Delhi Serial Killer Exclusive: साल 2008 से पहले उसे शौक चढ़ा भूतिया फिल्म देखने का। उसने बचपन में एक अंग्रेजी फिल्म देखी थी, जिसमें तीन लोग बच्चों की हत्या कर उनसे कुकर्म या दुष्कर्म करते थे। बस इस फिल्म ने उसके दिमाग पर गहरा असर डाल दिया। अब वो भी ऐसा करने की सोचना लगा। यह फिल्म देखने के बाद वह भी शराब पीने लगा और उसके बाद सूखा नशा (साल्यूशन व व्हाइटनर आदि) करने लगा।
7 साल 30 बच्चों का शिकार, देखिए और सुनिए सबसे खतरनाक साइको किलर का कबूलनामा कैमरे पर Live
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10 May 2023 (अपडेटेड: May 10 2023 2:54 PM)
Delhi Psycho Killer Exclusive: वो बच्चियों के साथ पहले कुकर्म करता था, फिर उनका मर्डर करता था, जानिए दिल्ली के इस हैवान की पूरी कहानी जिसने 30 बच्चियों को अपना निशाना बनाया।
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2008 में पहली घटना को दिया अंजाम
Delhi Serial Killer : कहते हैं उसने 2008 में पहली घटना को अंजाम दिया। उस वक्त उसकी उम्र 15 साल थी। अब उसने बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाना शुरू कर दिया। हवस का शिकार ही नहीं, उन्हें मारना भी शुरू कर दिया। ताज्जुब की बात ये है कि इसकी भनक किसी को भी नहीं लगी। साल बीतते चले गए। वो टारगेट चुनता था गरीब बच्चों को और जगह चुनता था, खाली पड़े प्लाटों को। बच्चों के मा-बाप ज्यादा पैरवी नहीं कर पाते थे और इसी का वो फायदा उठाता था। उसे लगता था कि कानून उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। और होता भी यही चला चला गया।
ये खौफनाक सीरियल किलर है!
बात 2014 की है। तभी रविंद्र करीब 21 साल का था। दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड एसीपी जगमिंदर दहिया, जो इस केस के जांच अधिकारी भी थे, ने बताया कि वर्ष 2014 में आरोपित ने बेगमपुर थाना इलाके में बच्चे को अपना शिकार बनाया था। बच्चे के साथ गलत काम किया और उस्तरे से बच्चे का गला काट दिया। इसके बाद बच्चे को नाले में फेंक दिया था। नाला सूखा था व उसमें रेत पड़ी थी। बच्चा जब नीचे गिरा तो उसका गला मिट्टी में सट गया था। इस वजह से उसका खून निकलना बंद हो गया था। रविंद्र ने सोचा कि वो मर गया है, लेकिन उसकी किस्मत अच्छी थी कि एक बीट कांस्टेलब ने बच्चे को नाले में पड़े देख लिया और वो बच गया।
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