पार्किंग एरिया, संकरी गलियां, वहां खड़े वाहन, बिजली के मीटर और ज्वलनशील पदार्थ दे रहे हैं मौत को दावत!
Video : दिल्ली के शकरपुर में बड़ा हादसा, बिल्डिंग में लगी आग, एक महिला की मौत, 31 लोग बिल्डिंग में फंसे थे, कुछ बालकनी से कूदे
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14 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 14 2023 1:06 PM)
Delhi Shakarpur Fire Update : दिल्ली के शकरपुर की एक इमारत में सोमवार देर रात भीषण आग लगने से 40 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई, जबकि 26 लोगों को बचा लिया गया।
Delhi Shakarpur Fire Update : दिल्ली के शकरपुर की एक इमारत में सोमवार देर रात भीषण आग लगने से 40 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई, जबकि 26 लोगों को बचा लिया गया। दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग के मुताबिक, इस हादसे में एक फायर कर्मी भी जख्मी हुआ है। ये आग पार्किंग एरिया से शुरू हुई थी। ऐसा माना जा रहा है कि शर्ट सर्किट या बम जलाने की वजह से आग लगी होगी। ये आग वहां खड़े वाहनों में लगी। इसके बाद पूरी बिल्डिंग में आग और धुआं फैल गया। इस दौरान कई लोग बालकनी से कूद गए। अभी भी कई लोग दिल्ली के तमाम अस्पतालों में भर्ती है।
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आग रात एक बजे के आसपास लगी। शकरपुर में 200 गज की एक आवासीय बिल्डिंग (F-11/750, Ganesh nagar-2, Shakar Pur )है। इसमें 8 फ्लैट्स बने हैं। चार एक तरफ और चार दूसरी तरफ। घटना का पता चलने के बाद कुछ ही मिनटों में मौके पर फायर ब्रिगेड पहुंची। इस घटना में एक महिला की मौत हो गई जबकि दिल्ली दमकल सेवा ने 26 लोगों एवं दो पालतू जानवरों को बचा लिया। कुछ लोग स्वयं को बचाने के लिए खिड़कियों से कूद गए। कई लोगों को सिर पर गंभीर चोट लगी है। वो सीरियस बताए जा रहे हैं।
आग से कम, धुएं से ज्यादा प्रभावित
कई लोगों ने पहले ही घर बेच दिया था, इस वजह से बच गए
आग लगने की वजह से चारों तरफ धुआं फैल गया। टाप फ्लोर पर रहने वाली एक महिला की मौत हो गई। इस दौरान कई बुजुर्गों और बच्चों को बचाया गया।
दिल्ली दमकल सेवा के डायरेक्टर के मुताबिक, ‘‘हमें देर रात करीब एक बजकर पांच मिनट पर आग लगने की सूचना मिली। हमने दमकल की तीन गाड़ियों को तुरंत काम पर लगाया। बाद में पांच और दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। मामले की सूचना पुलिस को तुरंत दी गई।’’
ऐसे में कई सवाल खड़े हो गए हैं -
किसकी गलती फायर विभाग की या वहां रहे हैं लोगों की?
क्यों फायर विभाग चेकिंग नहीं करता है?
थोड़े से पैसे बचाने के चक्कर में मौत को दावत!
ये तो विभाग ने बहादुरी दिखाई, वरना हादसा बड़ा हो सकता था!
कैसे बचे आग से ? (आग ही नहीं लगेगी)
पार्किंग एरिया में बिजली के मीटर न लगाएं।
बिजली का लोड चेक करते रहें।
सीढ़ियां चौड़ी होनी चाहिए, निकलने का रास्ता होना चाहिए
बिल्डिंग में वेंटिलेशन होना चाहिए
फायर उपकरण घरों में होने चाहिए
कई सवाल और हैं -
आग जब GFloor से आग बढ़ती है तो क्या FFloor वालों को गेट खोलने चाहिए?
सीढ़ियों में धुआं/आग, ऐसे में क्या घर का दरवाजा खोल सकते हैं या बालकानी से कूद सकते हैं?
क्या गीला कपड़ा मुंह पर बांध सकते हैं?
क्या घरों में सीढ़ी, रस्सी, रेत रखना उपयोगी होगा?
फायर विभाग का बयान
फायर विभाग के मुताबिक, आग स्टिल्ट पार्किंग, वाहनों और ग्राउंड प्लस तीन मंजिला आवासीय बिल्डिंग में लगी थी। ये बिल्डिंग 200 गज की है। इसमें 31 लोग इसमें फंसे थे। 31 व्यक्तियों में से 26 व्यक्तियों को डीएफएस कर्मियों ने बचाया और 5 व्यक्ति बालकनी से कूद गए। 10 व्यक्तियों को जीटीबी, एलबीएस और हेडगेवार अस्पताल ले जाया गया और एक महिला को मृत घोषित कर दिया गया (जिसे डीएफएस ने बचाया था)। एक डीएफएस कर्मी (समय सिंह को एमआईपी से सांस लेने में समस्या हो रही थी) भी घायल हुए थे। उन्हें एलबीएस अस्पताल ले जाया गया था और प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
जो लोग बचाए गए, उनके नाम हैं -
1. कमल तिवारी उम्र 40 वर्ष
2. प्रियंका उम्र 36 साल
3. शौर्या उम्र 12 वर्ष
4 शिवा उम्र 3 वर्ष
5. बीना
6. अनीता उम्र 40 वर्ष (एलबीएस अस्पताल में मृत घोषित)
7. मधुशाला उम्र 58 वर्ष
8. अभिनव उम्र 30 साल
9. अभिसार उम्र 27 साल
10. पीयूष उम्र 23 साल
11 रितिक उम्र 25 वर्ष
12. धर्मेन्द्र उम्र 55 वर्ष
13. श्वेता उम्र 50 वर्ष
14. कमल उम्र 28 साल
15 आयुष उम्र 16 वर्ष
16 देव सिंह उम्र 55 वर्ष
17 नीमा उम्र 51 वर्ष
18 भावना उम्र 29 साल
19 आशीष उम्र 23 साल
और बाकी का पता नहीं चल सका और 2 कुत्तों को भी सुरक्षित बचा लिया गया है। इस घटना से सोचने की जरूरत है, पर अफसोस ऐसा प्रभावी तरीके से हो नहीं पा रहा है।
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