जब सो रहा था प्रदेश, तब ताबड़तोड़ एनकाउंटर कर रही थी पुलिस! STF ने मंगेश यादव को देखते ही ठोक दिया, क्या था इसका गुनाह?

UP STF News: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) ने एक बड़े आपराधिक गिरोह से जुड़े इनामी बदमाश मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार गिराया. मंगेश यादव, जौनपुर का रहने वाला था और उस पर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था

Sultanpur Mangesh Yadav encounter.

Sultanpur Mangesh Yadav encounter.

05 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 5 2024 1:54 PM)

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UP STF News: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) ने एक बड़े आपराधिक गिरोह से जुड़े इनामी बदमाश मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार गिराया। मंगेश यादव, जौनपुर का रहने वाला था और उस पर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था. यह कुख्यात अपराधी सुल्तानपुर में दिनदहाड़े हुई एक बड़ी डकैती में शामिल था, जिसमें सर्राफा व्यापारी की दुकान से भारी मात्रा में ज्वेलरी और नकदी लूट ली गई थी. पुलिस और एसटीएफ की टीम को इस अपराधी की तलाश काफी समय से थी, और अंततः एक सूचना के आधार पर यह मुठभेड़ संभव हो पाई.

सुल्तानपुर में बड़ी डकैती

28 अगस्त को, सुल्तानपुर नगर कोतवाली के ठठेरी बाजार स्थित ओम ऑर्नामेंट्स की दुकान में पांच बदमाशों ने दिनदहाड़े डकैती डाली. बदमाशों ने हथियारों के बल पर दुकान से लगभग एक करोड़ 40 लाख रुपये की ज्वेलरी और नकदी लूट ली. डकैती को अंजाम देने के बाद ये अपराधी आसानी से फरार हो गए, और पुलिस को इस गिरोह की तलाश शुरू हो गई. इस डकैती से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी, और स्थानीय लोग दहशत में थे.

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

पुलिस ने बदमाशों की तलाश में तेजी दिखाई और कुछ ही दिनों बाद तीन अपराधियों को एनकाउंटर के दौरान गिरफ्तार कर लिया. यह मुठभेड़ गोड़वा चौकी के पास हुई, जहां पुलिस ने अमेठी जिले के तीन बदमाशों, सचिन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह और त्रिभुवन उर्फ लाला हरिजन को धर दबोचा. ये तीनों भी इस डकैती कांड में शामिल थे और इनके गिरफ्तार होने के बाद भी गिरोह का एक और प्रमुख सदस्य, मंगेश यादव, फरार था. मंगेश की तलाश पिछले हफ्ते से जारी थी, और पुलिस को पता था कि वह किसी भी वक्त शहर से भाग सकता है.

मंगेश यादव की गिरफ्तारी का प्रयास

बुधवार की रात, एसटीएफ को एक महत्वपूर्ण सूचना मिली कि मंगेश यादव, जो सर्राफा डकैती में शामिल था, सुल्तानपुर के आसपास मूवमेंट कर रहा है. इस सूचना के आधार पर एसटीएफ ने देहात कोतवाली के मिशिरपुर पुरैना गांव के पास घेराबंदी की. पुलिस ने मंगेश को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया, लेकिन मंगेश ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें मंगेश यादव गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

अपराध और मुठभेड़ का अंत

मंगेश यादव के मारे जाने के साथ ही पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की. मुठभेड़ स्थल से पुलिस को एक हेलमेट और बिना नंबर की मोटरसाइकिल भी मिली. इससे साफ होता है कि मंगेश यादव अपने अगले अपराध की योजना बना रहा था और भागने की तैयारी में था. पुलिस के लिए यह एक महत्वपूर्ण सफलता रही क्योंकि मंगेश यादव जैसे खतरनाक अपराधी का अंत होने से स्थानीय लोगों को राहत मिली है.

पुलिस की सतर्कता और सफलता

इस मुठभेड़ और मंगेश यादव के मारे जाने से यह स्पष्ट होता है कि यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीमें राज्य में अपराधियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं. पुलिस ने इस डकैती कांड को सुलझाने में जिस तरह की तत्परता दिखाई, वह काबिले तारीफ है. डकैती जैसे गंभीर अपराधों में शामिल अपराधियों का पकड़ा जाना या मारे जाना न केवल कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि इससे आम जनता को भी यह संदेश जाता है कि पुलिस किसी भी अपराधी को बख्शने के मूड में नहीं है.

इस मुठभेड़ से स्थानीय जनता को राहत मिली है और क्षेत्र में अपराधियों का खौफ कम हुआ है. पुलिस की त्वरित और कुशल कार्रवाई से यह मामला सुलझ गया है, और उम्मीद की जा रही है कि इससे अन्य अपराधियों के मनोबल पर भी असर पड़ेगा.

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