Vardaat Full Story: प्यार कब होता है... क्यों होता है... कैसे होता है... कहां होता है... किसी को नहीं मालूम। फिर ये सरहदों को कहां मानने वाला था और बस यहीं प्यार खता कर बैठा। कमबख्त...वो दिल और मुल्क की सरहद को एक मान बैठी। अंजाम ये हुआ कि दिल ने पाकिस्तान से हिंदुस्तान पहुंचा दिया और कानून ने सलाखों के पीछे।
पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर, प्यार के लिए बिना वीजा किया बॉर्डर पार
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05 Jul 2023 (अपडेटेड: Jul 5 2023 10:20 AM)
India-Pak Border: पाकिस्तान से सरहद पार करके आई सीमा हैदर, अब पुलिस की गिरफ्त में है.
Seema Haider: सरहद पार से ताज़ा-ताज़ा टपकी मोहब्बत की ये वो दास्तान है जो शुरू ही शादी के बाद होती है। ये दास्तान नए दौर की एक लैला की है। लैला पाकिस्तान (Pakistan) की है। जबकि उसका मजनूं हिंदुस्तानी (India)। अब चूंकि लैला-मजनूं की ये कहानी नए दौर की है तो जाहिर है दोनों की मुलाकात भी नए ज़माने के ट्रेंड के हिसाब से ही होगी। तो दोनों किसी महफिल, महल, झोपड़े या पार्क में नहीं मिलते। बल्कि दोनों की पहली मुलाकात वर्चुअल दुनिया के पबजी (pubg) पर होती है। पबजी पर लैला पाकिस्तान से गेम खेलती है और मजनूं हिंदुस्तान से। देखते ही देखते गेम प्रेम में बदल जाता है। फिर क्या था लैला अपने मजनूं से मिलने अपना दिल हाथ में लिए पाकिस्तान से सीधे हिंदुस्तान पहुंच जाती है। वो भी बिना पासपोर्ट-वीजा के। शायद उसे लगा कि सरहद की हद दिल के आगे क्या मायने रखती है। अब लैला अपने मजनूं से मिलने खुद आई तो आई ऊपर से अपने चार बच्चों को भी पाकिस्तान से साथ ले आई। जाहिर है वो भी बिना वीजा-पासपोर्ट (visa passport) के ही आए होंगे। अब आप ही बताइए एक तो दोनों देशों के बीच वैसे ही नहीं बन रही. ऊपर से ये लैला-मजनूं की कहानी और फिर पबजी गेम से कहानी का आगाज़। शक तो बनता है ना...तो उसी शक की बिनाह पर फिलहाल लैला-मजनूं और लैला के चारों बच्चे पुलिस के पास हैं।
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India-Pak Border: चलिए अब और ज्यादा बिना घुमाए सीधे कहानी बताता हूं....कहानी शुरू होती है 2020 में। जब कोरोना ने लोगों को घरों के अंदर बंद कर दिया था। इसी लॉकडाउन में ज्यादातर लोगों का वक्त वर्चुल दुनिया में ही कट रहा थाा। 28 साल की सीमा हैदर भी पबजी और बाकी खेलों के जरिए अपना टाइम पास कर रही थी। दरअसल सीमा पाकिस्तान के सिंद प्रांत के जसीमाबाद की रहनेवाली थी। 2014 में उसकी शादी गुलाम हैदर नाम के एक शख्स के साथ हुई। गुलाम कराची में रहता था। शादी के बाद सीमा कराची पहुंच गई। गुलाम का कराची में टाइल्स का काम था। 2019 में गुलाम हैदर नौकरी के लिए दुबई चला गया। इससे पहले शादी के बाद से सीमा और गुलाम में अक्सर झगड़ा हुआ करता था। गुलाम उसे मारता पीटता भी था। 2021 में कोरोना के वक्त गुलाम वापस कराची आ गया। मियां बीवी में फिर से झगड़े होने लगे। हालांकि तब तक दोनों के चार बच्चे हो चुके थे।
Crime Full Story: लॉक डाउन के दौरान सीमा का ज्यादातर वक्त सोशल मीडिया पर बीतने लगा। खास कर पब्जी के खेल पर। पब्जी पर इसी खेल के दौरान पहली बार उसकी मुलाकात ग्रेटर नोएडा में रहनेवाले 24 साल के सचिन से हुई। खेल खेल में दोनों करीब आते गए। इतने करीब कि जल्द ही दोनों ने एक दूसरे से प्यार का इजहार कर दिया। क्योंकि तब तक दोनों पब्जी से बाहर निकल कर इंस्टाग्राम और व्हाट्स एप पर भी आ चुके थे। नंबरों की अदला बदली हो चुकी थी। धीरे-धीरे जब प्यार हद से बढ़ने लगा, तो मिलने की बेचैनी भी बढ़ने लगी। लेकिन 2022 तक कोरोना उनके मिलन में रुकावट बन रहा था। फिर 2023 का साल आया। मार्च का महीना। सीमा और सचिन ने मिलने का फैसला किया। पर मसला ये था कि दोनों मिले कहां? सचिन पाकिस्तान जा नहीं सकता और सीमा हिंदुस्तान आ नहीं सकती थी। मसला वीजा का था। आखिरकार दोनों ने बीच का एक रास्ता निकाला। ये बीच का रास्ता नेपाल था। सीमा आसानी से पाकिस्तान से नेपाल जा सकती थी। और सचिन के लिए तो खैर नेपाल जाना और भी आसान था। दोनों ने मिलने की तारीख तय की और फिर इसी साल मार्च में सीमा कराची से काठमांडू पहुंची। इधर सचिन भी सड़क के रास्ते ग्रेटर नोएडा से बस के जरिए काठमांडू पहुंच गया। वर्चुअल दुनिया पर एक दूसरे को देख कर सीमा और सचिन अब काठमांडू में एक साथ थे। दोनों एक हफ्ता काठमांडू के एक होटल में रुके। फिर इस वादे के साथ सीमा पाकिस्तान लौट गई और सचिन हिंदुस्तान कि अगली बार वो जब भी मिलेंगे, हमेशा के लिए मिलेंगे।
Pakistan News: उधर कराची लौटने के बाद सीमा ने सबसे पहले कराची में सबसे पहले एक ट्रावेल एजेंट को कॉन्टैक्ट किया। वो जानना चाहती थी कि अपने चारों बच्चों के साथ वो कैसे हिंदुस्तान जा सकती है। ट्रैवल एजेंट ने उसे बताया कि फिलहाल भारत का वीजा मिलना मुश्किल है। इसी के साथ उसने सीमा को भारत जाने का एक दूसरा रास्ता बताया। ट्रैवल एजेंट ने सीमा से कहा कि वो पाकिस्तान से नेपाल जाकर फिर नेपाल से सड़क के रास्ते आसानी से भारत जा सकती है। सीमा को ये बात समझ आ गई। लेकिन वो एक माशूक होने के साथ-साथ चार बच्चों की मां भी थी। शौहर से बनती नहीं थी। इसीलिए उसने तय किया कि वो अपने चारों बच्चों को अपने साथ हिंदुस्तान ले जाएगी। पर बच्चों के पासपोर्ट नहीं थे। पासपोर्ट बनाने में अच्छा खासा खर्चा था। सीमा ने बच्चों का पासपोर्ट बनाने के लिए अपने हिस्से की जमीन बेच दी। बच्चों का पासपोर्ट बनवाया। इसके बाद मई के पहले हफ्ते में कराची से चारों बच्चों को लेकर काठमांडू पहुंची। काठमांडू से वो पोखरा गई। फिर पोखरा से बस के रास्ते भारत में दाखिल हो गई। भारत में दाखिल होने के बाद वो सड़क के रास्ते बस से ही 13 मई को ग्रेटर नोएडा पहुंची। वहां सचिन पहले से उसका इंतजार कर रहा था। वो सीमा और उसके चारों बच्चों को रब्बूपुरा के फ्लैट में ले गया। सचिन ने पहले से ही रब्बूपुरा में एक फ्लैट किराये पर ले रखा था। खास सीमा और उसके बच्चों के लिए। मकान मालिक और पड़ोसियों को उसने यही बता रखा था कि सीमा उसकी बीवी है।
सीमा को हिंदुस्तान आए लगभग डेढ महीने हो चुके थे। लेकिन किसी को भी इस बात की भनक नहीं लगी कि वो पाकिस्तानी है। उसका पहनावा और बोलचाल भी हिंदुस्तानियों जैसा था। यहां तक कि इस दौरान सचिन ने अपने घरवालों को भी सीमा की सच्चाई बता कर उसके साथ शादी करने की बात सच सच बता दी थी। घरवाले राजी भी हो गए थे। लेकिन शादी को कानूनी मान्यता देनी जरूरी थी। और बस इसी मोड़ पर सरहद के इस पार और उस पार की ये प्रेम कहानी लीक हो गई।
दरअसल हुआ ये कि कुछ दिन पहले सचिन कानूनी रूप से शादी करने के लिए इलाके के एक वकील के पास गया। उसने वकील को सबकुछ सच सच बता दिया। ये भी कि सीमा और उसके बच्चों के पास पासपोर्ट तो है, लेकिन भारत का वीजा नहीं है। वकील को सीमा पर कुछ शक हुआ। इसके बाद उसी वकील ने लोकल पुलिस को उसकी खबर दे दी। खबर मिलते ही लोकल पुलिस सचिन और सीमा के घर पहुंची। इसके बाद दोनों को हिरासत में ले लिया। साथ में उनके बच्चों को भी। अब सीमा से पुलिस की पूछताछ शुरू हुई। पूरी पूछताछ के दौरान सीमा वही कहानी सुनाती रही, जो ऊपर हम आपको सुना चुके हैं। यानी पब्जी से शुरू हुई ये लव स्टोरी ग्रेटर नोएडा में आकर खत्म हुई। लेकिन पुलिस को सीमा पर शक था। शक की वजह भी थी। अक्सर हनीट्रैप या ऐसे ही दूसरे मामलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अपने जासूसों को भारत भेजती रही है। अब पुलिस इसी बात की जांच कर रही है कि सीमा सच में मुहब्बत की मारी है या फिर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का कोई मोहरा।
अब तक के पूछताछ और तलाशी के दौरान पुलिस को सीमा के पास से सीमा और उसके चारों बच्चों के पाकिस्तानी पासपोर्ट, सीमा और उसके शौहर यानी गुलाम हैदर की मैरिज सर्टिफिकेट, तीन आधार कार्ड और एक पाकिस्तानी सिम मिला है। इतना ही नहीं सीमा की शादी के दो वीड़ियो कैसेट भी उसके पास से मिले हैं। इन चीजों को देख कर ऐसा लगता है कि मानों सीमा अपनी शादी से जुड़े सभी दस्तावेज और सबूत लेकर हिंदुस्तान आई थी। सीमा और उसके बच्चों के पासपोर्ट पर नेपाल का वीजा भी मिला है। हालांकि यूपी पुलिस अब भी मामले की जांच कर रही है। लेकिन अब तक की पूछताछ और क्रॉस चेक के बाद सूत्रों के मुताबिक खुद पुलिस का भी यही मानना है कि शायद ये मामला जासूसी का नहीं है, बल्कि इश्क का ही है।
फिलहाल यूपी पुलिस सीमा से बरामद तमाम दस्तावेजों और उसके बयान की सच्चाई को जानने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के भी संपर्क में है। सीमा के अलावा इधर सचिन की भी शुरुआती जांच के बाद ऐसा ही लगता है कि वो भी इश्क का ही शिकार है। सचिन का कोई पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं मिला है। लेकिन बगैर वीजा और कानूनी यात्रा दस्तावेज के सीमा और उसके बच्चों के भारत आने और ये सबकुछ जानते हुए भी सचिन का उसको पनाह देना कानून की नजर में जुर्म है। लिहाजा पुलिस सीमा और उसके बच्चों के साथ-साथ सचिन को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। जाहिर है ये जांच अभी चलेगी। और जब तक सीमा को जांच एजेंसियां एक जासूस होने की बजाय एक माशूक होने का सर्टिफिकेट नहीं दे देती, तब तक वो पुलिस हिरासत या जेल में ही रहेगी। लेकिन असल मसला सीमा के चार नाबालिग बच्चों का है। जो तीन से सात साल के हैं। जाहिर है इन्हें जेल नहीं भेजा जा सकता। पर जब तक सीमा और सचिन का फैसला नहीं हो जाता, इन्हें किसी और सौंपा भी नहीं जा सकता। बहुत मुमकिन है कि तब तक के लिए इ्न्हें किसी एनजीओ या फिर बाल सुधार गृह में रखा जाए।
अब देखना ये है कि पुलिस और कानून सीमा की किस्मत के बारे में क्या फैसला करती है। हालांकि सीमा ने एक जुर्म तो किया है और वो ये है कि उसने बगैर कानूनी दस्तावेज के अपनी सीमा लांघ कर भारतीय सीमा में दाखिल हुई है। मान लीजिए आगे चल कर अगर जासूसी का इल्जाम उसके माथे से हट भी जाता है, तो भी क्या उसे उसका सचिन उसे मिल पाएगा। क्या वो सचिन के साथ रह पाएगी। या फिर इस सीमा को सीमा पार उसके घर भेज दिया जाएगा।
Crime Story: पाकिस्तान की इकरा और भारत के मुलायम की कहानी भी सीमा और सचिन से मिलती जुलती है। बात 2019 की है। जब ऑन लाइन गेम खेलते खेलते पाकिस्तान की लड़की इकरा को भारत के नौजवान मुलायम से प्यार हो गया। इकरा पाकिस्तान के हैदराबाद में रहती थी, जबकि उत्तर प्रदेश का रहनेवाला मुलायम सिंह यादव बेंगलुरू के होसुर-सरजापुर रोड पर एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड था। दोनों को लूडो का बड़ा शौक था। दोनों ऑन लाइन लूडो के खेल खेल में दोनों कब एक दूसरे से प्यार करने लगे, दोनों को पता नहीं नहीं चला। इसके बाद हैदराबाद में ट्यूशन पढाने वाली इकरा ने भारत आने और प्यार को पाने का फैसला कर लिया। 2022 में दोनों अपने-अपने घरों से निकले और उन्होंने नेपाल में शादी रचा ली।
लेकिन इस कहानी में तब ट्विस्ट आ गया, जब जनवरी 2023 में दोनों के लव अफयेर के बीच कानून की दीवार आ गई। बेंगलुरू पुलिस को पाकिस्तान में कुछ व्हाट्स एप कॉल के बारे में जानकारी मिली। दरअसल, भारत आने और मुलायम के साथ अपना घर बसा लेने के बावजूद इकरा कभी-कभार पाकिस्तान में अपनी अम्मी-अब्बू से बात किया करती थी। और एजेंसियों को भारत से पाकिस्तान में होनेवाले इस व्हॉट्स एप कॉल के बारे में पता चल गया। इसके बाद 23 जनवरी 2023 को बेंगलुरू पुलिस ने इकरा को गलत तरीके से भारत में छुप कर रहने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही मुलायम पर भी एक पाकिस्तानी नागरिक को गलत तरीके से यहां शरण देने के जुर्म में कानूनी कार्रवाई हुई। और तब इकरा को घर वापसी के लिए पाकिस्तानी इमिगेशन अधिकारियों के हवाले कर दिया गया। पाकिस्तान डिपोर्ट किए जाने से पहले इकरा बेंगलुरू के वीमेन होम में करीब एक महीने रही। इस दौरान वो लगातार अपने पति मुलायम के साथ रहने की मांग दोहराती रही और खुद को पाकिस्तान ना भेजने की अपील भी करती रही। और तो और इकरा को अपनी बहू मान चुके मुलायम के घरवालों ने भी उसे पाकिस्तान ना भेजने की अपील की। लेकिन कानून ने वही किया, जो उसे करना था।
रामपुर के जावेद उर्फ गुड्डू की कहानी भी सरहद पार वाली मुहब्बत के इर्द-गिर्द पनपती है, लेकिन जावेद की मुहब्बत एक रोज अचानक उसकी पूरी की पूरी जिंदगी पलट कर रख देती है और उसे जासूसी के इल्जाम में गिरफ्तार लिया जाता है। जावेद की कहानी शुरू हुई थी 1999 में, जब जावेद अपनी मां को उनके रिश्तेदारों से मिलवाने अपने भाई बहनों के साथ कराची जाता है। जावेद इसके पहले से अपनी मां के दूर की रिश्तेदार मुबीना उर्फ गुड़िया से बात कर रहा होता और जब तक वो कराची पहुंचता है उसकी यही बातचीत मुहब्बत में बदल चुकी होती है। कराची में मुबीना से मिल कर वो हिंदुस्तान लौट आता है, लेकिन यहां से फिर वो पाकिस्तान में मुबीना को लव लेटर्स भेजा सकता है। 2001 में जावेद एक बार फिर कराची जाता है और तब वो मुबीना से वादा करता है कि वो जल्द ही उससे शादी कर अपने साथ हिंदुस्तान लेकर जाएगा। जावेद और मुबीना के घरवालों को भी इस रिश्ते से कोई ऐतराज नहीं था, लेकिन कहानी में तब ट्विस्ट आ जाता है, जब एसटीएफ जावेद को अचानक गिरफ्तार कर लेती है। उस पर जासूसी के इल्जाम लगते हैं। उसे आईएसआई एजेंट बताया जाता है और इस तरह पूरे साढे ग्यारह साल वो जेल में कैद हो कर रह जाता है। लेकिन जब उस पर चल रहे मुकदमे में फैसले की घड़ी आती है, तो सबूत कम पड़ जाते हैं और आखिरकार उसे बरी कर दिया जाता है। अदालत बताती है कि जावेद एजेंट नहीं बल्कि एक आशिक था।
अब भारत की आकांक्षा और अफगानिस्तान के नोमोन की कहानी सुनिए। आंकाक्षा और नोमोन की मुलाकात 12वीं क्लास के आखिरी सेमेस्टर में हुई। नोमोन यहीं पढ़ता था। नोमोन ने उसे डांस पार्टी के लिए इनवाइट किया था। फिर धीरे-धीरे दोनों में प्यार हो गया। लेकिन दोनों ना सिर्फ अलग-अलग धर्म से बल्कि अलग-अलग मुल्कों से भी थे। ऐसे में उनके सामने शादी करने और साथ रहने की चुनौती काफी बड़ी थी। आकांक्षा ने अपने घरवालों से बात की, लेकिन उन्होंने इस रिश्ते के लिए ना कर दिया। 8 साल साथ रहने के बाद नोमोन ने 2022 में आकांक्षा को प्रोपोज किया। इसके बाद खास मौके के लिए उसने आंकाक्षा के घरवालों को भी इनवाइट किया, लेकिन उन्होंने दूरी बनाए रखी। हालांकि आकांक्षा के भाई ने उसका साथ दिया। अब दोनों साथ में दुनिया घूम रहे हैं और ऐसे ही प्रेमी जोड़े अब उनसे सलाह मांगते हैं।
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