Arvind Kejriwal: केजरीवाल को लेकर आज फैसले का दिन, क्या मिलेगी राहत?

Arvind Kejriwal Arrest: दिल्ली के शराब घोटाले मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल के हाईकोर्ट से राहत मिलेगी या नहीं, ये दोपहर बाद पता चलेगा।

Arvind Kejriwal

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09 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 9 2024 12:35 PM)

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Arvind Kejriwal Arrest: दिल्ली के शराब घोटाले मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल के हाईकोर्ट से राहत मिलेगी या नहीं, ये दोपहर बाद पता चलेगा। केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आने वाला है। केजरीवाल ने अपनी याचिका के मार्फत गिरफ्तारी और ईडी रिमांड का विरोध किया था।

हाईकोर्ट की जज जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा अपना फैसला सुनाएंगी। हाल ही में संजय सिंह को अदालत से बेल मिली है। पिछली सुनवाई पर सीएम केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और ASG राजू के बीच जोरदार बहस हुई थी।

एएसजे राजू ने केजरीवाल को लेकर यहां तक कहा दिया था कि मैं देश को लूट लूंगा लेकिन मुझे मत टच करो, क्योंकि चुनाव हैं, ये किस तरह की बहस है। इससे कैसे बुनियादी ढांचा प्रभावित हो रहा है?

ASG राजू ने कहा था - एक आतंकवादी का मामला लीजिए जो एक राजनेता भी है। उसने सेना के वाहन को उड़ा दिया और कहा कि मैं चुनाव में भाग लेने जा रहा हूं, इसलिए तुम मुझे छू नहीं सकते? ये कैसा तर्क है? ये कहते हैं कि अगर मैने कुछ किया तो मेरे घर से कुछ नहीं मिला, लेकिन आपने तो धन किसी और को दे दिया तो आपके घर में कैसे मिलेगा?
उधर, केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी जोरदार बहस की थी।  सुनवाई की शुरुआत करते हुए सिंघवी ने कहा था - गिरफ्तारी का एकमात्र उद्देश्य मुझे अपमानित करना है। गिरफ्तारी का असली उद्देश्य मुझे अक्षम बनाना है। क्या केजरीवाल के भागने की आशंका थी? क्या उन्होंने डेढ़ साल में किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की। क्या उन्होंने पूछताछ से इंकार किया? मैंने ईडी के हर समन का विस्तार से जवाब दिया है।

सिंघवी ने कहा था - केस दर्ज होने के 2 साल बाद केजरीवाल की भूमिका की जांच के लिए ईडी को कस्टडी चाहिए। यह गिफ्तारी का आधार कैसे हो सकता है? प्रवर्तन निदेशालय की ये दलीलें बेमानी है कि चूंकि निचली अदालत में केजरीवाल ने रिमांड पर भेजे जाने का विरोध नहीं किया, इसलिए अब इस केस में गिरफ्तारी/रिमांड को चुनौती देने वाली उनकी याचिका निष्प्रभावी हो गई है। ED की ये दलील तो कानून की समझ से भी परे है।

अब देखना होगा कि जोरदार बहस के बाद अदालत का क्या रुख होता है?

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