Ankita murder case : अंकिता भंडारी मामले में पटवारी ने किया बड़ा खुलासा

Ankita murder case : अंकिता भंडारी मामले में लगातार एक नाम सामने आ रहा है वैभव प्रताप, जो गंगाभोगपुर तल्ला बनास क्षेत्र का पटवारी है, जिस पर आरोप हैं की उसने समय रहते करवाई नहीं की। उसने क्या कहा

CrimeTak

27 Sep 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:27 PM)

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Ankita murder case : अंकिता भंडारी हत्याकांड में लगातार एक नाम सामने आ रहा है, वैभव प्रताप जो गंगाभोगपुर तल्ला बनास क्षेत्र का पटवारी है, जिस पर आरोप लग रहे हैं की उसने समय रहते करवाई नहीं की और छुट्टी पर विवेक को चार्ज देकर चला गया। इसके बाद विवेक को इस पूरे मामले में लापरवाही के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया और उसे सस्पेंड कर दिया गया।

पटवारी वैभव प्रताप ने हमारे सहयोगी चैनल आजतक को फ़ोन किया जिसमें कई सवालों का जवाब देते हुए वैभव ने यह अहम जानकारियां दी है।

वैभव प्रताप ने जो बयान दिया वो इस प्रकार है :

मेरे पास 19 की सुबह 2 बजे पुलकित आर्य आया था और कहा की मेरे रिसोर्ट से एक लड़की गायब है, उसकी एफआईआर कर दो । मैंने कहा ऐसे एफआईआर नही होती है 24 घंटे तक यदि लड़की नहीं आती तब एफआईआर लिख सकते हैं, यह कानून है। इसके इलावा मैंने पुलकित को लड़की (अंकिता) के माता पिता को फ़ोन करने के लिए कहा। पुलकित कहता है मेरे पास उनका नम्बर नही है। उस समय वहां गंगा भोगपुर के प्रधान भी थे और भी लोग थे कोई अकेले में नहीं मिला मैं।

उसके बाद मैंने पुलकित को कहा की जांच के लिए लड़की की फ़ोटो आधार कार्ड कुछ तो दो। पुलकित ने मुझे आधार कार्ड दिया। इस बीच मेरे पास तहसीलदार साहेब का फ़ोन आया क्योंकि मेरे पिताजी की तबीयत काफी दिन से खराब थीं में कहा मैं छुट्टी पर चला जाऊं, तो खुद तहसीलदार साहेब ने मुझे जाने के लिए कह दिया।

पुलकित ने जब मुझे आधार कार्ड दिया तो मैने ही सबसे पहले पटवारियों के व्हाट्सएप्प ग्रुप में सूचना फ्लैश की उसके बाद मेरे पास अंकिता के पिता का फ़ोन 5 बजे आया और मैंने उनसे पूछा की आपकी बेटी की गुमशुदगी की सूचना है आपकी मैनेजरों से बात होगई? लड़की के पिता ने कहा की हाँ हो गई है। और कुछ नही कहा मैंने इस बात के सबूत अपने अधिकारियों को दे दिए हैं।

यह रिसोर्ट 2010 साल से बना हुआ है, पहले यह आंवला फैक्ट्री हुआ करती थी । यहां पर अभी 2 महीने पहले NGT की तरफ से एक टीम भी आई थी और जायज़ा लेकर चली गई मुझे नहीं पता कि क्या हुआ।

वैभव ने कहा, 'पुलकित से मेरी कोई दोस्ती नहीं मेरा कॉल रिकॉर्ड, रिसोर्ट की सीसीटीवी फुटेज खंगाल सकती है पुलिस। मैंने कभी खुद से उसे कॉल भी नही किया होगा।

हम पिछले 1 साल से मांग कर रहे हैं की हम राजस्व का काम देखते हैं यह कानून व्यवस्था का अतिरिक्त भार हम पर क्यों डाला गया है। यह तीनों शातिर बदमाश हैं जैसे कि सामने आया है हमारे पास सुरक्षा के लिए हथियार तक नहीं हैं? हमारे संघ ने 1 साल पहले प्रदर्शन भी किया था।

शाम को 7:30 बजे जब मैं तहसीलदार साहेब (मंजीत सिंह) से मिला था तब मैंने उनको सब बता दिया था की ऐसे ऐसे मामला आया है और लड़की के परिजन मिलने आएंगे। विवेक जो मेरा चार्ज ले रहा था उसे भी समझा दिया था। मेरे पिताजी कई साल से बीमार हैं इसकी भी जांच के लिए में तैयार हूं। मैंने तो खुद लड़की के पिता तक सूचना पहुंचाई। इसके सबूत मैने अधिकारियों को भी दे दिया हैं। फ़ोन मैंने इसलिए बन्द किया है की मुझे बार बार फ़ोन करके प्रताड़ित किया जा रज है। मैं भी इंसान हूँ मेरे पिताजी बीमार हैं मेरा क्या कसूर हैं।'

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