भारत में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार चौथा सबसे आम अपराध है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2021 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 31,677 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए, या प्रतिदिन औसतन 86 मामले, 2020 से 28,046 मामलों की वृद्धि, जबकि 2019 में , 32,033 मामले दर्ज किये गये. आज की तारिख में बलात्कार के मामलों में पीड़ित महिला का बयान और परिस्थिति जन्य सबूत किसी भी आदमी को सज़ा दिलाने के लिए पर्याप्त हैं. अगर पुलिस ने ठीक से पीड़ित महिला का बयान दर्ज किया हो तो अपराधी को सज़ा दिलाना काफी हद तक आसान हो जाता है. ऐसे में क्या कोई पुलिसवाला या फिर कोई जज ही क्यों ना हो किसी भी महिला को चोट दिखाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता लेकिन ये हुआ है जो कि ना सिर्फ रेप विक्टम बल्कि हर महिला अंदर तक हिल जाएगी.
"पजामा कुर्ती उतारो, मुझे चोट देखनी है" रेप पीड़िता से वाले 'जज'
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04 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 4 2024 4:50 PM)
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