मुस्लिम लड़की से प्यार करने पर मां-बाप और मामा ने काट दिया था गला, 15 जनवरी को सजा का ऐलान

Ankit Saxena murder case: पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में हुए अंकित सक्सेना हत्याकांड में तीस हजारी कोर्ट 15 जनवरी को सजा का ऐलान करेगी

Crime Tak

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07 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 7 2024 1:30 PM)

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Ankit Saxena murder case: पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में हुए अंकित सक्सेना हत्याकांड में तीस हजारी कोर्ट 15 जनवरी को सजा का ऐलान करेगी. फरवरी 2018 में हुए चर्चित अंकित सक्सेना हत्याकांड में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए अंकित की प्रेमिका के माता-पिता और मामा को हत्या का दोषी करार दिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली पुलिस यह साबित करने में सफल रही है कि पेशे से फोटोग्राफर 23 वर्षीय अंकित सक्सेना की हत्या के पीछे की वजह उसका दूसरे धर्म की लड़की से प्रेम संबंध था. यह बात लड़की के परिवार को पसंद नहीं थी.

घटना वाले दिन लड़की (अंकित की प्रेमिका शहजादी) घर से निकल गयी थी. इससे नाराज होकर उसके पिता अकबर अली, मां शहनाज बेगम और मामा मोहम्मद सलीम ने रघुबीर नगर में बीच सड़क पर अंकित सक्सेना की गला काटकर हत्या कर दी. तीस हजारी कोर्ट ने तीनों आरोपियों को हत्या के समान इरादे से अपराध करने का दोषी ठहराया है. कोर्ट ने अंकित की मां से मारपीट के मामले में लड़की की मां को अलग से दोषी ठहराया है. इस मामले में लड़की का नाबालिग भाई भी आरोपी है. उसके खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में मामला चल रहा है.

लड़की ने अपने परिवार को दोषी

अंकित की गर्लफ्रेंड शहजादी ने दावा किया था कि उसकी जान को खतरा है, जिसके बाद अंकित को नारी निकेतन भेज दिया गया था. लड़की ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में कहा था कि उसके प्रेमी अंकित की ऑनर किलिंग के लिए उसके परिवार वाले जिम्मेदार हैं और वह उनसे डरी हुई है. उन्होंने कहा था, 'जब मुझे (अंकित को लेकर परिवार की योजना) पता चला तो मैं उससे मिलने जा रही थी. मेरे परिवार ने उसे मार डाला है. ये मेरे चाचा ने किया है'. लड़की ने बताया था कि वह और अंकित शादी करने वाले थे. पुलिस जांच में पता चला कि अपराध में इस्तेमाल किया गया हथियार शहजादी के पिता का था, जो पेशे से कसाई है.

पुलिस के मुताबिक, 'लड़की के छोटे भाई, मां, पिता और मामा ने अंकित को रास्ते में रोक लिया था. उस के हाथ में चाकू देख कर अंकित ने अपने प्रेम प्रसंग से इनकार कर दिया था, ताकि उस की जान बच सके. इस मामले में कोर्ट तीनों दोषियों (मां, पिता और मामा) की सजा पर 15 जनवरी को फैसला सुनाएगी. साथ ही तीस हजारी कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष से हलफनामा दाखिल करने को कहा है. दिल्ली पुलिस केस लड़ने में हुए खर्च और पीड़ित परिवार को मुआवजे को लेकर भी रिपोर्ट दाखिल करेगी. कानून विशेषज्ञों के मुताबिक, हत्या के दोषी पाए जाने पर अधिकतम मौत की सजा और न्यूनतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है.

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