जेल से दी गई अतीक और अशरफ की सुपारी! इस गैंग ने रची थी ये साज़िश!

Atiq and Ashraf Killed : अतीक और अशरफ को गोली मारने वाले तो पुलिस की हिरासत में हैं, और अब जो खुलासा सामने आया है उसके मुताबिक इन दोनों माफिया डॉन को गोली मारने की सुपारी जेल में बंद एक गैंग ने इन तीन हमलावरों को दी। खुलासा ये भी है कि इन तीनों ह

अतीक और अशरफ को मारने की सुपारी जेल से दी गई?

अतीक और अशरफ को मारने की सुपारी जेल से दी गई?

16 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 16 2023 1:40 PM)

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उमेश पाल की हत्याकांड की सारी साज़िश जेल में रची गई थी...इल्जाम की उंगलियां माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तरफ उठी थीं। और अतीक और अशरफ को मारने का इशारा भी जेल के भीतर से ही हुआ है। ये सनसनीखेज खुलासा उस वक़्त सामने आया जब अतीक और अशरफ को पुलिस के पहरे के बीच में प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारने वाले तीन हमलावरों से पुलिस ने पूछताछ की। पुलिस के सूत्रों से पता चला है कि तीनों हमलावरों ने इस साज़िश के लिए जिसका नाम इशारों ही इशारों में बताया है वो प्रयागराज से कोसों दूर एक जेल में बैठा हुआ है। 

पुलिस की हिरासत में प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज के परिसर के भीतर मीडिया के कैमरों के सामने उत्तर प्रदेश के दो बड़े माफिया का इस तरह शूटआउट सनसनी फैलाने के लिए काफी है। कॉल्विन अस्पताल के भीतर जिस तरह पुलिस के पहरे में मौजूद अतीक और अशरफ को गोली मारी गई और उसके बाद तीनों हमलावरों ने बड़े तरीके से हत्या के बाद खुद को पुलिस के हवाले कर दिया ये भी अपने आप में चौंकानें वाला पहलू है...साथ ही तस्वीर का एक रुख तो साफ कर ही देती है कि ये हत्या असल में एक पूरा पहले से रचा रचाया ड्रामा है...यानी एक गहरी साज़िश को बड़े ही तौर तरीके से न सिर्फ उसका मंचन किया गया और फिर उसे एक नतीजे तक भी पहुँचा दिया गया। लेकिन जिस तरीके से ये सब कुछ हुआ उससे ये भी अंदाजा मिल ही जाता है कि ये सब कुछ किसी के इशारे पर हुआ है। 

अब सवाल उठता है कि अगर ये सब कुछ किसी के इशारे पर हुआ तो वो कौन है जिसने यूपी के इतने बड़े माफिया को इस तरह से मौत के घाट उतारा आखिर वो कौन हो सकता है। इस सवाल का कुछ हद तक जवाब उन तीनों हमलावरों के सीने में मौजूद हो सकता है जो अब हत्या की वारदात क बाद पुलिस की हिरासत में हैं। 

अतीक और अशरफ को गोली मारने वाले दो हमलावर अरुण मौर्या और सन्नी

अब तक की पुलिस की जांच में ये बात कुछ हद तक निकलकर भी सामने आ रही है कि इस हत्याकांड की पूरी साज़िश जेल में ही रची गई। और इस मामले में पुलिस के सूत्र बताते हैं कि अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के सिलसिले में पुलिस ने अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और रोहित उर्फ सन्नी को दबोचा है। लेकिन जिस बात ने पुलिस का ध्यान अपनी तरफ खींचा वो है रोहित उर्फ सन्नी का अतीत। क्योंकि उसके तार सुंदर भाटी गैंग से जुड़ा बताया जा रहा है। रोहित उर्फ सनी पर पहले से ही कुछ आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि लवलीश भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। और अरुण मौर्य के बारे में ये बात खुद उसके घरवालों ने बताई कि उसने जीआरपी के एक सिपाही की हत्या कर दी थी। 

मगर 15 अप्रैल की रात को इन तीनों ने जब अतीक और अशरफ की हत्या के बाद अपने हथियार पुलिस के सामने डाले और खुद को बड़ी आसानी से पुलिस के हवाले कर दिया। तब पुलिस ने पूछताछ में इनके अतीत और इस गहरी साज़िश के कुछ तार जरूर टटोलने की कोशिश की। पुलिस को इस साज़िश के तार इन तीनों हमलावरों के अतीत से झांकते दिखाई दे रहे हैं। ऐसा पुलिस का अंदाजा है कि तीनों ही शूटर्स को जेल में बंद एक सज़ायाफ्ता माफिया के गुर्गों के जरिए ही मुहैया करवाए गए हैं। 

अतीक और अशरफ को गोली मारने वाले हमलावरों में सबसे खास लवलीश

यानी ये बात करीब करीब साफ हो जाती है कि ये साज़िश तीनों हमलावरों की तो नहीं थी। बस इतना कहा जा सकता है कि ये इस साज़िश की बिसात पर चलने वाले मोहरे भर थे। इनकी डोर तो कहीं और थी जिसे हिलाने वाले हाथ भी किसी और के थे। पुलिस को इन हमलावरों से पूछताछ के दौरान कुछ और पता चला है वो ये कि जिस माफिया ने इन तीनों को अतीक और अशरफ को ठिकाने लगाने की सुपारी दी थी उसका नाम सुंदर भाटी गैंग से जोड़ा जा रहा है। यानी अब तक की पूछताछ में पुलिस ने अतीक और अशरफ को मार गिराने वाले इस शूटआउट की साजिश रचने वाले की शक्ल का जो खाका तैयार किया वो सुंदर भाटी गैंग का चेहरा दिखाता है। और हमलावरों से निकली जानकारी के मुताबिक ये बात पुलिस को पता चली है कि तीनों हमलावरों को इस बात का भरोसा दिया गया था कि अतीक और अशरफ को मारने के बाद वो तीनों ही इस प्रदेश में जुर्म की दुनिया के बड़े नाम बन जाएंगे...उनके नाम का सिक्का भी चलेगा। बस जरूरत इस बात की है कि अतीक और अशरफ को मारने के बाद वो किसी पुलिसवाले को न मारें..यानी सुंदर भाटी गैंग ने तीनों हमलावरों को कुछ इस तरह तैयार करवाया कि वो लोग न सिर्फ अतीक और अशरफ की प्रयागराज में रेकी करेंगे और फिर तय प्लानिंग के मुताबिक पुलिस के पहरे में ही दोनों को गोली से उड़ाएंगे साथ ही साथ वो अपने हथियार फेंककर पुलिस के सामने सरेंडर कर देंगे। 

इससे तीनों को पुलिस की हिरासत में भेजकर उन्हें कानूनन सज़ा तो दी जाएगी मगर इससे जुर्म की दुनिया में उनका रुतबा कायम हो जाएगा। 

यानी क्या अजीब इत्तेफाक है कि जिस अतीक ने उमेश पाल की हत्या के लिए जेल में बैठकर साजिश रची, जिस ज़मीन पर अपनी जुर्म की इमारत बुलंद की, उसी तरह से अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतारने की साज़िश जेल की सलाखों के पीछे ही रची गई और उसी ज़मीन पर उसे उसके भाई और उसके रसूख के साथ मिट्टी में मिला दिया गया जहां उसने अपनी जुर्म की हुकूमत कायम की थी। और ये सब कुछ हुआ बस एक मिनट में...वो भी लाइव कैमरा एक्शन की तर्ज पर। 

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