UP ELECTION 2022: इससे हैरतअंगेज़ गांव देश में कोई दूसरा नहीं

up election 2022, saharanpur crime, latest crime news, crime tak in saharanpur, हैरतअंगेज़ गांव, मिरगपुर का सच, बाबा फकीर दास, शिकागो, Latest Election news, READ MORE CRIME NEWS IN CRIME TAK

CrimeTak

25 Jan 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:12 PM)

follow google news

गंठा लसन तम्बाकू जोई

मदिरा मांस तजे सिख होई

क्या कोई दोहा किसी भी गांव को अमीर बना सकता है? सवाल बेढब ज़रूर है, लेकिन इसका जवाब दिमाग को चकरघिन्नी कर देगा। 500 साल पहले एक फ़कीर ने इस अकेले दोहे की बदौलत सहारनपुर के एक गांव मिरगपुर को अमीर कर दिया। और इतना अमीर कि उसका चर्चा गांव से लेकर ग्लास्गो तक और सहारनपुर से लेकर शिकागो तक होने लगा।

एक अकेला दोहा सहारनपुर के गांव मिरगपुर की धरोहर बन चुका है, जिसे 10 हज़ार से भी ज़्यादा आबादी वाला गांव अपने सीने से लगाए बैठा है। बताते तो यहां तक है कि इसी धरोहर की बदौलत इस गांव की किस्मत तक बदल गई। गांव के लोग दम ठोंक कर ये बताने से नहीं चूकते कि अकेले एक दोहे ने गांव से तमाम तामसी बुराइयों को कोसों दूर कर दिया है।

मिशन रंगबाज़ ने दिखा दिया मिरगपुर

UP Election 2022: क्राइमतक की टीम जब चुनाव के दौर में रंगबाज़ों की खोज में उत्तर प्रदेश के अपने मिशन पर निकली तो उसे सहारनपुर ज़िले में एक ऐसे गांव किस्सा सुनाई दिया जिसके बारे में बड़े बड़े क़िस्से दुनिया भर की किताबों में छुपे हुए हैं। सच को क़रीब से देखने की अपनी आदत से मजबूर क्राइमतक की टीम ने फौरन अपनी गाड़ी मिरगपुर की तरफ मोड़ दी।

क्राइमतक की टीम दौड़ी दौड़ी मिरगपुर गांव पहुँच गई। गांव पहुँचते ही उस मंदिर तक पहुँचने में ज़्यादा देर नहीं लगी, जो काली नदी के किनारे बना हुआ था।

उस मंदिर में पुजारी के अलावा गांव के लोग भी मौजूद थे जिनके पास इस गांव और गांव के मंदिर, और मंदिर से बाहर निकले उस दोहे की हक़ीकत बताने के लिए लोगों के पास अपने बाप दादाओं से सुनी सुनाई हक़ीक़त के जुबानी किस्से थे।

मंदिर के भीतर सबसे पहली बात तो ये पता चली कि ये दोहा इस गांव तक कैसे पहुँचा और किसने पहुँचाया। मंदिर की चौखट पर लगे पत्थर पर लिखा हुआ था तपोस्थली श्री गुरू बाबा फकीरादास सिद्ध कुटी मिरगपुर लिखा हुआ था।

मंदिर के पत्थर पर लिखा फकीरदास नाम चौंका रहा था। तभी हमारी परेशानी दूर करने के लिए मंदिर के पंडितजी आ गए। और फिर फकीरदास और इस गांव के रिश्ते की जो कहानी सुनाई तो यकीन न करने के सिवाय क्राइम टीम के पास कोई उपाय था भी नहीं।

:पंडित जी ने जो कथा सुनाई वो दिलचस्प तो थी है लेकिन उससे भी ज़्यादा हैरत में डाल रही थी। पंडित जी की सुनाई गई कथा के मुताबिक, पांच सौ साल पहले पंजाब से एक संत फकीर बाबा इस गांव तक पहुँचे थे।

और काली नदी के किनारे एक मठ बनाकर रहने लगे। उस समय दिल्ली के तख़्त पर मुग़ल बादशाह जहांगीर का शासन चलता था। मगर इस इलाक़े में रहने वाले ज़्यादातर लोग हुकूमत की रवैये से बेहद परेशान थे। और चारो तरफ लूटपाट का आलम था।

इस गांव के आस पास लुटेरों और बदमाशों ने अपनी बस्ती बना रखी थी जिससे हमेशा ही लूटपाट और मारकाट का ख़तरा बना रहता था। आस पास फैले जरायम की वजह से यहां गांव में भी लोग दुखी थे। तब गांव के कुछ बुजुर्ग संत फकीरा दास के पास पहुँचे और उन्हें अपनी परेशानी बताई।

गांव वालों की परेशानी सुनने के बाद बाबा ने उन अपराधियों को ख़त्म करने के लिए गांव वालों को तैयार किया। गांव के लोगों ने मिल जुलकर उन तमाम अपराधियों को या तो इलाक़े से खदेड़ दिया या फिर उन्हें मौत के घाट उतार दिया।

इस परेशानी से निकलने के बाद जब गांव के लोग बाबा के पास दोबारा पहुँचे तो बाबा फकीरदास ने उन सभी से कहा कि जब तक सभी हमारे बताए इस धर्म और हमारी बताई बात को मानते रहेंगे ये गांव तरक्की ही करता रहेगा।

लेकिन अगर किसी ने ये नियम तोड़ा तो उसका खुद ही नाश हो जाएगा। इसके बाद बाबा ने गांव वालों को तामसी भोजन से हमेशा दूर रहने की कसम दिलाई। गांववालों ने बाबा का कहा मान लिया और गांव से हर तामसी भोजन को दूर कर दिया।

मतलब ये कि अंडा प्याज़, लहसुन, शराब, तम्बाकू जैसी उन सभी चीजों को अपनी जिंदगी से दूर कर दिया जिनमें किसी भी तरह का नशा या लत पड़ने की गुंजाइश हो। गांव वालों का तो यहां तक कहना है कि बाबा के बताए उसी मंत्र की वजह से ये गांव और यहां के लोग लगातार तरक्की कर रहे हैं।

10 हज़ार की आबादी वाले इस गांव और उसके आस पास के क़रीब 20 गांवों में बाबा फ़कीर दास के मंत्र का जाप किया जाता है। बताते तो ये भी है कि अगर यहां किसी ने भी नियमों का पालन नहीं किया और उसे किसी भी तरह से तोड़ने की कोशिश की, तो उसे ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिससे उसका सब कुछ तबाह और बर्बाद हो जाता है।

आलम ये है कि गांव वाले बाबा फकीर दास के दिए उस दोहे के एक एक अक्षर का बिलकुल उसी तरह से पालन करते हैं जैसे मिरगपुर गांव के लोगों की जुबान से सुना जा सकता है...सिर्फ सुना ही नहीं जा सकता बल्कि उसे गांव के दरो दीवार पर भी लिख दिया गया है, ताकि सनद रहे।

क्राइमतक की टीम ने गांव में घूम घूमकर ये जानने की कोशिश की कि आखिर जिस एक बात ने पूरे गांव को एक सूत्र में बांधा है क्या गांव भर में उस बात का पूरी तरह से पालन होता भी है या नहीं। बहुत तलाश के बाद भी न तो गांव में एक भी घर ऐसा मिला जहां नियम टूटता है, और न ही पिछले कुछ सालों में अपराधों का कोई लगातार सिलसिला।

जाहिर है, बाबा फकीरदास की बदौलत ये मिरगपुर एक अमीर गांव कहलाने लगा है।

    follow google newsfollow whatsapp