UP Cranes Friend Video: जब वो अपने खेतों की देखरेख करते हैं तो ये सारस पहरेदार की तरह खड़ा हो जाता है। जब वो ताली बजाते हैं, तो ये सारस उसकी ताल पर अपने पंखों को फड़फड़ाता है। ये सारस सिर्फ अपने दोस्त के हाथों से दिया हुआ खाना ही खाता है। कुछ ऐसी कहानी है उत्तर प्रदेश के अमेठी में रहने वाले आरिफ खान गुर्जर और उनके वफादार दोस्त इस सारस की।

जब आरिफ अमेठी के पास मांढाका गांव की संकरी सड़कों पर अपनी मोटरसाइकिल से घूम रहे होते हैं या जब वे अपने आंगन में घूम रहे होते हैं तो ये सारस उनके साथ-साथ चलता और उड़ता है। आरिफ बताते हैं कि अगर हम चुपके से किसी दूसरी बाइक पर घर से निकलते हैं और रात को लौटते हैं तो ये खुशी में कूदना, दौड़ना और उड़ना शुरू कर देता है।

फरवरी, 2022 की सर्द सुबह में गुर्जर ने अपने खेतों में सारस को बेहोश पड़ा पाया था। उन्हें लगा कि पक्षी मर गया है लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि वो सांस ले रहा है। वे उसे घर ले आए। उन्होंने घायल सारस के पैर से बहते खून को साफ किया और घाव के इलाज के लिए हल्दी में सरसों का तेल मिला कर लगाया। सारस का घायल पैर हिले-डुले नहीं और सुरक्षित रहे इसके लिए आरिफ ने उसे बांस की फट्टियों से बांध दिया। ग्रामीण इलाकों में फ्रैक्चर ठीक करने का ये लोकप्रिय उपाय है। इस देखभाल का जल्द ही फायदा भी होता दिखा।

आरिफ खान का कहना है कि एक साल पहले मैं मैदान में था तब ये मुझे टूटे हुए पैर के साथ मिला। मैं इसे घर ले आया और इसके पैर का इलाज किया। इसके ठीक होने के बाद मुझे लगा कि ये जंगल में उड़ जाएगा, लेकिन ये मेरे साथ रहने लगा। जहां भी मैं जाता हूं, अगर ये 10-11 किलोमीटर है, तो ये मेरे साथ जाता है और वापस आ जाता है। गेहूं, धान और दूसरी फसलें बोने वाले आरिफ का कहना है कि सारस से उनकी दोस्ती इतनी गहरी है कि वे उसके बिना घर से बाहर कदम नहीं रख सकते। आरिफ का कहना है कि ये सारस किसी दूसरे पालतू जानवर की तरह ही उनकी बातों को समझता है।