मां और दो बेटियों का दर्दनाक क़त्ल, टूटी चूड़ियों और सुसाइड नोट ने ऐसे दिया क़ातिल का सुराग़

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CrimeTak

06 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:06 PM)

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Murder Mystery Crime Investigation News : ऐसे कई जुर्म होते हैं जिन्हें अंजाम देना तो कई बार बेहद आसान लगता है लेकिन उसे छुपाना उतना ही मुश्किल. खासतौर पर तब जब जुर्म करने वाला जानबूझकर वारदात को छुपाने की कोशिश करे. एक ऐसी घटना जिसमें एक घर में तीन-तीन क़त्ल की वारदात होती है लेकिन उसे आत्महत्या होने का दावा किया गया.

इसमें सबसे ज़्यादा हैरानी की बात तो ये थी कि आत्महत्या करने की वजह कोई नहीं थी. सिवाय एक सबूत के. वो सबूत भी ऐसा था जिसे आत्महत्या के केस में सबसे बड़ा माना जाता है. वो था सुसाइड नोट.

यानी, एक घर में हुई तीन मौतों को आत्महत्या बताने के लिए मौक़े से सुसाइड नोट मिला था. जिससे ये पता तो चलता था कि तीनों मौत आत्महत्या है. लेकिन उस नोट से ये पता नहीं चल पाया कि आखिर मां और उसकी दो मासूम बेटियों की मौत की वजह क्या है?

अगर मां ने दोनों बच्चियों की हत्या करने के बाद खुद आत्महत्या की तो क्यों? ये पता नहीं चल पाया. फिर घटनास्थल से महज कुछ कदम की दूरी पर टूटी मिली चूड़ियों और उसी सुसाइड नोट से ट्रिपल मर्डर की इस वारदात को सुलझा दिया गया.

क्या है पूरी घटना

UP Gonda Tripple Murder Case : ये घटना यूपी के गोंडा जिले की है. 1 अक्टूबर को गोंडा के देवरिया इलाके में एक ही परिवार के तीन लोगों का शव मिला था. ये शव मां और दो बेटियों के थे. ट्रिपल मर्डर की इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी दंग रह गई.

घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी संतोष कुमार मिश्रा भी मौके पर पहुंचे. पता चला कि 30 सितंबर की रात में ही तीनों की मौत हो गई थी. हालांकि, तीनों मौत के बारे में पुलिस को पड़ोसियों से सूचना मिली थी. जबकि घर में मृत महिला के पति, सास, ससुर, जेठ, जेठानी सभी लोग थे.

जांच में पता चला कि मरने वाली महिला कौशल्या (25 वर्ष), इनकी एक साल की बेटी ज्ञानवी और 4 साल की बड़ी बेटी जाह्नवी थी. इनका परिवार गोंडा के खरगूपुर थाने के देवरिया कला गांव में रहता है. कौशल्या के पति का नाम गुड्डू उर्फ ओमप्रकाश तिवारी (34) है.

पुलिस जब मौके पर पहुंची तो पड़ताल के दौरान मृत महिला के पास ही एक सुसाइड नोट भी मिला. पूछताछ में पता चला कि पति ओमप्रकाश पांच दिन पहले ही दिल्ली से गांव लौटा था. घर में भाई-भाभी भी हैं लेकिन कहीं चले गए हैं.

आंगन में मिलीं कांच की टूटी चूड़ियां

एसपी संतोष कुमार मिश्रा ने CRIME TAK को बताया कि घर में चारपाई पर कौशल्या सीधे लेटी हुई थी. दोनों मृत बेटियां भी सीधी लेटी हुईं थीं. ऐसा लग रहा था वो सामान्य तरीके से सो रही हो. इसके बाद घर और आसपास में छानबीन करने लगे.

उसी दौरान घर के आंगन में कांच की टूटी हुई चूड़ियां मिलीं. उसे हमलोगों ने कब्जे में ले लिया. फिर उन चूड़ियों को लेकर महिला के शव के पास पहुंचा. वहां देखा तो जिस कलर की चूड़ी कौशल्या ने पहनी हुई थी उसी कलर और डिजाइन की टूटी हुई चूड़ियां भी थीं.

फिर उसे सैंपल के तौर पर जांच के लिए रख लिया गया. इसके बाद सुसाइड नोट की जांच की गई. एसपी संतोष मिश्रा ने बताया कि सुसाइड नोट पढ़ने पर ऐसा कुछ भी पता नहीं चला जिसकी वजह से परेशान होकर कौशल्या ने अपनी दो बेटियों को पहले मारा और फिर आत्महत्या कर ली. कम से कम खुद की परेशानी नहीं बताती तो दो बेटियों की जान लेने की चिंता तो जाहिर करनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा भी नहीं था.

आखिर क्या लिखा था उस सुसाइड नोट में

उस सुसाइड नोट में लिखा है...

'मैं अपनी बेटी को अपने संग ले जा रही हूं. और चिता जलाने से पहले मेरी बेटी मेरे संग जला दीजिएगा. बस यही मेरा मन है. और चिंता करने की कोई बात नहीं है. आपलोग खुश हैं तो हम भी खुश हैं. मेरे तरफ से कोई गलती नहीं है. मैं अपनी जान जान खुद दे रही हूं. मेरे प्यारे पापा जी और चाचा जी, भैया जी, बड़ी भाभी जी और छोटी भाभी इन लोगों की कोई गलती नहीं है. मैंने अपनी मर्जी से मौत को गले लगाया है।'

इसके बाद आखिर में पति को खुश रखने के लिए भी कई लाइनें लिखीं मिलीं. जैसे लिखा था कि...

'मेरे प्यारे पति जी आप लोगों को और परिवार को नई जिंदगी मुबारक हो। मेरी तरफ से आप लोग खुश रहें, यही मेरा मन है। पिया जी मैं आपकी जिंदगी से बहुत दूर जा रही हूं। आप खुश रहो। आप अपनी शादी दूसरी कर लेना तभी मेरे मन को शांति मिलेगी।'

धन्यवाद

अब सुसाइड नोट से कैसे हुआ शक?

सुसाइड नोट की शुरू की लाइनें... चिंता करने की कोई बात नहीं है. आपलोग खुश हैं तो हम भी खुश हैं. मेरे तरफ से कोई गलती नहीं है. मैं अपनी जान जान खुद दे रही हूं.

मतलब कि चिंता जैसी कोई बात नहीं है. तो फिर सवाल कि आख़िर जान क्यों दी? फिर दूसरी लाइन कि आपलोग खुश हैं तो हम भी खुश हैं. फिर सवाल कि जब ठीक था सबकुछ तो फिर सुसाइड क्यों किया?

ऐसे में ये कह सकते हैं कि, अगर महिला को सुसाइड करना ही था तो खुद जान दे देती, उन दो मासूम बच्चियों की हत्या करने की क्या जरूरत थी? अगर हत्या की तो सुसाइड नोट में एक मां और कोई बात लिखे या ना लिखे, लेकिन जिन दो बेटियों को जन्म दिया, उन्हें मारने की वज़ह तो जरूर लिखती. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था.

फिर इसके आगे का सुसाइड नोट में लिखा था कि उसमें पति से कोई नाराजगी नहीं, बल्कि खुशी-खुशी ना सिर्फ पति बल्कि पूरे परिवार को क्लीन चिट दे रही है. आखिर में तो पति को दूसरी शादी करने की एक तरह से बधाई भी दे रही है.

अब भला एक महिला कब से पति को दूसरी शादी पर मरने से पहले खुशी जताएगी और रास्ते में रोड़ा बनने की संभावना दिखने वाली दो बच्चियों की भी जान ले लेगी. यहीं से पुलिस को दाल में कुछ काला नजर आने लगा था.

घटनास्थल ने खुद ही बयां कर दिया ये सुसाइड नहीं, ट्रिपल मर्डर है

इस पूरी घटना में सुसाइड नोट के अलावा भी कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई थी. जिन दो बेटियों की मौत हुई थी वो दोनों बिल्कुल नए कपड़े पहनी हुई थीं. दोनों के माथे पर चंदन लगाया गया था.

चंदन देखकर ही लग रहा था दोनों की मौत के बाद उसे लगाया गया होगा और बच्चो के कपड़ों में भी कोई सिलवट नहीं थी. यानी, मारने के बाद वो कपड़े पहनाए गए थे. जबकि बच्चों की गला दबाकर मारते समय कपड़े जरूर अस्त-व्यस्त होते.

विवाहिता के पिता सुसाइड लेटर देखते ही बोले, बेटी की लिखावट नहीं है

इस घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे कौशल्या के पिता रमेश ने बेटी और दोनों बच्चियों को देखते ही समझ गए ये सुसाइड नहीं है. बाकी इसकी पुष्टि सुसाइड लेटर को देखते ही हो गई.

पिता रमेश ने CRIME TAK को बताया कि पुलिस ने जैसे ही सुसाइड नोट का कागज दिखाया उसे पढ़ने की जरूरत ही नहीं पढ़ी. क्योंकि राइटिंग देखते ही बोल दिया जिसने पढ़ना-लिखना मेरी आंखों के सामने सीखा है उसकी तो ये लिखावट ही नहीं है.

इससे पहले, भी बेटी कई बार बता चुकी थी तो पति उसपर शक करते हैं और उसे लेकर मारते-पीटते रहते हैं. रमेश ने बताया कि मेरा दामाद ओमप्रकाश दिल्ली की मंडी में आढ़ती है. वो कई महीने तक दिल्ली में ही रहता था और बीच-बीच में घर आता रहता था. घटना से 5 दिन पहले ही आया था. रमेश ने ये भी बताया कि जिस तरह से दोनों बच्चियों के माथे पर चंदन की टीका और नए कपड़े पहने हुए देखा तो उन दोनों की हत्या की बात सामने आ गई.

अकेले पति नहीं, परिवार के कई लोगों ने मिलकर मारा

रमेश ने बताया कि इस घटना में भले ही आरोपी ओमप्रकाश अकेले ही अंजाम देने की बात कर रहा है. लेकिन पूरी वारदात को वो अकेले अंजाम दे नहीं सकता था. क्योंकि अगर वो अकेले तीनों को मारता तो शोर-शराबा और बहुत हंगामा होता. विरोध भी होता.

लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसलिए परिवार के कई लोगों ने मिलकर पहले मेरी बेटी यानी कौशल्या को मारा. इसलिए उसकी टूटी हुई चूड़ियां आंगन में भी मिली थीं. इसके बाद, बेटियों ने घटना को देखकर शोर मचाया होगा तो उन दोनों की भी मार दिया गया. दोनों को मारने के बाद उन्हें नए कपड़े पहना दिए गए थे.

बीवी का फोन कई बार बिजी मिला तो हुआ शक, इसलिए मार डाला

अब तक की जांच और पूछताछ के दौरान आरोपी ओमप्रकाश ने पुलिस को बताया कि उसे अपने पत्नी पर शक हो गया था. दरअसल, दिल्ली में रहते हुए उसने कई बार पत्नी को कॉल किया. लेकिन उसका फोन अक्सर बिजी मिला था.

इसलिए उस पर शक हो गया था. इसी शक को लेकर 5 दिन पहले जब गांव आया तो परिवार के लोगों ने भी शक जताया. जिसके बाद गुस्से में पहले पत्नी और फिर दोनों बेटियों को मार डाला. हालांकि, उसने इस घटना में अन्य किसी के शामिल होने से इनकार किया है.

क्या कहते हैं एसपी गोंडा

गोंडा के एसपी संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि घटना के बाद मौके पर जांच के दौरान कांच की मिली चूड़ियों का मिलान किया गया. इसमें पता चला कि कौशल्या ने जो चूड़ी पहनी थी, वही चूड़ियां आंगन में टूटी मिली थीं. इसके अलावा, सुसाइड नोट को लेकर मृत महिला के पिता ने झूठा होने का दावा किया.

जिसके बाद ही पुलिस ने इस मामले में हत्या के एंगल से जांच शुरू की. मामले में मृत महिला के पिता की शिकायत पर मामला दर्ज करके आरोपी पति ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. परिवार के अन्य लोगों पर भी शक की सुई है. जिसकी जांच की जा रही है.

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