UP की 10 सीटों पर बाहुबलियों का ये रहा हाल, राजा भैया जीते तो रमाशंकर के बेटे की हुई हार

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10 Mar 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:15 PM)

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UP Bahubali Election result 2022 : यूपी विधानसभा में 10 बाहुबली सीधे या फिर पर्दे के पीछे से चुनाव लड़े. इनमें 7वीं बार राजा भैया जीते तो डीपी यादव के बेटे को हार का सामना करना पड़ा. वहीं, हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर को भी हार का सामना करना पड़ा है. अमरमणि के बेटे अमनमणि की भी हार हुई. वहीं, बाहुबली विजय मिश्रा और मदन भैया को भी हार का सामना करना पड़ा. अभी कई बाहबुली की कांटे की टक्कर चल रही है. बता दें कि यूपी की काफी संख्या में बाहुबली या तो खुद प्रत्याशी बने या फिर उनके परिवार से कोई चुनाव मैदान में उतरा.

1 : फूलपुर पवई से बाहुबली रमाकांत यादव

आजमगढ़ जिले की फूलपुर पवई से बाहुबली रमाकांत यादव मैदान में थे. पिछली बार इनके बेटे अरुणकांत बीजेपी से विधायक थे. यानी इस सीट पर परिवार का ही कब्जा रहा. लेकिन रमाकांत सपा में शामिल हो गए तो बीजेपी ने भी उनके बेटे अरुणकांत से किनारा कर लिया. इस सीट पर रमाकांत का मुकाबला भाजपा के रामसूरत से है. आखिरी अपडेट के मुताबिक, रमाकांत बीजेपी प्रत्याशी से 20 हजार वोटों से आगे थे.

2 : सैयदराजा सीट से सुशील सिंह

यूपी के चंदौली जिले की सैयदराजा सीट हमेशा से चर्चा में रही है. इस सीट पर बाहुबली ब्रजेश सिंह का भतीजा सुशील सिंह मैदान में है. वो भाजपा से प्रत्याशी बने. इनका मुकाबला सपा प्रत्याशी मनोज सिंह से रहा. दोनों में आखिरी तक कांटे की टक्कर रही. कभी सुशील तो कभी मनोज का पलड़ा भारी दिखा. आखिरी अपडेट में सुशील महज 2 हजार वोटों से आगे थे.

3 : राजा भैया 7वीं बार जीते

बाहुबली राजा भैया. प्रतापगढ़ की कुंडा सीट पर लगातार 6 बार से विधायक. नाम में ही राजा जुड़ा है. लोग इन्हें राजा कहते भी हैं. पहले निर्दलीय चुनाव लड़े लेकिन अब रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया अपनी पार्टी जनसत्ता दल के चुनाव चिन्ह पर मैदान में थे. इनको टक्कर दे रहे थे सपा प्रत्याशी गुलशन यादव. लेकिन राजा भैया 7वीं बार विजेता बने. इन्होंने गुलशन यादव को भारी अंतर से हराया.

4 : बाहुबली विजय मिश्रा हारे

यूपी के भदोही जिले से ज्ञानपुर सीट पर बाहुबली विजय मिश्रा चुनाव लड़े. लेकिन हार का सामना करना पड़ा. इन्हें निषाद पार्टी के विपुल दूबे ने हराया. विजय मिश्रा प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से चुनाव मैदान में उतरे थे. फिलहाल वो आगरा जेल में बंद है.

ऐसे में इस बाहुबली के लिए चुनाव प्रचार में उनकी पत्नी रामलली उतरी थीं. इनके साथ विजय मिश्रा की बेटी रीमा भी खूब जोरशोर से प्रचार कर रही थीं. विजय मिश्रा तीसरे नंबर पर रहे.

5 : गोसाईगंज सीट पर अभय सिंह का हाल

जिला अयोध्या और विधानसभा सीट गोसाईगंज. इस पर बाहुबली अभय सिंह चुनाव मैदान में उतरे थे. उन्हें सपा से प्रत्याशी बनाया गया था. ये ऐसी सीट है जिसमें दो प्रमुख प्रत्याशी हैं. इनके सामने बीजेपी ने बाहुबली खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी को टिकट दिया.

क्योंकि खब्बू को फर्जी डिग्री में दोषी पाए जाने पर विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई थी. इस सीट पर अभय सिंह और आरती दोनों में कांटे की टक्कर रही. आखिरी रिपोर्ट के अनुसार, अभय सिंह बीजेपी की आरती की तुलना में करीब 14 हजार वोटों से आगे थे.

6 : मदन भैया हारे, नंद किशोर जीते

गाजियाबाद की लोनी सीट पर रालोदा-सपा गठबंधन से प्रत्याशी हैं बाहुबली नेता मदन भैया. इनका मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी और पिछले चुनाव के विजेता नंदकिशोर गुर्जर से सीधी टक्कर रही. मदन भैया पर कई मामले दर्ज है. वहीं, नंदकिशोर पर आपराधिक मामले हैं. आखिर में यहां पर मदन भैया को हार का सामना करना पड़ा. नंदकिशोर 24 हजार वोटों के अंतर से जीते.

7 : अमनमणि की हार

महाराजगंज जिले की नौतनवा सीट का नाम आते ही बाहुबली अमरमणि की चर्चा होती है. इस बार अमरमणि के बेटे अमनमणि बसपा के टिकट से चुनाव लड़े. पिछली बार तो वे निर्दलीय ही जीत गए थे. यहां अमनमणि का मुकाबला ऋषि और कुंवर कौशल सिंह से था. आखिर में ऋषि की जीत हुई. अमनमणि तीसरे स्थान पर रहे.

8 : मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी का हाल

जेल में बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी इस बार चुनाव मैदान में है. मऊ जिले की सदर सीट पर अब्बास का मुकाबला बसपा के भीम राजभर है. यहां पर 1996 से मुख्तार अंसारी का कब्जा रहा है. वे कभी नहीं हारे हैं. आखिरी अपडेट में अब्बास भारी अंतर से बीजेपी अशोक सिंह से आगे थे. इनकी जीत पक्की मानी जा रही है.

9 : चिल्लूपार सीट से विनय तिवारी हारे

गोरखपुर के आसपास रहने वाले लोग बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी का नाम तो जरूर जानते होंगे. इस बार यहां के चिल्लूपार सीट से सपा से प्रत्याशी बने हैं हरिशंकर के बेटे विनय तिवारी. 2017 में वही बसपा के टिकट से जीत हासिल किए थे.

लेकिन इस बार सपा में शामिल हो गए. इनका मुकाबला बीजेपी के राजेश त्रिपाठी से रहा. दोनों में गिनती शुरू होने से ही कांटे की टक्कर रही. इन्हीं राजेश ने हरिशंकर तिवारी को 2007 और 2012 के चुनाव में हराया था. लेकिन 2022 में राजेश त्रिपाठी फिर से जीत हासिल की और हरिशंकर के बेटे विनय शंकर तिवारी को हरा दिया.

10 : डीपी यादव के बेटे कुणाल यादव हारे

बाहुबली नेता डीपी यादव का बेटा कुणाल यादव बदायूं जिले की सहसवान सीट से मैदान में थे और इन्हें हार का सामना करना पड़ा. डीपी यादव ने अपनी पार्टी राष्ट्रीय परिवर्तन दल से बेटे कुणाल यादव चुनाव लड़ा रहे हैं. इस सीट से डीपी यादव पहले जीत चुके हैं. इस सीट पर मुकाबला सपा प्रत्याशी ब्रिजेश यादव ने करीबी टक्कर देकर जीत हासिल की.

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