Abu Salem Case: मुंबई बमकांड 1993 के दोषी गैंगस्टर अबू सलेम को साल 2030 तक जेल में ही रहना पड़ेगा। इसके बाद ही उसकी रिहाई संभव हो सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत आदेश दिया है।
Abu Salem Case: 2030 तक जेल में ही रहेगा गैंगस्टर अबू, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
Abu Salem Case: सलेम ने पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के वक्त किए गए वादों को पूरा करने की मांग करते हुए आजीवन कारावास की अवधि पूरी होने पर रिहाई की मांग की थी।
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11 Jul 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:22 PM)
क्या है कोर्ट का पूरा आदेश ?
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सलेम के वकील ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें मांग की थी कि 2027 में सलेम की सजा 25 साल पूरी हो जाएगी, लिहाजा उसे रिहा किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि 2005 में प्रत्यर्पण हुआ है। ऐसे में 2030 में उसकी सजा पूरी होगी। इसको लेकर कोर्ट ने कहा कि 25 साल की सजा पूरी होने पर सरकार निर्णय ले।
सुप्रीम कोर्ट ने सलेम की याचिका पर सोमवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि केंद्र पुर्तगाल से किए गए वादे का सम्मान करने के लिए बाध्य है। वो राष्ट्रपति को सलाह देने के बाध्य है। इसके अलावा सीआरपीसी के तहत छूट के अधिकार का प्रयोग कर सकती है।
गैंगस्टर अबु सलेम का कहना है कि पुर्तगाल सरकार के साथ हुई प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, भारत में उसकी कैद 2027 से ज़्यादा तक नहीं हो सकती है। सलेम को 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। विशेष टाडा कोर्ट ने उसे 1993 मुंबई बम ब्लास्ट समेत 2 मामलों में उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी। अबू सलेम ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि उसे रिहा करने के लिए 2002 की तारीख को आधार बनाया जाना चाहिए, क्योंकि तभी उसे पुर्तगाल में हिरासत में ले लिया गया था। इस हिसाब से 25 साल की समय सीमा 2027 में खत्म होती है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि 2030 तक सलेम जेल में ही रहेगा।
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