Kabul Blast: अफ़ग़ानिस्तान ने धमाकों के पीछे पाकिस्तान का हाथ बताया, 15 दिन में तीन ब्लास्ट

Kabul Blast: अफ़ग़ानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी एक बार फिर धमाके (Blast) से दहल उठी। काबुल के कोतल-ए-खैरखाना के पास की मस्जिद (Mosque) में उस वक़्त ब्लास्ट हुआ जब नमाज (Pray) पढ़ी जा रही थी।

CrimeTak

18 Aug 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:25 PM)

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काबुल से आजतक संवाददाता अशरफ वानी की रिपोर्ट

Kabul Blast: काबुल में में एक बार फिर कोहराम मच गया, अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी से एक बार फिर धमाके (Blast) की खबर सामने आई है।यहां काबुल की मस्जिद के भीतर धमाका उस वक़्त हुआ जब नमाज पढ़ी जा रही थी। धमाके के बाद अफग़ानिस्तान की राजधानी में अलर्ट (Alert) घोषित कर दिया गया है। लेकिन अफग़ानिस्तान में हुए इस धमाके के पीछे तालिबान (Taliban) हुकूमत की सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस धमाके के गुबार के पीछे पाकिस्तान का हाथ (Mastermind Pakistan) हो सकता है।

बुधवार की शाम काबुल में एक तरफ सूरज डूबा तो देखते ही देखते सारा शहर अफरा- तफरी और दहशत की गिरफ्त में जा पहुंचा। काबुल की कोतल-ए-खैरखाना के पास बनी वो मस्जिद धमाके की साक्षात गवाह बनी। क्योंकि जिस वक्त धमाका हुआ उस समय नमाज पढ़ी जा रही थी। लेकिन इबादत के वक़्त इतनी तेज़ धमाका हुआ कि सब कुछ टूट गया...दुआ मांगने वालों का सब्र और मस्जिद की खिड़कियां सब कुछ। धमाके की चपेट में आने वाले वो लोग थे जो अमन चैन और सलामती की दुआ मांगने मस्जिद आए थे।

Kabul Blast: खबर है कि इस धमाके ने कम से कम 21 लोगों की जान ले ली...जबकि 40 लोग जख्मी हालत में अब भी दुआ मांग रहे हैं लेकिन मस्जिद से दूर अस्पताल के बिस्तर पर
धमाके की धमक इतनी तेज़ थे कि सरकारी अमले को सड़क पर उतरने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगा...अफरातफरी के आलम में अस्पताल के बाहर एंबुलेंस के सायरन की आवाज़ें चीखने लगीं...ये भी अजीब इत्तेफाक था कि आजतक के संवाददाता अशरफ वानी उस वक़्त काबुल में ही थे, लिहाजा उन्हें मौके पर पहुँचने में ज्यादा वक़्त नहीं लगा।

और आजतक के संवाददाता अशरफ वानी के मुताबिक धमाके के बाद पूरे काबुल को छावनी में बदल दिया गया और एक तरह से किलाबंदी कर दी गई.. आत्मघाती हमले के बाद सीरीज अटैक का खतरा होता है...इस बात के मद्देनजर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई।
धमाके वाली जगह को तालिबान सुरक्षाकर्मियों ने फौरन अपने घेरे में ले लिया...आस पास के इलाकों को सील कर दिया गया और सुरक्षा सख्त कर दी गई। इलाके से गुजरने वाली एक- एक गाडियों की चेकिंग शुरू हो गई। अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ इकट्ठा होने लगी... लोग अपनों की सलामती जानने के लिए परेशान थे। तालिबान के सुरक्षा गार्डों का घेरा इतना सख्त था कि अस्पताल के बाहर से रिपोर्टिंग करने की भी इजाजत नहीं मिल रही थी।
अफगानिस्तान में मौजूदा तालिबान हुकूमत की बनाई गई इस्लामिक अमीरात के लिए ये धमाका एक बड़ा झटका था. हालांकि

Kabul Blast: इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता जबीबुल्ला मुजाहिद के मुताबिक इस तरह का अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। गुनहगार जल्दी ही पकड़े जाएंगे और उन्हे सजा दी जाएगी।
धमाके बाद सबके मन में य़ही सवाल है कि आखिर तालिबान राज इस तरह मस्जिद के भीतर बम ब्लास्ट की जुर्रत कौन कर सकता है?
आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में अफगानिस्तान के एक सीआईडी अफसर ने इसमें सीधे-सीधे पाकिस्तान का नाम लिय़ा। अफगानिस्तान में तालिबान की नई हुकूमत के हाल ही में एक साल पूरे हो चुके हैं।

हाल के दिनों में काबुल की मस्जिदों और मदरसों पर लगातार हमले हुए हैं। काबुल में 3 दिन पहले यानी 15 अगस्त को भी एक धमाका हुआ था। अभी तक इन हमलों की जिम्मेदारी आईएस लेता रहा है. लेकिन इस हमले की किसी ने जि्म्मेदारी नहीं ली है, लेकिन अफगान अधिकारी पाकिस्तान का नाम ले चुके हैँ।

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