UP News: नाबालिगों द्वारा बिना लाइसेंस के तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने की घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं. इसी कड़ी में कानपुर जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. स्कूल के कुछ बच्चे क्लास बंक कर गाड़ी से तेज रफ्तार में घूम रहे थे, और उनकी लापरवाही ने एक परिवार को तबाह कर दिया.
4 नाबालिग स्कूल बंक करके कार से घूमने निकले, 100 की स्पीड से दौड़ाई कार, मां-बेटी को उड़ाया, महिला की मौत
UP News: नाबालिगों द्वारा बिना लाइसेंस के तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने की घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं. इसी कड़ी में कानपुर जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है.
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नाबालिग ने कार से स्कूटी में मारी टक्कर. (Video grab)
03 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 4 2024 5:13 PM)
क्या है मामला?
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घटना शुक्रवार दोपहर की है. कानपुर के किदवई नगर इलाके में एक महिला अपनी बेटी को डॉक्टर के यहां दिखाकर वापस लौट रही थी. रास्ते में अचानक एक गाड़ी तेज रफ्तार में आई और सड़क पर खड़ी दूसरी गाड़ी को टक्कर मारते हुए स्कूटी से जा टकराई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि महिला और उसकी बेटी 30 फीट दूर जाकर गिरीं. वहां मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया. महिला की मौत हो गई, जबकि उसकी बेटी के शरीर की कई हड्डियां टूट गईं.
पुलिस ने ये बताया
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गाड़ी में दो लड़के और दो लड़कियां थीं, जो नाबालिग थे और स्कूल के छात्र थे. उन्होंने अपनी स्कूल ड्रेस उतारकर बाहरी कपड़े पहने थे. एक्सीडेंट के बाद गाड़ी के अंदर स्कूल ड्रेस मिलीं. लोगों ने बताया कि ये बच्चे स्कूल बंक करके गाड़ी में मौज-मस्ती करने निकले थे और लगभग 100 की स्पीड से गाड़ी चला रहे थे.
मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को बुलाकर गाड़ी चालक और बाकी बच्चों को पुलिस के हवाले कर दिया। महिला ने हेलमेट पहना था, लेकिन टक्कर इतनी तेज थी कि उसका सिर फट गया. अस्पताल में पता चला कि महिला की मौत हो चुकी है और उसकी बेटी गंभीर रूप से घायल है.
यह घटना समाज के लिए एक बड़ा सबक है, बच्चों के माता-पिता और स्कूल प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे सही मार्ग पर चलें और किसी भी प्रकार की गलत गतिविधियों में शामिल न हों. कानून और यातायात नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है, खासकर नाबालिगों के लिए. इस दुखद घटना ने न केवल एक परिवार को तबाह कर दिया, बल्कि समाज के सामने एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा किया है कि हम कैसे अपने बच्चों को सही मार्गदर्शन दे सकते हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
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