अब एक तरफ समीर वानखेड़े और दूसरी तरफ उन्हीं का डिपार्टमेंट, गिरफ्तारी को लेकर सस्पेंस बरकरार

27 May 2023 (अपडेटेड: May 27 2023 4:43 PM)

follow google news

Aryan Khan Drug Case: इससे पहले समीर वानखेड़े के घर समेत कई ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी भी हो चुकी है, लेकिन गिरफ्तारी को लेकर अभी सस्पेंस बरकरार है.

Aryan Khan Drug Case: बात साल 2021 के सितंबर के आख़िरी हफ्ते की है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, मुंबई जोन के एसपी को एक खबरी से जानकारी मिलती है कि मुंबई इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल से गोवा जानेवाले एक क्रूज में मिड सी पार्टी होनी है। इस पार्टी में ड्रग्स का इस्तेमाल होना है। खबरी की इस खबर पर जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि दो अक्तूबर को मुंबई से गोवा जानेवाले कॉर्डेलिया क्रूज़ पर एक एंटरटेनमेंट टीवी चैनल फैशन टीवी की तरफ़ से एक इवेंट ऑर्गेनाइज किया गया है। इस इवेंट का नाम है क्रे आर्क। इस इवेंट के तहत दो अक्टूबर को क्रूज को शाम चार बजे मुंबई पोर्ट से गोवा के लिए रवाना होना था। और चार अक्टूबर की सुबह मुंबई वापस आना था। समंदर के ऊपर इस दो दिन के इवेंट के दौरान क्रूज़ पर कई कार्यक्रम रखे गए थे। देश विदेश के कई मशहूर डीजे इसमें हिस्सा ले रहे थे। अलग-अलग म्यूज़िकल परफॉर्मेंस होने थे। और साथ ही ख़ास मेहमानों के लिए खास पार्टी भी रखी गई थी।

Sameer Wankhede: मुंबई टू गोवा की इस मिड सी पार्टी के लिए बाक़ायदा ऑन लाइन टिकटें मिल रही थीं। दो रात और दो दिन इस टूर पैकेज की सबसे सस्ती टिकट 80 हज़ार रुपये थी। इस क्रूज़ पर एक वक़्त में लगभग 1800 मेहमान सफ़र कर सकते थे। एनसीबी को मिली जानकारी के मुताबिक इसी पार्टी में कुछ लोगों के ज़रिए ड्रग्स का इस्तेमाल किया जाना था। सूचना मिलते ही एनसीबी की टीम हरकत में आ गई। एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े खुद इस ऑपरेशन को लीड कर रहे थे। ये वही समीर वानखेड़े थे जिनके इसी दफ्तर के बाहर 2020 में बॉलीवुड की हीरोईन एक-एक कर अपनी हाजिरी लगा रही थीं। तब सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया चक्रवर्ती के ज़रिए ब़लीवुड में इस्तेमाल होने वाले ड्रग्स का पूरा पिटारा खुल रहा था। और उसी पिटारे को समेट रहे थे समीर वानखेड़े। इत्तेफ़ाक से बलार्ड पियर रोड पर जिस जगह मुंबई में समर वानखेड़े का दफ्तर है, उससे मुश्किल से आधे किलोमीटर की दूरी पर मुंबई इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल है। जहां से सभी क्रूज़ रवाना होती है। लेकिन एनसीबी की दिक्कत ये थी कि क्रूज़ पर क़रीब 1800 लोग सवार होने वाले थे। अब ऐसे में उसी क्रूज़ पर सवार हो कर इतने सारे लोगों की तलाशी कैसे ली जाए? दूसरी दिक्कत ये थी कि क्रूज़ पर एनसीबी अफ़सर बन कर सवार हो नहीं सकते थे। वरना सभी मेहमान पहले से ही चौकन्ने हो जाते। तीसरी दिक्कत ये कि अगर मुंबई पोर्ट पर क्रूज़ के रवाना होने से पहले ही एनसीबी अपना ऑपरेशन शुरू कर देती, तो किसी को रंगे हाथ पकड़ना मुश्किल हो जाता। लिहाज़ा एनसीबी ने तय किया कि वो मिड सी में यानी बीच समंदर में अपना ऑपरेशन शुरू करेगी। एनसीबी अब तक हर जगह छापे मार चुकी है। मगर बीच समंदर में एनसीबी इतिहास में पहली बार ऑपरेशन करने जा रही थी। लेकिन इस ऑपरेशन के लिए ज़रूरी था कि पहले क्रूज़ पर सवार हुआ जाए।

Crime Story: और बस यहीं से एनसीबी की प्लानिंग शुरू होती है। एनसीबी की टीम सबसे पहले ऑनलाइन मिड सी पार्टी की टिकट चेक करती है। इसके बाद एनसीबी के छह अफ़सरों की टिकट बुक की जाती है। शक ना हो, लिहाज़ा ये छह टिकट तीन अलग-अलग लॉट में बुक की जाती है। एक टिकट की कीमत थी 80 हज़ार रुपये। यानी एनसीबी ने अपने छह अफ़सरों के लिए 4 लाख 80 हज़ार रुपये के टिकट बुक किए। एनसीबी को डर था कि ज़्यादा स्टाफ की टिकट बुक कराने से मामला बिगड़ सकता है। लेकिन दिक्कत ये थी कि दूसरी तरफ़ करीब 1800 मेहमान थे। लिहाज़ा, एनसीबी इस ऑपरेशन में सीआईएसएफ़ को अपने साथ मिला लेती है। सीआईएसएफ से कहा जाता है कि अगर बीच समंदर में रेड मारनी पड़े, तो उनकी टीम तैयार रहे। साथ ही छह बोट को भी किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए तैयार रखा जाता है। क्रूज़ को दो अक्टूबर को शाम चार बजे साउथ मुंबई के क्रूज टर्मिनल से रवाना होना था। लेकिन मेहमान सुबह दस बजे से ही क्रूज पर पहुंचना शुरू हो चुके थे। एनसीबी की अंडर कवर टीम तय वक़्त पर ग्रीन गेट से क्रूज़ में दाखिल हो जाती है। जबकि एनसीबी के क़रीब 15 लोग बाहर क्रूज के किनारे खड़े हो कर मेहमानों पर लगातार अपनी नज़रे बनाए हुए थे। वो लोग ख़ास तौर पर हर मेहमानों के बॉडी लैंग्वेज को देख रहे थे। क्रूज़ टर्मिनल पर सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सीआईएसएफ की होती है। जबकि तलाशी और चेकिंग मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के स्टाफ करते हैं। एनसीबी की टीम ये देखना चाह रही थी कि सीआईएसएफ और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की तलाशी के दौरान कौन-कौन घबरा रहा है। पर अब तक कोई कामयाबी नहीं मिली थी।

Crime News: क्रूज की रवानगी में अब देरी हो चुकी थी। कुछ ख़ास मेहमान अब तक नहीं पहुंचे थे। उन्हीं का इंतजार हो रहा था। आख़िरकार रात होते-होते सभी मेहमान क्रूज पर पहुंच चुके थे। इसी के बाद क्रूज के स्टाफ़ ने सीआईएसएफ के जवानों से गुज़ारिश की कि वो कुछ रास्ता बना दें.. जिससे बिना लाइन में लगे कुछ वीआईपी गेस्ट क्रूज़ तक पहुंच सकें। इसी दौरान आर्यन ख़ान और अरबाज़ मर्चेंट वीआईपी गेस्ट के तौर पर टर्मिनल में दाखिल होते हैं। दोनों के आई कार्ड की जांच होती है। उनके सामान की स्कैनिंग की जाती है। ये सब कुछ एनसीबी के अंडर कवर स्टाफ़ दूर से लगातार देख रहे थे। इसी बीच जैसे ही अरबाज़ के जूते की स्कैनिंग होती है, आर्यन अचानक घबरा उठता है। नर्वस आर्यन को देखते ही एनसीबी के अंडर कवर स्टाफ़ अलर्ट हो जाते हैं। इसी के बाद एनसीबी की टीम आर्यन और अरबाज़ को पूछताछ के लिए रोक लेती है। अब तक समीर वानखेड़े भी वहां पहुंच चुके थे। पूछताछ में आर्यन और अरबाज़ ने बताया कि उनका आठ लोगों का एक ग्रुप है। उनमें से छह पहले ही क्रूज़ के अंदर जा चुके हैं। इसी के बाद एनसीबी ने क्रूज़ पर रेड डालने का फैसला किया। अरबाज़ और आर्यन के आठ लोगों के इस ग्रुप के पास से कुल 13 ग्राम कोकीन, 5 ग्राम एमडी, 21 ग्राम चरस और एमडीएमए के 22 पिल्स बरामद हुई। तलाशी के दौरान आर्यन के पास से कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुआ। एनसीबी की टीम ने क्रूज़ पर कई घंटों की तलाशी ली। फिर उसे लगा कि इस ग्रुप के अलावा बाक़ी लोग बेदाग़ हैं। लिहाज़ा, क्रूज़ को गोवा जाने की इजाज़त दे दी। जबकि अरबाज़ और आर्यन समेत ग्रुप के आठों लोगों को अपने साथ एनसीबी के दफ्तर ले आई।

एनसीबी के मुताबिक पूछताछ के दौरान आर्यन ने बताया कि उसे इस क्रूज़ पर दो दिन के इस इवेंट में ख़ास मेहमान के तौर पर बुलाया गया था। हालांकि बाद में उसे पता चला कि उसके नाम पर ऑर्गेनाइज़र ने बाक़ी मेहमानों को इकट्ठा कर लिया। अब तक आर्यन की हिरासत की खबर मीडिया के जरिए पूरे देश और मन्नत तक पहुंच चुकी थी। लेकिन तब तक ये साफ नहीं हो पाया था कि आर्यन सिर्फ हिरासत में हैं या गिरफ्तार हो चुके हैं। और शायद यही सबसे सही वक्त था सौदेबाज़ी का। सबसे पहले इसी प्रभाकर ने आर्यन की रिहाई के लिए होने वाली सौदेबाजी का खुलासा किया था। हालांकि तब ना किसी ने 25 करोड़ का बम देखा था ना 18 करोड़ का पटाखा... सौदे की सारी बात दो और तीन अक्तूबर की रात के अंधेरे में हो रही थी। इस अंधेरे का गवाह खुद दाग़ी था। लेकिन 25 करोड़ के बम की उसने जो कहानी सुनाई, वो एक सिलसिलेवार कहानी थी। उस कहानी में ना सिर्फ अलग-अलग किरदार थे, बल्कि बेहद तफ्सील से उसने उन जगहों के नाम भी बताए जहां ये सौदा हो रहा था।

Crime News:प्रभाकर के मुताबिक केपी गोसावी के कहने पर दो अक्टूबर को दोपहर 12 बजे वो ग्रीन गेट इंटरनेशनल क्रूज टर्मिनल पहुंचा था। रात करीब साढ़े 12 बजे केपी गोसावी अपनी इन्नोवा कार में एनसीबी के कुछ अधिकारियों के साथ आर्यन को लेकर एनसीबी ऑफिस पहुंचा। रात करीब 1 बजे प्रभाकर को समीर वानखेड़े और एनसीबी के एक और अफ़सर सालेकर ने 9-10 सादे पेपर पर साइन करने को कहा। उसे पंचनामा बताकर। इसके बाद उसी रात गोसावी को उसने फ़ोन पर सैम नाम के किसी शख्स से बात करते हुए सुना। प्रभाकर के मुताबिक गोसावी सैम से कह रहा था कि तुमने 25 करोड़ का एक बम फोड़ दिया है। 18 करोड़ में फाइनल करते हैं। हमें 8 करोड़ समीर वानखेड़े को भी देने हैं। प्रभाकर के मुताबिक उसी रात एक मर्सिडीज कार में शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी लोअर परेल पहुंचती हैं। इसके बाद सैम, केपी गोसावी और पूजा ददलानी मर्सिडीज़ में बैठ कर बातें करते हैं। 15 मिनट बाद पूजा ददलानी चली जाती हैं और गोसावी भी निकल जाता है।

लेकिन सुबह होते-होते सौदेबाज़ी पलट जाती है। एनसीबी ऑफीशियली कागजों पर आर्यन खान की गिरफ्तारी दिखाते हुए रिमांड के लिए उसे कोर्ट ले जाती है। मन्नत और शाहरूख खान की निगाहें अब कोर्ट की तरफ थीं। मगर मन्नत की मन्नत पूरी नहीं होती और आर्यन एक दिन के लिए एनसीबी हिरासत में भेज दिया जाता है। अब आर्यन की दूसरी रात भी मन्नत से दूर हिरासत में कट रही थी। शाहरूख बेचैन थे। एक बाप के तौर पर उन्हें आर्यन की फ्रिक थी। ऐसे में वो समीर वानखेड़े को मैसेज करते हैं। शायद शाहरूख के मैसेज का असर हो चुका था। खुद समीर वानखेड़े अब एक दिन की रिमांड के बाद आर्यन की और रिमांड नहीं लेना चाहते थे। अगली पेशी के लिए बाकायदा एनसीबी ने अपने कानूनी कागज में बाकायदा इसका जिक्र भी किया था। इतना ही नहीं खुद समीर वानखेड़े ने अपने बॉस को मैसेज देकर ये जानकारी भी दे दी थी।


Crime News:4 अक्टूबर को जब आर्यन को कोर्ट में पेश किया गया तब तक एनसीबी का स्टैंड यही था कि अब वो आर्यन की पुलिस हिरासत नहीं मांगेगी। पर कोर्ट पहुंचने के बाद जिस वक्त जिरह चल रही थी तभी छुट्टी पर गए समीर वानखेड़े के बॉस मूथा अशोक जैन के 6 मिस्ड कॉल थे.. जब समीर वानखेड़े ने फोन नहीं उठाया तब अशोक जैन ने उन्हें मैसेज किया.. मैसेज में लिखा था कि एसएसपी यानि स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और श्रष्ठ से कहो कि वो रिमांड के लिए ज़ोरदार कोशिश करे.. अगला मैसेज था कि ये डीजी का हुक्म है.. डीजी यानि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के टॉप बॉस डायरेक्टर जनरल एस. एन. प्रधान. जिस वक्त समीर वानखेड़े के मोबाइल पर ये मैसेज आया तब कायदे से एनसीबी की टीम आर्यन और बाकी आरोपियों को अपनी कस्टडी मे लेने की बजाय न्यायिक हिरासत में भेजने की तैयारी कर चुकी थी.. लेकिन इस मैसेज और एनसीबी के डीजी के हुक्म पर अचानक कोर्ट में मौजूद एनसीबी टीम और उनके वकील ने अपना पैंतरा बदला और फिर आगे की पूछताछ के लिए आर्यन समेत बाकि आरोपियों की कस्टडी मांगने लगे.. बाद में अदालत ने आर्यन को फिर से एनसीबी की हिरासत में भेज दिया....मन्नत में एक बार फिर माय़ूसी पसर चुकी थी। शाहऱूख अब और परेशान हो उठे। लेकिन ये तो बस शुरूआत थी। जिस आर्यन के अगले चौबीस घंटे में मन्नत लौट आने की उम्मीद थी मन्नत से दूर उसकी रातें अब लंबी होती जा रही थीं। अब आर्यन पर ड्रग्स लेने के साथ-साथ ड्रग्स बेचने जैसे संगीन इलजाम लगने शुरू हो चुके थे। शाहरूख बेबस खुद को अब भी मन्नत में समेटे हुए थे। गौरी रो रही थीं। मैनेजर पूजा ददलानी ही वो कड़ी थीं जो एनसीबी दफ्तर, कोर्ट और ऑर्थर रोड जेल को मन्नत से जोड़ने का काम कर रही थीं। पल-पल की खबर शाहरुख तक पूजा ददलानी ही पहुंचा रही थीं।

एक सुपर स्टार बाप की बेबसी ये थी कि वो खुद अपने बेटे से मिलने तक नहीं जा सकता था। मीडिया के कैमरे लगातार मन्नत के साथ-साथ हर उस जगह पर फोकस थीं जहां आर्यन था। शाहरूख पहले दिन से ही ये तय कर चुके थे कि वो अपने बेटे को कानूनी रास्ते से बाहर लाएंगे। उन्हीं कानूनी रास्तों को ढूंढते हुए रात के अंधेरे में बेहद खामोशी से स्टार वकील सतीश मानशिंदे के दफ्तर पहुंचते। उनसे केस का अपडेट लेते। वकील शाहरूख को हर बार तसल्ली देते कि ये तो कोई केस ही नहीं है। बस अगली हीयरिंग में आर्यन बाहर आ जाएगा। मगर अगला दिन तो आता पर आर्यन बाहर नहीं आता। बेटे की लंबी जुदाई ने शाहरूख को तोड़ सा दिया...मजबूरन एक रोज़ कैमरों के जमघट के बावजूद वो अपने बेटे मिलने के लिए जेल जाने का फैसला करते हैं।

Crime Story: धीरे-धीरे अब लोगों को भी लगने लगा कि ये शायद आर्यन के साथ कुछ ज्य़ादा ही हो गया। उसे शायद शाहरूख खान का बेटा होने की सजा मिल रही है। इधर लोगों की आर्यन को लेकर राय बदल रही थी उधऱ ठीक ऐसे ही वक्त में महाराष्ट्र के तबके मंत्री नवाब मलिक की एंट्री होती है। उनके निशाने पर सीधे फिल्म का हीरो यानी सिंघम समीर वानखेड़े थे। बात सौदेबाजी से होते हुए धर्म, ज़ात, सर्टिफिकेट, निकाह शादी तक पहुंच गई। सिंघम अब घिरने लगा था। मन्नत का सूनापन अब दूर लहो चुका था। बेटा घर लौट आया था। लेकिन 28 रातें एनसीबी की हिरासत और जेल में बिताने के बाद। शाहरूख ये बात भूले नहीं थे। उनके करीबी भी इस बात को अच्छी तरह जानते थे। वो जानते थे कि पठान की पार्टी खराब करोगे तो पठान को बुरा तो लगेगा ही और फिर पठान पलटेगा भी। हारी हुई बाज़ी को जीतने के लिए। जिस पिक्चर को पठान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी और रिहाई के बाद खत्म मान ली गई थी वो पिक्चर अब भी बाकी थी। आर्यन की रिहाई इस पिक्चर का बस इंटरवल था...

आर्यन के मन्नत पहुंचते ही अब सिंघम यानी समीर वानखेड़े की मुश्किलें शुरू हो जाती हैं। अब सिंघम के बॉस सीन में आ चुके थे औऱ सिंघम के खिलाफ डिपार्टमेंटल इनक्वायरी शुरू हो चुकी थी। इनक्वायरी किसी और को नहीं बल्कि उन्हीं ज्ञानेश्वर सिंह को सौंपी जाती है जो पूरे आर्यन केस में समीर वानखेड़े के बॉस थे। इधर जांच शुरू होती है उधर समीर वानखेड़े का ट्रांसफर कर उन्हें मुंबई और मन्नत से दूर कर दिया जाता है। समीर वानखेड़े के बाद अब यही ज्ञानेश्वर सिंह आर्यन केस को भी संभालते हैं। नई टीम के आते ही आर्यन खान पर लगा दाग़ धुल जाता है। आर्यन ड्रग्स केस में बरी हो जाते हैं। अब दर्शक भी धीरे-धीरे आर्यन खान, समीर वीनखेड़े, एनसीबी, सौदेबाजी, जांच सभी कुछ भूलने लगते हैं। लेकिन इसी खामोशी के बीच बड़ी खामोशी से मुंबई में ही तब एक दूसरी स्क्रिप्ट पर काम शुरू हो चुका था।

ये स्क्रिप्ट सौदेबाज़ी के सबूत पर लिखी जा रही थी। 2 और 3 अक्टूबर की रात जब आर्यन का नाम ड्रग्स केस से हटाने के लिए एनसीबी की टीम और शाहरुख खान की मैनेजर के बीच सैदेबाजी की जो बातचीत हुई थी उसके सबूत मौजूद थे। बस इस सबूत को सही शख्स तक पहुंचाना था। दिल्ली से करीबी रिश्ता रखने वाले एक एक्टर ने शाहरुख खान को इस मामले में दिल्ली तक अपनी बात पहुंचाने के लिए किसी तरह मना लिया.. इसी के बाद उस एक्टर के साथ शाहरुख दिल्ली पहुंचे..यहां दोनो की मुलाकात एक ताकतवर शख्स से हुई। सौदेबाजी के वो सबूत उनके सामने रखे गए। इसी के बाद एक बेहद काबिल अफसर को उसी वक्त इन सबूतों की जांच कर सही कारर्वाई करने का हुक्म दिया गया। अब मामला उस अफसर के हाथ में था.. उसने उन सबूतों की पड़ताल की.. फिर अपनी तरफ से मामले की जांच की। पर इस जांच-जांच में साल बीत गया। अब सचमुच लोग आर्यन केस के साथ-साथ सिंघम समीर वानखेड़े को भी भूलने लगे थे। खुद समीर वानखेड़े भी इन तमाम चीजों से दूर और चेन्नई में डिपार्टमेंट की तरफ से पढ़ाने का काम कर रहे थे। लेकिन फिर तभी।

मुंबइया फिल्में बिना मसाले के थोड़ी हिट होती हैं। इंटरवल से पहले के हीरो को जैसे ही सीबीआई ने इंटरवल के बाद विलेन के तौर पर दिखाया समीर वानखेड़े ने उसी वक्त अपना मोबाइल ऑन किया औऱ पहुंच गए सीधे कोर्ट....दिल्ली हाई कोर्ट। अपने ही डिपार्टमेंट यानी एनसीबी के टॉप बॉसेज के व्हाटएप चैट्स अदालत को दिखाए और कहा कि अगर वो गुनहगार हैं तो उनके सारे बॉ़स भी विलेन। क्योंकि आर्यन की गिरफ्तारी से लेकर उसकी रिहाई तक हर हुक्म उन्हें उनके बॉस दे रहे थे। ये चार बॉस थे मूथा अशोक जैन जो उस वक्त समीर वानखेड़े के डायरेक्ट बॉस थे.. लेकिन छुट्टी पर थे..  ज्ञानेश्वर कुमार सिंह जो मूथा अशोक जैन की जगह पर तब समीर वानखेड़े के डायरेक्ट बॉस थे.. संजय सिंह जो तब एनसीबी के ऑल इंडिया ऑपरेशनल हेड थे..  और एनसीबी के डायरेक्टर एसएन प्रधान।

कोर्ट में रखे समीर वानखेड़े के सबूतों के मुताबिक 2 अक्टूबर 2021 को आर्यन खान समेत बाकि लोगों की गिरफ्तारी की खबर उनके इन चारों बॉस को थी.. इतना ही नहीं वो क्रूज पर रेड और गिरफ्तारी की हर छोटी बड़ी खबर तब अपने आला अफसरों को दे रहे थे.. आर्यन की गिरफ्तारी की इजाजत भी खुद डीजी ने दी थी. जिस शाम आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था.. तब काफी देर तक एनसीबी के टॉप बॉस को भी पता नहीं था कि किस हीरो के बेटे को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद 3 अक्टूबर की रात ज्ञानेश्वर कुमार सिंह समीर वानखेड़े से व्हटसऐप मैसेज पर पूछते हैं कि मुंबई में क्रूज पर ड्रग्स पार्टी के दौरान पकड़े गए लोगों में वो कौन है जो बॉलीवुड एक्टर का बेटा है.. इसके बाद वो समीर वानखेड़े से तमाम जानकारी ई-मेल पर मांगते हैं और साथ ही व्हटसऐप पर उसकी कॉपी भेजने को कहते हैं.. इतना ही नहीं समीर वानखेड़े से जानकारी के साथ-साथ तमाम विजुअल भी भेजने को कहते हैं.. समीर वानखेड़े के विजुअल भेजने के बाद ज्ञानेश्वर कुमार सिंह पूछते हैं कि क्या वो इसे मीडिया के साथ शेयर कर सकते हैं.. तब समीर वानखेड़े दरखास्त करते हैं कि अभी नहीं शाम को..

एक चैट में समीर वानखेड़े अपने बॉस यानि ज्ञानेश्वर कुमार सिंह से नवाब मलिक का भी जिक्र करते हैं.. और कहते हैं कि नवाब मलिक कल एक प्रेस कांफ्रेस कर एनसीबी के गलत कामों का पर्दा फाश करने जा रहे हैं.. वो आगे कहते हैं कि सर नवाब मलिक के दामाद समीर खान को आपने ही गिरफ्तार किया था.. इसीलिए वो प्रेस कांफ्रेस कर रहा है.. इस पर ज्ञानेश्वर कुमार सिंह जवाब देते हैं कि घबराने की जरुरत नहीं है.. इस बात का ध्यान रखेंगे.आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद उससे जुड़ी छोटी से छोटी जानकारी मुंबई से लेकर दिल्ली तक एनसीबी के सभी टॉप बॉस हासिल कर रहे थे.. तब एनसीबी के अफसरो की निगाहें न्यूज चैनल पर भी थी और सोशल मीडिया पर भी.. एक जगह पर समीर वानखेड़े अपने बॉस ज्ञानेश्वर कुमार सिंह को बताते हैं कि एसआरके के फैन और एनसीपी पार्टी की तरफ से बकायदा कैंपेन चलाया जा रहा है.. लगभग 115k ट्वीट्स भी हो चुके हैं.. समीर वानखेड़े आगे व्हट्सएप करते हैं.. कि एसआरके की पेड मीडिया अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है लेकिन हम अपनी मेरिट पर पूरे देश में नंबर 2 पर ट्रेंड कर रहे हैं..


अब एक तरफ समीर वानखेड़े और दूसरी तरफ उन्हीं का डिपार्टमेंट यानी एनसीबी। कमाल की बात ये कि आर्यन केस को सही या गलत ढंग से हैंडल करने या आर्यन की गिरफ्तारी को लेकर आजतक शाहरूख खान के परिवार ने समीर वानखेड़े के खिलाफ कोई शिकायत नहीं लिखाई। बल्कि 25 करोड़ी की सौदेबाजी को लेकर जो एफआईआऱ समीर वानखेड़ के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की है वो खुद एनसीबी की शिकायत पर कगी गई है। सीबीआई समीर वानखेड़े से कई राउंड की पूछताछ कर चुकी है। इससे पहले वानखेड़े के घर समेत कई ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी भी हो चुकी है। लेकिन गिरफ्तारी को लेकर अभी सस्पेंस बरकरार है। यानी इस फिल्म की एंडिंग अब भी बाकी है। लेकिन इस एंडिंग से पहले एक औऱ तस्वीर सामने आ गई है। ये तस्वीर समीर वानखेड़े के गांव की है। एफआईआर दर्ज होने से ठीक चार दिन पहले यानी आठ मई की। य़हां भारी भीड़ के बीच कल का ये सिंघम भाषण दे रहा है। और लोग ना सिर्फ उसे सुन रहे हैं बल्कि तालियां भी पीट रहे हैं। और इन्हीं तालियों की गूंज में ये गूंज भत्री गूंज उठी है कि सिंघम 2024 का लोकसभा चुनाव भी लड़ सकता है। 
 

    follow google newsfollow whatsapp