कंकालों के साथ तमिलनाडु के किसानों का अनोखा प्रदर्शन, नंग धड़ंग किसानों की PM Modi को चुनौती

Protest with Skeletons : देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर में तमिलनाडु के किसानों के एक प्रदर्शन ने देखने वालों को झकझोरकर रख दिया।

दिल्ली के जंतर मंतर पर किसानों के कंकाल के साथ प्रदर्शन ने खींचा सबका ध्यान

दिल्ली के जंतर मंतर पर किसानों के कंकाल के साथ प्रदर्शन ने खींचा सबका ध्यान

24 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 25 2024 12:23 PM)

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Farmers Protest with Skeletons: दिल्ली के जंतर मंतर पर यूं तो धरना और प्रदर्शन होते ही रहते हैं। लेकिन बीते दिनों तमिलनाडु के किसानों ने जो प्रदर्शन किया तो उसे देखने वालों की रुह कांप उठी। किसान लगभग अर्धनग्न हालत में थे। ज्यादातर किसानों के बदन का ऊपरी हिस्सा बेलिबास था, मगर उनके गले पर तख्ती और पट्टी या नारे के बैनर की बजाए इंसानी कंकाल और खोपड़ी की हड्डी थी। 

मानव कंकाल के साथ प्रदर्शन

जंतर मंतर पर करीब 200 किसान और करीब 20 से ज्यादा मानव कंकाल वाली खोपड़ी को जिसने भी देखा तो फिर पूरा मसला समझे बगैर वहां से हटा नहीं। खुलासा ये है कि ये किसान तमिलनाडु से दिल्ली आए हैं और सिर्फ सरकार के सामने अपनी तकलीफ अपनी परेशानी और अपनी मांगों को रखने के लिए। ऐसा करने के पीछे इनका सिर्फ इतना मकसद है कि किसी भी तरह लोगों और सरकार से जुड़ी एजेंसियों का ध्यान इनकी तरफ जाए और इनकी बात सुन ली जाए। 

मानव कंकाल के साथ किसानों का अनोखा प्रदर्शन

आत्महत्या कर चुके किसानें के कंकाल और हड्डियां

अब सवाल उठता है कि ये किसान किसकी खोपड़ी की हड्डियों को लेकर यहां जमा हुए। किसानों का दावा है कि पिछले एक साल में करीब 200 से ज़्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली है। और ये सारी हड्डियां एक प्रतीक के तौर पर हम लेकर आए हैं।  नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग फार्मर्स एसोसिएशन, तमिलनाडु के अध्यक्ष अय्याकन्नू ने आजतक से बात करते हुए कहा, "2019 के चुनावों के दौरान पीएम ने घोषणा की थी कि मैं फसलों का दोगुना मुनाफा दूंगा और नदियों को आपस में जोड़ूंगा". लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। 

कोर्ट से इजाजत के बाद प्रदर्शन

किसानों का कहना है कि सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। फसल की कीमतों और नदियों को आपस में जोड़ने के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी जंतर मंतर पर आए हैं। किसानों ने कहा कि उन्हें तो प्रदर्शन की भी इजाजत नहीं थी मगर कोर्ट से आखिरकार उन्हें प्रदर्शन की अनुमति मिल गई। किसानों के मुताबिक, अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे वाराणसी जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। 

किसानों ने प्रधानमंत्री को भी चुनौती दे दी

मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की चेतावनी

अय्याकन्नु ने कहा, ''अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनती है तो हम वाराणसी जाएंगे और पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। '' किसानों ने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को लेकर पहले भी विरोध प्रदर्शन किया है, हम पीएम के खिलाफ नहीं हैं या किसी राजनीतिक दल से हमारा कोई संबंध नहीं है। हम सिर्फ उनकी मदद चाहते हैं।" किसानों के मुताबिक केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में आय दोगुनी करने का वादा किया है, लेकिन फसलों के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं।

2017 में भी किया था प्रदर्शन

साल 2017 में भी तमिलनाडु के किसानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर ऐसा ही प्रदर्शन किया था. जहां किसानों ने हाथों में खोपड़ियां लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया. दरअसल, ये खोपड़ियां उन किसानों की थीं, जिन्होंने कर्ज के बोझ या पानी की कमी के कारण अपने खेतों को सूखता देख आत्महत्या कर ली थी। 

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