Karnataka Crime: बेटे ने पूरे परिवार को खत्म करने की दी 65 लाख की सुपारी, सुपारी किलर्स ने गलती से मेहमानों को भी दे दी मौत, अजीब मर्डर मिस्ट्री

Karnataka: कर्नाटक की गडग पुलिस ने 19 अप्रैल को हुई चार हत्याओं के मामले का पर्दाफाश किया है, जिसमें सरगना विनायक बकाले सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

जांच में जुटी पुलिस

जांच में जुटी पुलिस

23 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 25 2024 1:42 PM)

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Karnataka Murder: कर्नाटक की गडग पुलिस ने 19 अप्रैल को हुई चार हत्याओं के मामले में पर्दाफाश किया है, जिसमें सरगना विनायक बकाले सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिसने अपने माता-पिता और भाई कार्तिक बकाले की हत्या करने के लिए हमलावरों को 65 लाख रुपये की सुपारी दी थी। पुलिस अफसरों ने बताया कि कार्तिक (27), परशुराम हादिमानी (55), लक्ष्मी हादिमानी (45) और आकांक्षा हादिमानी (16) की गडग के दसरा ओनी में हत्या कर दी गई थी। कार्तिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता प्रकाश बकाले और सुनंदा बकाले के बेटे थे।

हत्या के लिए 65 लाख रुपये की सुपारी

पुलिस सूत्रों ने कहा कि चूंकि घर में आभूषण, कीमती सामान और नकदी की चोरी नहीं हुई थी, इसलिए पुलिस को संदेह हुआ कि मकसद डकैती नहीं बल्कि कुछ और था। पुलिस सत्रों के अनुसार हत्या के पीछे भाईयों के बीच संपत्ति विवाद होने का संदेह है क्योंकि प्रकाश को अपनी सारी संपत्ति कार्तिक को देनी थी, जिससे विनायक नाराज हो गया और उसने अपने माता-पिता और भाई को खत्म करने का फैसला किया। सोमवार को पुलिस महानिरीक्षक (उत्तरी क्षेत्र) विकास कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने गडग से विनायक प्रकाश बकाले (35), फ़िरोज़ खाज़ी (29), जिशान खाज़ी (24) को गिरफ्तार किया है। 

जानें मर्डर मिस्ट्री की कहानी

जबकि जुड़वां भाई साहिल अशफाक खाजी (19), सोहेल अशफाक खाजी (19) एवं सुल्तान जिलानी शेख (23), महेश जगन्नाथ सालुंके (21) और वहीद लियाकत बेपारी (21) को महाराष्ट्र के सांगली जिले के मिराज से गिरफ्तार किया गया हैं। कुमार ने कहा कि विनायक ने फ़िरोज़ को 65 लाख रुपये की सुपारी दी थी। उन्होंने कहा कि चार आरोपियों को मिराज में जबकि अन्य को गडग में पकड़ा गया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पकड़े जाने पर विनायक ने भागने की कोशिश की।

19 अप्रैल को हुआ था हत्याकांड

जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक चार लोगों की हत्या की ये सनसनीखेज वारदात 19 अप्रैल की है। विनायक बकाले ने अपने मां-बाप और भाई की हत्या की सुपारी फ़िरोज़ खाज़ी  नाम के एक भाड़े के कातिल को दी थी। बकौल पुलिस इस कॉन्ट्रैक्ट में ये तय हुआ था कि तीनों की हत्या के बाद घर से लूटा गया सारा माल फिरोज ले लेगा। तय साजिश के तहत फिरोज अपने गैंग के लोगों के साथ प्रकाश बकाले के घर में दाखिल हुआ।  

प्लानिंग में यहां हो गई गड़बड़ी

सुपारी किलर को विनायक ने बाकायदा न सिर्फ घर का नक्शा समझा दिया था बलिक उसे ये भी अंदाजा दे दिया था कि घर में केवल तीन लोग ही मौजूद होंगे...। लिहाजा फिरोज ने जो जानकारी मिली थी उसके मुताबिक ही अपनी प्लानिंग की। मगर यहां गड़बड़ी हो गई। असल में कार्तिक की शादी तय होने की वजह से उसके कुछ मेहमान भी घर में आए हुए थे। जैसे ही हमलावर घर में दाखिल हुए तो उन्हें देखते ही प्रकाश बकाले शोर मचाने लगे।  शोर सुनकर लोग भी इकट्ठा हो गए। लोगों की बढ़ती भीड़ से घबराए बदमाश अंधाधुंध फायरिंग करने लगे और फायरिंग करते हुए वहां से निकल भागे। इत्तेफाक से इस फायरिंग में अलग कमरे में छुपने की वजह से प्रकाश और सुनंदा तो बच गए, लेकिन उनका बेटा कार्तिक बदमाशों की गोलियों का शिकार हो गया। साथ में तीन और लोग इस फायरिंग में मारे गए। 

बेटे और मेहमानों की हुई हत्या

पुलिस के मुताबिक, गडग के दशहरा ओनी में हुई इस गोलीबारी में 27 साल का कार्तिक, 55 साल के परशुराम हादिमानी, 45 साल की लक्ष्मी हादिमानी और 16 साल की आकांक्षा हादिमानी की हत्या हुई थी। जबकि प्रकाश बकाले और सुनंदा बकाले बाल-बाल बच गए।  कार्तिक बीजेपी नेता प्रकाश बकाले की दूसरी पत्नी सुनंदा बकाले का बेटा था। वो गडग-बेटागेरी सिटी नगर परिषद का उपाध्यक्ष भी था। जबकि उसका अपने ही सौतेले भाई विनायक से जायदाद को लेकर झगड़ा चल रहा था। इस वारदात की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। 

झगड़े का पता चलते ही गुत्थी सुलझ गई

पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि घर में आभूषण, कीमती सामान और नकदी सब हिफाजत से हैं। लेकिन छानबीन के दौरान ही पुलिस को शक हुआ कि इस वरदात के पीछे किसी घरवाले का हाथ हो सकता है। लिहाजा जब पुलिस ने इस मामले में गहराई से पड़ताल की तो उन्हें कार्तिक और विनायक के झगड़े का पता चला, वहां से बिखरी हुई कड़ियों को जब पुलिस ने जोड़ा तो उसे साजिश का सिरा पकड़ में आ गया। तब पुलिस ने इस मामले में विनायक को पकड़ा और पूछताछ की। इसके बाद विनायक के फोन के जरिए पुलिस उस सुपारी किलर तक जा पहुँची जिसके साथ इस कत्ल की वारदात के लिए 65 लाख में सौदे की बात हुई थी। जैसे ही पुलिस के हाथ सुपारी किलर लगा तो साजिश की गुत्थियां खुद ब खुद खुलती चली गई। 

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