आगरा के मॉल में बच्ची के साथ हुआ खौफनाक हादसा, छोटे बच्चों के साथ बाहर जाएं तो मां-बाप बरतें ये सावधानियां..

Agra Mall Child Run Over by Car Dies CCTV: आगरा में एक मॉल में जो कुछ हुआ, उससे दिल पसीज गया। एक डेढ़ साल की मासूम पर गाड़ी चढ़ गई। आनन फानन में मां-बाप उसे लेकर अस्पताल पहुंचे पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस घटना की जांच कर रही है, लेकिन इस हादसे के लिए गाड़ी चलाने वाले के साथ-साथ लापरवाही बरतने वाले मां-बाप भी कम जिम्मेदार नहीं हैं।

CrimeTak

12 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 12 2024 2:04 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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आगरा के मॉल में बच्ची की मौत

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घटना सीसीटीवी में कैद

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पुलिस कर रही है आरोपी की तलाश

Agra News: अगर आप मॉल जाते हैं, तो ये खबर आपके लिए हैं। कभी भी मॉल या बाजार में बच्चों को एक पल के लिए भी अकेले न छोड़ें, वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती है और जीवन भर आपको पछतावा हो सकता है। आगरा के मॉल में कुछ ऐसा ही हुआ। पति-पत्नी शॉपिंग करने गए थे। वो मॉल की पार्किंग में पहुंच कर शॉपिंग का सामान चेक कर रहे थे कि अचानक उनका बच्चा एक कार के नीचे आ गया। बच्चे की मौत हो गई। इसमें मां-बाप से लेकर उस गाड़ी वाले की गलती है, जिसने बच्चे को कुचल दिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच जारी है।

पहले कार चढ़ाई, फिर अस्पताल ले गया, अचानक गायब हो गया आरोपी

ये खबर वाकई दिल दहला देने वाली है। आगरा के हरीपर्वत इलाके में कॉस-मॉस मॉल है। जयदीप ताजगंज के बाबरी गुम्मट के रहने वाले हैं। वो पेटीएम कंपनी में मैनेजर हैं। जयदीप 6 अगस्त को अपनी पत्नी शिवानी, सवा साल की बेटी रुद्रिका और 10 साल के बेटे कृषभ के साथ संजय प्लेस स्थित कॉस मॉस मॉल में खरीदारी के लिए गए थे। 

रात करीब 10 बजे के आसपास मॉल की पार्किंग में जयदीप और उनकी पत्नी शिवानी मॉल से खरीदा हुआ सामान चेक कर रहे थे। इस दौरान उनकी डेढ़ साल की बेटी रुद्रिका खेलते-खेलते उनसे दूर चली गई। मां-बाप आपस में बातचीत में इतने मशगूल थे कि उनको पता ही नहीं चला कि बेटी कब एक कार के सामने आ गई। चूंकि कार वाला बच्ची को नहीं देख पाया उसने कार आगे बढ़ा दी। और कार बच्ची पर चढ़ गई। इसके तुरंत बाद शोर मच गया।  मौके पर भीड़ जमा हो गई। शिवानी और जयदीप भागे-भागे कार के पास पहुंचे। उन्होंने बच्ची को उठाया। और फिर वही कार चालक उन्हें बच्ची समेत लेकर अस्पताल के लिए निकल पड़ा। बदहवास हालत में जयदीप और शिवानी बच्ची को लेकर उसी कार में बैठ गए। आरोपी कार लेकर दीवानी चौराहे पर मौजूद लोटस अस्पताल पहुंच गया। जयदीप अंदर बेटी को दिखाने गए तो आरोपी कार लेकर फरार हो गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्ची की हालत देख कर उसे किसी और अस्पताल ले जाने की सलाह दी।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, आरोपी को तलाश रही है पुलिस

किसी तरह जयदीप अपनी बेटी को लेकर पुष्पांजलि और फिर रेनबो अस्पताल गया, जहां चिकित्सकों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। परिवार का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। शुरुआत में परिवार को लगा कि इसमें कार चालक की गलती नहीं थी, लेकिन जब बीते शुक्रवार को परिवार ने सीसीटीवी फुटेज देखी तो वो चौंक गए। रुद्रिका के दादा उदयवीर सिंह के मुताबिक, पहले वो घटना को हादसा मान रहे थे, इसीलिए उन्होंने अंतिम संस्कार करवा दिया और पुलिस में भी कोई शिकायत नहीं की। लेकिन बाद में पता चला कि इसमें गाड़ी वाले की सीधी-सीधी गलती है। सीसीटीवी देखने पर पता चला कि कार चालक ने सामने से बच्ची के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी थी। शनिवार दोपहर उन्होंने थाना हरीपर्वत पुलिस में शिकायत की। प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है। परिवार इसके लिए मॉल प्रशासन की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर रहा है। परिवार के मुताबिक, मॉल में प्रति कार 100 रुपये पार्किंग शुल्क लिया जाता है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर जीरो है। बेसमेंट वैध रूप से बनी हुई है, इसको लेकर भी शक है। परिवार का आरोप है कि पार्किंग के अंदर कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं रहता। हालांकि हकीकत ये है कि मॉल की पार्किंग में सुरक्षा कर्मी तो तैनात हैं, लेकिन इनकी संख्या काफी कम है।

बच्चों के साथ बाहर जाएं तो मां-बाप बरतें ये सावधानियां

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में मॉल या बाजार जाते समय मां-बार को ध्यान रखना चाहिये कि छोटे बच्चों को हमेशा अपने साथ रखें। कई बार पार्किंग के एरिया में गाड़ी से उतरते और चढ़ते, या फिर सामान उतारते या चढ़ाते वक्त बड़ों का ध्यान बंट जाता है और ऐसे में बच्चे हाथ छुड़ा कर आपसे दूर जा सकते हैं। लिहाजा ऐसे मौकों पर खास सावधानी बरतने की जरूरत है। कई बार छोटे बच्चों को मां-बाप बड़े भाई या बहन के भरोसे छोड़ अपनी शॉपिंग में व्यस्त हो जाते हैं। ऐसा कभी न करें। ध्यान रखें कि बच्चे जब तक व्यस्क नहीं हो जाते उनके भरोसे छोटे भाई बहनों को छोड़ना घातक साबित हो सकता है। बच्चों को सिर्फ Creche जैसी सुरक्षित जगह छोड़ें जहां उन्हें संभालने के लिये ट्रेन्ड प्रोफेशनल हों। इसके अलावा लिफ्ट, प्ले एरिया, टॉय ट्रेन, बंजी जंपिंग जैसी जगहों पर भी पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है। ध्यान रखें कि आपके बच्चों की चिंता और हिफाजत आपसे बेहतर और कोई नहीं कर सकता। 

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