Nithari Kand Latest Update: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा के कुख्यात निठारी कांड (Nithari Kand Full Story) से जुड़े 12 मामलों में सुरेन कोली और दो मामलों में मनिंदर सिंह पंढेर (Surendra Koli and Moninder Pandher) को बरी कर दिया है. अदालत ने इन मामलों में कोली और पंढेर दोनों को बरी कर दिया है. 2 साल पहले Crimetak के रिपोर्टर ने उसी कोठी से ग्राउंड रिपोर्ट की थी की वो कोठी अब किस हालत में है. वो काली कोठी जहां 19 बच्चों के नर कंकालों मिले थे. देखें तनसीम हैदर की ग्राउंड रिपोर्ट
Nithari कांड के सालों बाद अब निठारी की कोठी ऐसी दिखती है, वो काली कोठी जहां 19 बच्चों के नर कंकाल मिले थे
ADVERTISEMENT
16 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 16 2023 1:18 PM)
Nithari Kand Latest Update: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा के कुख्यात निठारी कांड (Nithari Kand Full Story) से जुड़े 12 मामलों में सुरेन कोली और दो मामलों में मनिंदर सिंह पंढेर (Surendra Koli and Moninder Pandher) को बरी कर दिया है
निठारी कांड में सीबीआई ने 16 केस दर्ज किए थे. सुरेन कोली को इनमें से 14 मामलों में मौत की सजा मिली थी, जबकि मनिंदर सिंह पंढेर को छह मामलों में आरोपों का सामना करना पड़ा था, जिनमें से तीन में मौत की सजा सुनाई गई थी. इससे पहले उन्हें दो मामलों में बरी कर दिया गया था.
ADVERTISEMENT
2005 से 2006 तक नोएडा में हुए निठारी कांड में सीबीआई ने सुरेन कोली पर हत्या, अपहरण, बलात्कार और सबूत मिटाने का आरोप लगाया था. मनिंदर सिंह पंढेर पर मानव तस्करी का भी आरोप लगाया गया था.
दोनों आरोपियों ने अपनी मौत की सज़ा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उन्होंने तर्क दिया कि इन घटनाओं में उनकी संलिप्तता का कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं था, और उनकी सजा पूरी तरह से वैज्ञानिक और सरकमस्टांटियल एविडेंस पर आधारित थी. न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और एस.एच.ए. रिजवी की बेंच ने इन दोनों को इन मामलों से बरी कर दिया.
निठारी कांड क्या है?
Nithari Case Court Verdict: 7 मई 2006 को मोनिंदर सिंह पंढेर ने निठारी की एक युवती को नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। हालांकि, महिला घर नहीं लौटी. उसके पिता ने नोएडा के सेक्टर 20 पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद 29 दिसंबर 2006 को पुलिस को निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पीछे एक नाले में 19 बच्चों और महिलाओं के अवशेष मिले। पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू नौकर सुरेन कोली को गिरफ्तार कर लिया। बाद में निठारी मामले की सभी फाइलें सीबीआई को स्थानांतरित कर दी गईं।
कोली और पंढेर
सुरेन कोली उत्तराखंड के अल्मोडा के एक गांव से थे और 2000 में दिल्ली आए थे. उन्होंने दिल्ली में एक ब्रिगेडियर के घर पर रसोइया के रूप में काम किया था और अपने पाक कौशल के लिए जाने जाते थे। 2003 में वह पंढेर के संपर्क में आया. पंढेर के कहने पर कोली ने नोएडा के सेक्टर-31 के एक घर में काम करना शुरू कर दिया. 2004 में पंढेर का परिवार पंजाब चला गया, जिसके बाद कोली और पंढेर सेक्टर-31 स्थित घर में एक साथ रहने लगे। पंढेर के घर पर अक्सर कॉलेज की लड़कियां आती थीं और उस दौरान कोली घर के गेट पर नजर रखता था.
उन पर आरोप है कि वे घर के पास से गुजरने वाले बच्चों को पकड़ लेते थे और उनकी हत्या करने से पहले उनका यौन उत्पीड़न करते थे. हालाँकि, निठारी गाँव के निवासियों का दावा है कि पंढेर के घर से शरीर के अंगों का अवैध व्यापार होता था. उनका आरोप है कि आरोपी बच्चों की हत्या कर उनके शरीर के अंग निकाल लेते थे, जिन्हें विदेशों में बेच देते थे.
ADVERTISEMENT