CRUISE DRUGS PARTY CASE ARYAN KHAN
क्रूज़ ड्रग्स मामले में NCB और कोर्ट के फ़ैसले पर मनु सिंघवी ने उठाए गंभीर सवाल
मुंबई क्रूज़ ड्रग्स केस में NCB की भूमिका और सेशन कोर्ट के दिए फैसले पर अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek manu shingvi) ने उठाये गंभीर सवाल, Read more crime news in Hindi, photos and videos on CrimeTak.in
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22 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:07 PM)
हाल में मुंबई क्रूज़ ड्रग्स केस में गिरफ्तार अभिनेता शाहरुख़ खान के बेटे की ज़मानत याचिका ख़ारिज होने के साथ ही मामले पर सभी लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. बता दें कि कोर्ट ने आर्यन को 30 अक्टूबर तक जेल में ही रहने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद आर्यन के वकीलों बॉम्बे हाई कोर्ट का रूख किया है.
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केस पर कई नामी हस्तियां खूल कर अपने विचार रखती नज़र आई. प्रतिकियाओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तीन बार सांसद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी का नाम भी जुड़ गया है. अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek manu shingvi) ने ड्रग्स पार्टी मामले को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं.
एन सी बी की कार्रवाई पर मनु सिंघवी ने कहा, मुझे लगता है कि एन डी पी एस एक्ट का जो मक़सद था उसे भुला दिया है. NCB का मुख्य उद्देश्य बड़ी मछलियों को यानी बड़े रैंक को पकड़ना था जिसे भुला दिया गया है. अगर एन सी बी इस तरह व्यक्तिगत घटनाओं के पीछे भागेगी तो शायद हमारे देश में एक अच्छा एंटी ड्रग कंट्रोल सिस्टम चलाने की कोई संभावना नहीं है.
पेश से सीनियर एडवोकेट सिंघवी साथ सेंशन कोर्ट के फ़ैसले को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि अगर आप सिर्फ़ ड्रग्स ले रहे हैं तो क्या आप मुझे दोषी ठहराएँगे ? मेरी आपसे दोस्ती है तो क्या मुझे दोषी ठहराया जा सकता है? मैं सिर्फ़ कन्विक्शन की बात कर रहा हूँ. ये मुझे हैरान करता है और काफ़ी अजीब भी लगता है. हालाँकि अभी मामले की सुनवाई चल रही है.
उन्होंने और बताया इसमें चीजें सही नहीं दिख रही, एक व्यक्ति अपने लोगों के साथ ड्रग्स ले रहा है तो उसे ड्रग रैकेट, ड्रग ट्रेडिंग या साज़िश के तौर पर दिखाया जा रहा है. यह दुर्भाग्य की बात है.
जब उनसे पूछा गया कि आर्यन को हाईप्रोफ़ाइल होने की सज़ा चुकानी पड़ रही है तो इस पर मनु बोले इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता. हर किसी को क़ीमत चुकानी पड़ती है लेकिन उसकी एक लिमिट होनी चाहिए. आप केस चलाएँ, उसे सज़ा दें, नासमझी और बचकानी शरारत भी ग़लतियों के दायर में आती हैं. मगर इस तरह के गंभीर आरोप लगान सही नहीं है.
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