UP News: उन्नाव जिले में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई, जहां जिला जज श्रेया मिश्रा के पति आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव गंगा नदी में डूब गए. वह अपने दो दोस्तों के साथ गंगा स्नान के लिए नानामऊ घाट पर गए थे. स्नान करते समय अचानक वह गहरे पानी में समा गए. घटना के तुरंत बाद उनके दोस्तों ने पास में मौजूद एक गोताखोर से मदद मांगी. गोताखोर ने पहले 10,000 रुपये की मांग की, जिसे दोस्तों ने तुरंत ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया. लेकिन जब तक गोताखोर ने बचाव कार्य शुरू किया, तब तक आदित्यवर्धन गंगा की तेज धारा में बह चुके थे.
10 हजार दो तो ही बचाएंगे… गोताखोर ने लगाई जान की कीमत, गंगा में डूब गया डिप्टी डायरेक्टर, पत्नी जज हैं, कैश नहीं था तो ऑनलाइन लिए
UP News: उन्नाव जिले में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई, जहां जिला जज श्रेया मिश्रा के पति आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव गंगा नदी में डूब गए. वह अपने दो दोस्तों के साथ गंगा स्नान के लिए नानामऊ घाट पर गए थे
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उन्नाव में गंगा में नहाते समय बह गए डिप्टी डायरेक्टर
• 10:51 AM • 01 Sep 2024
उन्नाव में गंगा में नहाते समय बह गए डिप्टी डायरेक्टर
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आदित्यवर्धन सिंह वाराणसी में हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात थे. पुलिस और प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए शाम 6 बजे तक उन्हें खोजने का प्रयास किया, लेकिन अंधेरा होने के कारण बचाव कार्य रोकना पड़ा. अब बचाव दल सुबह फिर से उनकी तलाश करेगा. आदित्यवर्धन की पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के पुणे में जिला जज हैं, और उनके चचेरे भाई अनुपम सिंह बिहार कैडर के सीनियर IAS अधिकारी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निजी सचिव के रूप में कार्यरत हैं.
पत्नी महाराष्ट्र में जज हैं
आदित्यवर्धन के परिवार की बात करें तो उनके पिता रमेश चंद और मां शशि प्रभा भी इस समय ऑस्ट्रेलिया में अपनी बेटी गुड़िया के पास हैं, जो वहां उच्च पद पर तैनात हैं. इस दुखद खबर के बाद, माता-पिता ने तुरंत भारत लौटने की तैयारी शुरू कर दी है. गांव के परिजनों ने घटना की सूचना उन्हें दी, जिससे माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. वहीं, उनके परिवार के अन्य सदस्य जैसे सेवानिवृत्त शिक्षक सतेंद्र सिंह के बेटे योगेंद्र सिंह नीरज, जो गोरखपुर के गुरु गोरखनाथ मंदिर सर्किल के पुलिस उपाधीक्षक हैं, भी घटनास्थल की ओर रवाना हो चुके हैं.
गोताखोरों को ऑनलाइन पैसा किया ट्रांसफर
घटनास्थल पर मौजूद प्रदीप तिवारी ने बताया कि जब आदित्यवर्धन गहरे पानी में डूबने लगे, तो उन्होंने तुरंत स्थानीय तैराक से मदद मांगी, लेकिन तैराक ने पहले 10,000 रुपये की मांग की. रुपये मिलने के बाद भी तैराक ने जानबूझकर लापरवाही दिखाई, जिससे आदित्यवर्धन को बचाया नहीं जा सका. घटना की जानकारी मिलते ही बांगरमऊ के विधायक श्रीकांत कटियार मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. कानपुर प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी वहां पहुंचे और युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया, लेकिन आदित्यवर्धन का कोई सुराग नहीं मिला.
मामले ने तूल पकड़ा तो पैसा ऑनलाइन किया वापस
शैलेश कश्यप, जिसके खाते में 10,000 रुपये ट्रांसफर किए गए थे, ने बताया कि उनकी दुकान घाट के किनारे है, जहां गोताखोर बैठे थे. उन्होंने आदित्यवर्धन के दोस्तों से बात की और ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए गए. बाद में उन्होंने पैसे वापस कर दिए. घटना के बाद प्रधानपति रामसनेही कनौजिया ने बताया कि डिप्टी डायरेक्टर उनकी ग्राम सभा के रहने वाले थे. ये लोग सुबह 4 बजे लखनऊ से निकले थे और 5:30 बजे घाट पर पहुंचे थे. हादसा तब हुआ जब वे गहरे पानी में चले गए. अब NDRF और स्थानीय गोताखोर उन्हें खोजने में जुटे हैं.
देर शाम तक बचाव अभियान जारी रहा, लेकिन आदित्यवर्धन का कुछ पता नहीं चल पाया. स्थानीय थानों को भी इस घटना की सूचना दी गई है. गंगा के किनारे के इलाके सर्च किए गए, संभावित डूबने के स्थान पर कांटे डालकर स्टीमर चलाई गई, लेकिन आदित्यवर्धन का कुछ अता-पता नहीं मिला. अब सभी टीमें अगले दिन सुबह से फिर से खोजबीन शुरू करेंगी. इस दुखद घटना से पूरा परिवार और प्रशासनिक अधिकारी हतप्रभ हैं और आदित्यवर्धन की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं.
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