्वीन के जरिए जो कहानी सामने आई वो और भी ज्यादा हैरतअंगेज थी।

CrimeTak

18 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 23 2024 7:01 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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मॉडलिंग एजेंसी की आड़ में सेक्स टूरिज्म बढ़ाने का आरोप

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गरीबों के लड़के होते थे सिंडीकेट के निशाने पर

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कई देशों तक फैला है रैकेट का नेटवर्क

International Sex Racket: एक ब्यूटी क्वीन अगर किसी बाप के पास जाकर उससे उसके बच्चों को ये कहकर मांगती है कि वो उन बच्चों के साथ कुछ शूट करना चाहती है ताकि बच्चों का भविष्य और उनसे जुड़ी दुश्वारियों के बारे में लोगों को आगाह किया जा सके। तो कोई भी बाप समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए किए जाने वाले इस मिशन में अपने बच्चों को शामिल करने के लिए खुशी खुशी राजी हो सकता है। लेकिन एक बार वो इस मिशन का हिस्सा बनते ही इस मिशन से बाहर निकलने के लिए छटपटाने लगता है।

एक खूबसूरत जाल

क्योंकि इस चकाचौंध और शानदार दिखने वाले मिशन के पीछे की खौफनाक सूरत तभी दिखाई पड़ती है जब कोई उसमें दाखिल होता है। ये वो सच है जो इस वक्त पूरी दुनिया के कई देशों में हो रहा है। ये एक ऐसा खूबसूरत जाल है जिसे दुनिया भर के ग्लैमर्स रैंप पर चलने वाली खूबसूरत ब्यूटी क्वीन के जरिए अंजाम दिया जा रहा है। असल में ये किस्सा तब सामने आया जब कैरेबियाई द्वीप कार्टेजेना से पुलिस ने मानव तस्करी के सिलसिले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया। उन गिरफ्तार लोगों में से एक थी मिस कार्टाजेना ब्यूटी कान्टेस्ट में शिरकत करके दुनिया भर में नाम कमा चुकी ब्यूटी क्वीन केली जोहाना सुआरेज Kelly Johana Suarez

सेक्स टूरिज्म को बढ़ावा देने के इल्जाम में ब्यूटी क्वीन को पकड़ा गया

Sex Tourism को बढ़ावा

इन लोगों पर सेक्स टूरिज्म को बढ़ावा देने का आरोप लगा और इन सबको गिरफ्तार करने के साथ ही पुलिस ने एक इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफाश कर दिया। ये रैकेट अलग अलग मुल्कों में अलग अलग बहानों से नई उम्र के लड़कों खासतौर पर 14 से 25 साल तक के लड़कों को अपना शिकार बनाता था। इस रैकेट की सबसे खास बात ये है कि इनके निशाने पर गरीब और मजदूर तबके के बच्चे ही होते थे जिनके माता पिता पाई पाई को मोहताज होते हैं। ऐसे में वो लोग आमतौर पर अच्छी रकम के झांसे में जल्दी आ जाते हैं और इस मिशन के फरेब में लिपटे रैकेट में अपने बच्चों को खुद ही अपने हाथों से धकेल देते हैं। 

कोलंबियन ब्यूटी क्वीन और फिल्म Sound of Freedom

कुछ अरसा पहले एक फिल्म आई थी 'साउंड ऑफ फ्रीडम'। वो फिल्म एक सच्ची घटना पर ही आधारित थी। कहानी का एक किरदार अपनी सरकारी नौकरी ताक पर रखकर नौजवान होते लड़कों को स्मग्लिंग से बचाने निकलता है और खुद कोलंबिया के जंगलों में ह्यूमन स्मगलरों के चंगुल में जाकर फंस जाता है। उसी फिल्म में ब्यूटी क्वीन के किरदार की झलक दिखी थी जिसे मोहरा बनाकर लड़कों को सेक्स रैकेट में फंसाने का धंधा होता है, मगर उसे एक खूबसूरत और ग्लैमर के लिबास में छुपा दिया जाता है। 

ऐसे ही रैकेट की सच्ची घटना पर बनी है फिल्म साउंड ऑफ फ्रीडम

गरीबों के बच्चे Target

उसी फिल्म की तर्ज पर केली जोहाना सुआरेज Kelly Johana Suarez भी कोलंबिया के एक सेक्स रैकेट का हिस्सा बनती है और ठीक उसी तर्ज पर गरीब मजदूर और किसानों के लड़कों को अपने निशाने पर लेकर उन्हें बरगलाकर या पैसों का लालच देकर सेक्स रैकेट के धंधे में धकेल देती थी। 
खुलासा हुआ है कि इस सेक्स रैकेट का नेटवर्क कोलंबिया के अलावा होंडुरास और केरेबियाई द्वीपों के कई और देशों में फैला हुआ है। यहां ये लोग सयाने होते लड़कों को अपने जाल में फंसाते हैं और उन्हें ऐसी पार्टी में भेजते हैं जहां अलग अलग देशों की महिलाएं अपनी हवस मिटाने के लिए आती हैं। ये रैकेट चंगुल में फंसे नौजवान लड़कों को उन्हीं बड़ी उम्र की महिलाओं की सर्विस में मुंह मांगी कीमत पर भेजता था और बदले में लड़कों को चंद सिक्के देकर उनका मुंह बंद कर देता था। ये रैकेट और इसका नेटवर्क इतना मजबूत और जबरदस्त है कि कोई भी लड़का इस रैकेट के चंगुल से जिंदा नहीं लौट पाता।

केली सुआरोज को नौ लोगों के साथ कोलंबिया में गिरफ्तार किया गया

केली का बचपन गरीबी में गुजरा

अब सवाल उठता है कि ये ब्यूटी क्वीन केली जोहाना सुआरेज़  कौन है। तो इसके बारे में खुलासा हुआ है कि कोलंबिया के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली केली का बचपन बेहद अभावों में गुजरा। आसपास के माहौल को देखते हुए बड़ी हुई केली के मन में हमेशा से ही पैसे कमाने की ललक बढ गई। वो अपने बचपन की तकलीफों को भुलाकर आरामपसंद ऐशो आराम की जिंदगी जीना चाहती थी। उसने सामाजिक कामों की पढ़ाई के लिए कॉलेज में दाखिला लिया था। उस वक्त तक वो उन नौजवानों की मदद करने का सपना भी देख रही थी जो अपनी अपनी गरीबी की वजह से अपने सपनों को भूल चुके हैं। 

अपनी मॉडलिंग एजेंसी खोली

2013 में केली ने पहली बार एक सौंदर्य प्रतियोगिता यानी ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया और यहां से उसने मॉडलिंग की दुनिया में पहली बार कदम रखा। वहां उसने पैसों और अमीर होने की हैसियत का अहसास हुआ। लिहाजा उसने एक खुद की एजेंसी खोली जिसका मकसद तो था प्रतिभाओं की खोज करना। लेकिन गुजरते वक्त के साथ वो इस रैकेट का हिस्सा बनती चली गई। 

पैसों का लालच ले आया धंधे में

बताया जा रहा है कि कैली को पहली बार बच्चों की तस्करी के सिलसिले में साल 2014 में भी गिरफ्तार किया गया था। लेकिन तब सबूतों की कमी की वजह से वो जल्दी छूट गई थी। खुलासा ये है कि मॉडलिंग एजेंसी होने की वजह से कैली सुआरेज का साथ कई ऐसे कार्यक्रमों का हिस्सा होने से होता रहा जिसकी चकाचौंध की आड़ में सब कुछ अनैतिक होता रहता है। उसी दौरान कैली से कुछ ऐसे लोगों ने संपर्क किया जो मानव तस्करी के इंटरनेशनल रैकेट का हिस्सा थे। बेहिसाब पैसों का लालच केली को फिर ज्यादा देर तक उसे आदर्शों पर टिके नहीं रहने दे सका। 

रैकेट में फंसाने का चारा

पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक ये रैकेट सबसे पहले उन जगहों को निशाने पर लेता है जहां कोई ब्यूटी कॉन्टेस्ट या इस तरह का कोई आयोजन होता है। उस शहर के आस पास गरीबों और मजदूरों की बस्तियों की गिरोह के लोग रेकी करते हैं। और इस बात का पता लगाते हैं कि वहां के लोगों की पहली जरूरत क्या है। आमतौर पर गरीब लोगों की पहली जरूरत परिवार की सुरक्षा और बच्चों की परवरिश के लिए पैसों का इंतजाम ही होता है। ऐसे में ये लोग चंद पैसों की खातिर इस रैकेट के फैलाए झांसे में फौरन आ जाते हैं। 

कई मुल्कों तक फैले हैं तार

पुलिस और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक एक बार इस रैकेट के चंगुल में फंसने के बाद किसी को यहां से बाहर निकलते नहीं देखा गया। इस धंधे में इतना पैसा है कि वो फिर इस चंगुल में रहकर अपनी मनचाही जिंदगी जीने को मजबूर हो जाते हैं। मीडिया में छपी खबरों पर यकीन किया जाए तो इस रैकेट के तार दुनिया के कई मुल्कों तक फैले हुए हैं। खासतौर पर वो मुल्क इस तरह के रैकेट और उनके नेटवर्क के निशाने पर हैं जहां गरीबी ज्यादा है और बच्चे छोटी छोटी चीजों के लिए तरसते हैं। 

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