2 करोड़ की इस लैंड क्रूजर से डॉनगिरी करता था असद, कार देख दंग रह जाएंगे

Asad Don News : अतीक अहमद का बेटा असद डॉन बनने के लिए 2 करोड़ की इस लैंड क्रूजर को चलाता था. ऐसे दिखाता था डॉनगिरी. पढ़ें ये खबर

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27 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 27 2023 7:12 PM)

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Asad News : यूपी के प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद का बेटा असद खुद को बड़ा डॉन बनाना चाहता था. वो अपनी डॉनगिरी को अंजाम देने के लिए 2 करोड़ की महंगी लैंड क्रूजर कार से आता जाता था. ये कार अब उसी अतीक की कोठी के पीछे धूल फांक रही है. इससे पहले असद की वो फोटो भी सामने आई थी जिसमें उसके गाल पर डॉन लिखा हुआ था. जिसे उसने अपने कॉलेज की फेयरवेल पार्टी में बनाया था. 

असद की लैंड क्रूजर कार

असद एक फोटो में लैंड ऑफ गैंगस्टर्स (land of Gangsters) लिखा हुआ दिख रहा है. अब महंगी लैंड क्रूजर की जानकारी सामने आई है. जिसके बारे में पता चल रहा है कि इसी कार से असद दादागिरी दिखाने के लिए कहीं जाता था. वो जिस टशन में लोगों से मिलने जाता था उससे वो खुद को डॉन बताता था. 

असद की डॉन वाली फोटो

 

उमेश पाल मर्डर से पहले ही असद-शाइस्ता ने की थी बिरयानी पार्टी

उमेश पाल हत्याकांड में एक बड़ा खुलासा हुआ है. ये पता चला है कि इस हत्याकांड से पहले इस पूरे हत्याकांड की रिंग मास्टर यानी अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने एक बिरयानी पार्टी की थी।  और उस पार्टी में वो तमाम लोग शामिल हुए थे जिन्होंने सामने से या पर्दे के पीछे रहकर हत्याकांड में हिस्सा लिया था। सबसे हैरानी की बात तो ये है कि इस पार्टी को भी पर्दे में रखने के लिए उसे एक कोड नेम भी दिया गया था, ‘ऑपरेशन जानू’। पुलिस की जानकारी यही कहती है कि उस पार्टी का ये नाम अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन ने ही तय किया था। यानी अतीक गैंग ने उमेश पाल की हत्या के लिए जो साजिश तैयार की थी उसको नाम दिया गया था ‘ऑपरेशन जानू’। और ‘ऑपरेशन जानू’ की हरेक बारीक से बारीक डिटेल शाइस्ता ने खुद तय की थी। 

शाइस्ता ने ही ये भी फाइनल किया था कि ‘ऑपरेशन जानू’ को किस तरह से अंजाम दिया जाएगा और उसमें किस किस शूटर को क्या क्या रोल निभाने हैं। यानी ‘ऑपरेशन जानू’ में किस शूटर को कैसे कैसे किसको शूट करना है और वो कहां कहां तैनात होंगे, इसके बारे में भी पूरी डिटेल शाइस्ता ने तैयार किये थे। यूपी पुलिस का एक खुलासा ये भी है कि उमेश पाल हत्याकांड के लिए शाइस्ता परवीन को वारदात से करीब एक महीने पहले ही जनवरी में सवा करोड़ रुपये शाइस्ता तक पहुँच चुके थे। मतलब साफ है कि ‘ऑपरेशन जानू’ को अंजाम तक पहुँचाने के लिए अतीक गैंग के पास फंड की कोई कमी नहीं थी। जब पैसों का पूरा इंतजाम हो गया। हथियारों का इंतजाम कर लिया गया था और ‘ऑपरेशन जानू’ में हरेक की भूमिका भी तय हो गई और आखिर में तारीख भी फाइनल हो गई तब अतीक के इस किलर गैंग ने एक पार्टी की थी। 

उस पार्टी में शाइस्ता के अलावा तमाम शूटर शामिल थे। जिसमें गुड्डू मुस्लिम भी था। उस पार्टी में तमाम शूटरों ने जी भर कर बिरयानी खाई थी और जश्न मनाया था। इसके अलावा ये भी खुलासा हुआ था कि वारदात से एक रात पहले ही असद अपने भाई उमर से मिलने के लिए लखनऊ जेल गया था और वहां जाकर उसने उमर को इस ऑपरेशन के बारे में पूरी डिटेल दी थी। 
 

 

 

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