32 साल पहले ली थी 100 रुपये की रिश्वत, 82 साल के रिटायर्ड रेलवे क्लर्क को मिली इतनी साल की जेल

Retired Railway Clerk Bribe Case: उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित विशेष सीबीआई अदालत (Special CBI Court) ने गुरुवार (2 फरवरी) को 32 साल पुराने 100 रुपये की रिश्वत

CrimeTak

04 Feb 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:35 PM)

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Retired Railway Clerk Bribe Case: उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित विशेष सीबीआई अदालत (Special CBI Court) ने गुरुवार (2 फरवरी) को 32 साल पुराने 100 रुपये की रिश्वत वाले मामले में 82 वर्षीय रिटायर्ड रेलवे क्लर्क को एक साल कैद की सजा सुनाई. इसी के साथ बुजुर्ग पर जुर्माना भी लगाया गया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विशेष सीबीआई अदालत के जज अजय विक्रम सिंह (Ajai Vikram Singh) ने दोषी राम नारायण वर्मा (Ram Narayan Verma) पर किसी तरह की नरमी दिखाने से इनकार कर दिया. दोषी ने उसकी वृद्धावस्था का हवाला देते हुए सजा में रियायत की गुहार लगाई थी. जज ने कहा कि ऐसा करने से समाज में गलत संदेश जाएगा. कोर्ट ने दोषी राम नारायण वर्मा पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. 

वर्मा ने जज के सामने गुहार लगाई कि घटना 32 साल पहले हुई थी और इस मामले में वह जमानत पर रिहा होने से पहले दो दिन जेल में बिता चुके थे. उन्होंने दलील दी कि उनकी सजा पहले से जेल में बिताई गई अवधि तक सीमित की जा सकती है.

जज ने दोषी की अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि रिश्वत की रकम, अपराध की प्रकृति और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए इस मामले में दो दिन की जेल की सजा पर्याप्त नहीं है और एक साल का कारावास न्याय के उद्देश्य को पूरा करेगा.

उत्तर रेलवे के एक रिटायर्ड लोको ड्राइवर राम कुमार तिवारी ने 1991 में इस मामले में सीबीआई में एफआईआर दर्ज कराई थी. तिवारी ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि उनकी पेंशन की गणना के उद्देश्य से उनका मेडिकल टेस्ट जरूरी था. वर्मा ने इस काम के लिए 150 रुपये की रिश्वत मांगी थी. बाद में उन्होंने 100 रुपये मांगे थे. सीबीआई ने वर्मा को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआई ने अपनी जांच पूरी करने के बाद वर्मा के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. अदालत ने 30 नवंबर 2022 को वर्मा पर आरोप तय किए थे.

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