सेंट्रल स्टेट हॉस्पिटल (Central State Hospital) अमेरिका के जॉर्जिया में बने इस हॉस्पिटल का शुमार दुनिया के सबसे बड़े पागलखाने के तौर पर किया जाता है, लेकिन अब यहां पागलों का इलाज नहीं होता है। इसे अब पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। लेकिन यहां जाने से लोग डरते हैं। लोगों का मानना है कि यहां भूत रहते हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा पागलखाना! यहां आते ही डर जाते हैं लोग
अमेरिका के जॉर्जिया में दुनिया के सबसे बड़े पागलखाने को आम लोगो के लिए पर्यटक स्थल तौर पर खोला, लोगो का कहना है यहाँ है भूतो का वास, Read latest crime news in Hindi and more on CrimeTak.in
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06 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:06 PM)
क्या है पागलखाने में भूत का सच?
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किसी जमाने में इसे दुनिया का सबसे बड़ा पागलखाना कहा जाता था, इसके बाद धीरे-धीरे यहां लोग कम होते गए और इस हॉस्पिटल की कई इमारतें खंडहर में बदलती गईं। अभी भी यहां कुछ लोग ऐसे मजूद हैं जिनका इलाज चलता रहता है। दरअसल, अमेरिका के जॉर्जिया में स्थित सेंट्रल स्टेट हॉस्पिटल को आम जनता के लिए खोल दिया गया है। इस हॉस्पिटल का वर्तमान जितना दिलचस्प है इसका इतिहास उससे भी ज्यादा दिलचस्प है।
क्या है इस पागलखाने का कहानी?
ये हॉस्पिटल साल 1842 में बना था। साल 1960 तक पहुंचते-पहुंचते ये दुनिया का सबसे बड़ा पागलखाना माना जाने लगा। उस वक्त यहां 12 हजार से ज्यादा मरीजों का एक साथ इलाज चलता था। हालांकि ये भी एक तथ्य है कि इस हॉस्पिटल में बड़े ही अमानवीय तरीके से मरीजों को रखा जाता था। बच्चों को लोहे से बने पिंजड़े में बंद रखा जाता था जबकि बड़ों को जबरदस्ती स्टीम बाथ और ठंडे पानी से नहाने के लिए कहा जाता था।
दिमागी तौर पर बीमार लोगों की कब्रगाह!
एक रिपोर्ट्स में इस बात का भी जिक्र है कि इस पागलखाने के मैदान में 25 हजार से ज्यादा मरीजों को दफनाया जा चुका है। यहां उन मरीजों के नाम की मेटल से बनी प्लेट गड़ी हुई हैं। धीरे-धीरे इस हॉस्पिटल की हालत काफी खराब हो गई, यहां लोगों की तादाद में कमी होने लगी। हालत ये हो गए कि करीब हजार एकड़ में बने अस्पताल की 200 से ज्यादा खाली पड़ी इमारतों में भूत पकड़ने वाले लोग आने लगे। लोगों का कहना है कि खाली हिस्से हॉन्टेड हैं और वहां भूतों का वास है, हालांकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है।
पागलखाना ऐसे बना पर्यटक स्थल
फिलहाल इस वक्त इस पूरे हॉस्पिटल का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा एक्टिव है जिसमें करीब 300 लोगों का इलाज चलता है। अब इलाज के तरीकों को काफी बदल दिया गया है। जनवरी 2020 में लोगों का हॉस्पिटल का एक ऑफिशियल टूर करवाया गया। इसके बाद से हर महीने एक बार अस्पताल को टूर के लिए खोल दिया गया है।
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