यूपी एसटीएफ के एक दावे ने पूरी यूपी में हलचल बढ़ा दी है...हर तरफ पुलिस की जयजयकार होने लगी। सड़क से लेकर सदन तक सियासी माहौल उबाल मारने लगा और सूबे की सरकार भी अपनी पुलिस की इस कामयाबी के बाद फूली नहीं समा रही है। 
पुलिस का दावा है कि उसने 13 अप्रैल की दोपहर झांसी के पास पारीछा के नजदीक अतीक अहमद को बेटे असद और उसके साथ गुलाम मोहम्मद को एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया। पुलिस का ही दावा है कि इन दोनों को पुलिस ने उस वक्त एनकाउंटर में मार गिराया जब ये दोनों मोटरसाइकिल पर सवार होकर फरार होने की फिराक में थे लेकिन पुलिस के घेरे में फंस गए और तभी इनकी मोटरसाइकिल पलट गई। 
मौका-ए-वारदात से थाने ले आई गई असद और गुलाम की वो मोटरसाइकिल अब खड़े खड़े पुलिस और उसके दावों को पंचर करने में लगी हुई है। क्योंकि उस खड़ी मोटरसाइकिल ने कई सवालों को अचानक रफ्तार दे दी है। 
खुलासा हुआ है कि जिस मोटरसाइकिल पर सवार होकर असद और शूटर गुलाम फरार होने की फिराक में थे उस पर कोई नंबर प्लेट नहीं है। ऐसे में गाड़ी की पहचान करना मुश्किल हो रहा है। ये भी बात निकलकर सामने आई है कि मोटरसाइकिल की चाबी भी नदारद है तो क्या मरने से पहले असद और गुलाम ने मोटरसाइकिल की चाबी निकालकर कहीं फेंक दी। 
जिस जगह असद और गुलाम का एनकाउंटर किया गया और जिस तरह से मोटरसाइकिल वहां उन दोनों के बीच पड़ी हुई मिली वो भी कई दावों को अपने पहियों तले रौंदती दिखाई देती है। यानी कुल मिलाकर ये मोटरसाइकिल असल में पुलिस और एसटीएफ की उस स्क्रिप्ट की हवा निकाल रही है जिसके दम पर पुलिस अपनी पीठ थपथपाने में लगी हुई है। यूं तो सवाल कई हैं लेकिन एक मोटरसाइकिल और उस पर लगी खरोंचों ने पुलिस के मजबूत दावों पर पर डेंट लगा दिया है।