यूपी की कानपुर पुलिस का नया कारनामा सामने आया है। पुलिस ने गैंगरेप के उस आरोपी को ही फरार बता दिया जो हर दिन तहसील में ड्यूटी करने जा रहा था। मगर जब दबाव बढ़ा तो पुलिस ने मंगलवार को घर से उसकी नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी की।
बिक गई कानपुर पुलिस? गैंगरेप के ऑन ड्यूटी आरोपी को बता दिया फरार!
Allegation on Kanpur Police That they let accused flee
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16 Dec 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:11 PM)
क्या है मामला?
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लेखपाल और उसके 3 साथियों पर आरोप है कि ककवन इलाके में उसने महज़ 15 साल की नाबालिग बच्ची के साथ ना सिर्फ GANGRAPE किया बल्कि उसे कई दिनों तक रोज उसका शोषण करने लगे, यहां तक कि वह गर्भवती हो गई। उसके गर्भवती होने का पता चलने पर पीड़िता के पिता ने 11 अक्टूबर 2021 को लेखपाल रंजीत बरबार, करन उर्फ बड़ऊ और 2 अज्ञात पर रिपोर्ट कराई थी। 2 दिन पहले, यानि सोमवार को पीड़िता की हालत खराब हो गई। उसे हैलट में भर्ती कराया गया। प्रसव के दौरान नवजात के साथ ही मंगलवार को उसकी भी मौत हो गई। पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए कानपुर आईजी रेंज प्रशांत कुमार ने जांच का आदेश दिया है।
आरोपी ने पुलिस को दिए 6 लाख रुपये?
पीड़िता के ताऊ ने बताया कि 25 दिन पहले आरोपी लेखपाल उत्तरीपुरा में मिला था। तब उसने कहा था कि उसने जांच अधिकारी यानी, सीओ बिल्हौर राजेश कुमार को 6 लाख रुपए दे दिए हैं। अब उसका कुछ नहीं होगा। सीओ राजेश ने साठगांठ के बाद FIR से एससी एसटी एक्ट हटा दिया, जबकि अभी 2 आरोपियों के नाम ही सामने नहीं आए हैं। लेखपाल के एससी होने के चलते FIR से ही एससी-एसटी एक्ट हटा दिया।
पीड़िता को मारने की कोशिश की
आरोप है कि सोमवार शाम को लेखपाल किशोरी को अकेला पाकर लेखपाल झोपड़ी में घुस आया था। मुकदमा वापस नहीं लेने की बात पर पीड़िता को जमकर लात-घूसों से पीटा था। 6 महीने की गर्भवती के पेट में लात मारने से उसकी हालत बिगड़ गई और ये देखकर लेखपाल भाग निकला था। गंभीर हालत में पीड़िता को लेकर परिजन सीएचसी और फिर हैलट पहुंचे थे। प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई।
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