अमेरिकियों के अफगानिस्तान से जाने के बाद ये पहला बड़ा हमला किया गया है जहां पर अल्पसंख्यक शिया समाज के लोगों को निशाना बनाया गया है। अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। हालांकि तालिबान को शक है कि इस हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट का हाथ हो सकता है।
अफ़ग़ानिस्तान की शिया मस्जिद में धमाका, 100 की मौत 200 से ज्यादा घायल
50 dead in mosque blast in afghanistan
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08 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:06 PM)
आतंकियों ने लोगों को तब निशाना बनाया जब वो जुम्मे की नमाज पढ़ने के लिए सुबह मस्जिद में इकट्ठा हुए थे। इस धमाके के बाद भगदड़ मच गई । इस धमाके में कई लोग बुरी तरह से घायल भी हो गए। धमाका इतना जबरदस्त था कि मस्जिद में मौजूद लोगों के शरीर के चिथड़े उड़ गए। मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ़ने के आसार हैं।
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धमाके में शिया मुसलमानों को निशाना बनाया गया है जिनकी अफगानिस्तान की कुल जनसंख्या में 20 फीसदी तादाद है। अक्टूबर 2017 में एक शिया मस्जिद को आतंकियों ने निशाना बनाया था जिनमें 56 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 55 लोग घायल हो गए थे। इस्लामिक स्टेट और तालिबान अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते आए हैं।
अफगानिस्तान में रहने वाले हजारा मुस्लिम, शिया मुस्लिम और सिख इन आतंकियों के निशाने पर रहते हैं। तालिबान के मुताबिक ये धमाका इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने किया है और वो बेहद कड़ाई से इन आतंकियों पर कार्रवाई कर रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट के बाहर भी आईएस ने हमला किया था जिसमें 70 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
इस हमले की जिम्मेदारी भी इस्लामिक स्टेट नहीं ली थी जिसके बाद तालिबान ने आईएस के ठिकानों पर हमला कर कई आईएस आतंकियों को मार डालने का दावा किया था। तजाकिस्तान से सटे ये इलाका तालिबान के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अगर यहां पर आईएस के आतंकी सक्रीय होते हैं तो तालिबान के लिए खासी परेशानी पैदा कर सकते हैं।
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