Baba Bageshwar Dham: 'रामचरितमानस का विरोध करने वाले लोग कैंसर हैं'

Baba Bageshwar Dham: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जो लोग रामचरितमानस का विरोध करते हैं, उसकी प्रतियां जलाते हैं, ऐसे लोग कैंसर हैं। इन्हें भारत में रहने का अधिकार नहीं है।

CrimeTak

02 Feb 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:35 PM)

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समर्थ श्रीवास्तव के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Baba Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि रामचरितमानस का विरोध करने वाले लोग कैंसर हैं। इन्हें भारत में रहने का अधिकार नहीं है।

क्या-क्या बोले पंडित धीरेंद्र शास्त्री?

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भविष्य बताना एक सिद्धि है। इससे पहले धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र बनाने पर जोर दिया था। धीरेंद्र शास्त्री का ये बयां स्वामी प्रसाद मोर्या के रामचरित मानस वाले बयां के बाद आया है। गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि धीरेंद्र शास्त्री दिमाग से दिवालिया हैं। ऐसे लोग मंद बुद्धि होते हैं।

ध्यान रहे कि नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उनके खिलाफ महाराष्ट्र के जादूटोना विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की मांग हुई थी। चुनौती दी गई थी कि अगर वो वाकई सबके बारे में सब जान लेते हैं, तो अंधश्रद्धा उन्मूलन समीति के सामने आएं। अगर वो जीत गए, तो उन्हें 30 लाख रुपये दिये जाएंगे। इल्ज़ाम है कि धीरेंद्र शास्त्री ने चैलेंज स्वीकार नहीं किया और जो कार्यक्रम 13 जनवरी तक चलना था, उससे 11 जनवरी को ही लौट गये, लेकिन उनके समर्थकों ने नागपुर में अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति की सभा में हंगामा कर दिया।

कौन है धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ?

Bageshwar Dham Sarkar: धीरेंद्र कृष्ण के दादा भगवान दास गर्ग पहले दिव्य दरबार लगाते थे। वे निर्मोही अखाड़े से जुड़े थे। उनकी मौत के बाद धीरेंद्र भी छतरपुर के गांव गड़ा में बालाजी हनुमान मंदिर के पास दिव्य दरबार लगाने लगे।

बागेश्वर धाम एमपी में एक धार्मिक तीर्थ स्थल है। यहां भगवान बाला जी बागेश्वर धाम (हनुमान मंदिर) में विराजमान है। धीरेंद्र शास्त्री भगवद् महापुराण के कथावाचक है। उनका जन्म 4 जुलाई 1996 को हुआ था। वो गांव गढ़ा में पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम राम करपाल गर्ग है। उनकी माता का नाम सरोज गर्ग है। उन्होंने अपने दादा भगवान दास गर्ग से ही दीक्षा ली। धीरेंद्र कक्षा 12 वीं तक पढ़े हैं। इसके बाद वो कथावाचक बन गए।

ये बाबा धीरेंद्र शास्त्री तो कमाल करते हैं, लोग बवाल करते हैं!

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