13 अप्रैल की दोपहर करीब पौने एक बजे टीवी न्यूज़ चैनलों की स्क्रीन अचानक एक ही खबर से रंगी थी। ब्रेकिंग न्यूज की शक्ल में जिस खबर ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींच वो थी यूपी के माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे और प्रयागराज हत्याकांड के आरोपी असद अहमद और शूटर गुलाम मोहम्मद का एनकाउंटर। उमेश पाल की हत्या के 49वें दिन यूपी पुलिस ने असद और गुलाम मोहम्मद को एनकाउंटर में झांसी के पास पारीछा में ढेर कर दिया और झांसी से लेकर लखनऊ तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पुलिस की कामयाबी के गुणगान से गूंज उठा। कुछ देर तक तो इसी मामले में आती ताजा खबरों से टीवी चैनल की स्क्रीन रंगती और सजती रहीं, लेकिन टीवी की खबरों से हटकर लोगों की जुबान पर एक ही बात नज़र आ रही थी, वो थी कि अब अगला नंबर किसका है?
Asad Encounter Update: असद के एनकाउंटर के बाद अब STF के टारगेट पर है ये शूटर, पांडे जी को साथ लेकर गुड्डू मुस्लिम को ढूंढ़ने निकलेगी पुलिस
Asad Encounter Update: प्रयागराज हत्याकांड के 49 वें दिन पुलिस ने अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम मोहम्मद को एनकाउंटर में मार गिराने के बाद अब बचे हुए बमबाज गुड्डू शूटर पर निशाना साधा है। खुलासा है कि इस फरार मुल्जिम का सुराग पुलिस को मिल गया है।
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असद और गुलाम को मारने के बाद अब पुलिस ने साधा हैै अतीक के इस खास शूटर पर निशाना
14 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 14 2023 4:01 PM)
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गूगल के सर्च इंजन से लेकर तमाम सूत्रों तक के फोन घनघनाने लगे। पुलिस अफसरों से लंबी लंबी बातों का सिलसिला चलने लगा...अदना से लेकर आला पुलिस अफसर अपने अपने संपर्क के न्यूज रिपोर्टर को अपनी अपनी समझ के जवाब देकर उनकी बेचैनी को शांत करने में लगे रहे। तभी इस बात की खबर अचानक हवा में उड़ी कि प्रयागराज हत्याकांड का बमबाज गुड्डू मुस्लिम पुलिस को नज़र आ गया। और फिर ये बेपर की खबर अचानक उड़ने लगी कि यूपी पुलिस और STF को गुड्डू मुस्लिम का पता मिल गया है। यानी अब अगला नंबर गुड्डू मुस्लिम का हो सकता है। पुलिस के सूत्रों के हवाले से सामने आई खबरों पर यकीन किया जाए तो पुलिस और एसटीएफ की टीमें गुड्डू मुस्लिम के बेहद नज़दीक पहुँच चुकी हैं।
यानी 24 फरवरी को हुए प्रयागराज हत्याकांड के बाद करीब 45 दिन तक परछाइयों का पीछा करने वाली यूपी की पुलिस अचानक एक्शन मोड में आती दिखाई देने लगी है। प्रयागराज में मौका ए वारदात पर बम मारकर सारे आलम को धुआं धुआं करने वाला गुड्डू मुस्लिम भी अब पुलिस को नजर आ गया है जो अभी तक पुलिस को चकमा देकर आंख मिचौली खेल रहा था। और पुलिस के सूत्रों का दावा है कि अगले कुछ घंटों या फिर अगले कुछ दिनों के भीतर गुड्डू मुस्लिम भी पुलिस के शिकंजे में होगा।
इस बीच पुलिस के सूत्रों का कहना है कि तफ्तीश में जुटी टीम माफिया सरगना अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ से पूछताछ कर रही है। खुलासा हा है कि अतीक और अशरफ ने पुलिस को कई सुराग दिए हैं जिनकी तस्दीक के लिए पुलिस दोनों भाइयों के लेकर कौशांबी और फतेहपुर जाएगी साथ ही पुलिस दोनों के साथ प्रयागराज के कई इलाकों की भी छानबीन करेगी।
खबर सामने आई है कि यूपी एसटीएफ की टीम उस शख्स तक जा पहुँची है जिसने गुड्डू मुस्लिम को पनाह दी थी। उस शख्स का नाम सतीश पांडे बताया जा रहा है। ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि सतीश पांडे को साथ लेकर यूपी पुलिस की एसटीएफ गुड्डू मुस्लिम की तलाश में निकलेगी। हालांकि सतीश पांडे और गुड्डू मुस्लिम के बीच सीधा कनेक्शन पुलिस अभी तक नहीं ढूंढ़ सकी है। फिर भी ये जरूर पता चल गया है कि किसी खनन माफिया के जरिए दोनों की मुलाकात हुई थी। ये खनन माफिया झांसी का ही बताया जा रहा है और उसी के कहने पर सतीश पांडे ने गुड्डू मुस्लिम की मदद की थी। यानी उसे अपने घर पर पनाह दी थी।
पुलिस की अब तक की तफ्तीश से पता चला है कि उमेश पाल की हत्या के अगले रोज ही गुड्डू मुस्लिम झांसी पहुँच गया था और वहां परीछा पावर प्लांट की कॉलोनी में रहने वाले सतीश पांडे में छुप गया था। पता ये भी चला है कि गुड्डू मुस्लिम के वहां से चले जाने के कुछ रोज बाद ही असद और गुलाम मोहम्मद भी वहीं जाकर ठहरे थे। यानी वो एक ऐसा महफूज ठिकाना था जहां तक पुलिस की नजर नहीं पहुँच पा रही थी।
24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के बाद से उत्तर प्रदेश की पुलिस को पांच शूटरों की तलाश थी। जिसमें सबसे खास था अतीक अहमद का बेटा असद। इसके अलावा गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और साबिर के अलावा आफताब और विजय चौधरी यानी उस्मान चौधरी भी पुलिस की तलाश की लिस्ट में शामिल थे। पुलिस ने शुरू के दिनों में ही दो लोगों को यानी उस्मान चौधरी और आफताब को एनकाउंटर में निपटा दिया था। जबकि 13 अप्रैल को एसटीएफ ने असद और गुलाम मोहम्मद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। अब बचा है साबिर और गुड्डू मुस्लिम।
इनके अलावा पुलिस को अभी अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की भी तलाश है, क्योंकि इस पूरी साज़िश के बारे में शाइस्ता परवीन अहम कड़ी है।
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