EVM में क़ैद रंगबाज़ियों की क़िस्मत
UP ELECTION 2022: EVM में क़ैद है इन दबंग नेताओं की क़िस्मत, दांव पर लगी है रंगबाज़ी
दबंग नेताओं की क़िस्मत दांव पर, दांव पर लगी है रंगबाज़ी, चुनाव नतीजे के समय रंगबाज़ नेताओं पर नज़र, उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम, EVM में क़ैद चुनाव परिणाम, चुनाव में रंगबाज़ नेता UP ELECTION 2022
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09 Mar 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:15 PM)
UP ELECTION 2022: सभी की नज़र अपनी अपनी पसंद के उम्मीदवारों पर जाकर टिक गई। लेकिन इन चुनावों में कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जिन पर ज़्यादातर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। ये उत्तर प्रदेश के वो दबंग या रंगबाज़ नेता हैं, जिनका सिर्फ इलाक़े में ही नहीं बल्कि सूबे की हद तक इनके नाम का चर्चा होता रहता है।
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कुछ तो ऐसे रंगबाज़ नेता हैं जो बंद तो जेल में हैं मगर उनका नाम चुनाव के मैदान में पूरे तामझाम के साथ लिया जाता रहा। ऐसे में जब 10 मार्च को EVM की बत्ती ऑन होगी और उसमें क़ैद हुए नामों का ख़ुलासा करेंगे तो सभी की निगाहें इस बात पर भी टिकी रहेगी कि आखिर हर हाल और हर माहौल में जीतने वाले वो रंगबाज़ नेताओं का क्या हाल रहा।
चुनाव में पब्लिक ने उनके रुतबे को सलाम किया या फिर अपने मन की बात सुनकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया और उसे चुना जिसे वो चुनना चाहते थे।
पूरब से पश्चिम तक रंगबाज़ों का रंग
UP ELECTION 2022: यूं तो इस बार चुनाव के मैदान में पूरब से लेकर पश्चिम तक हरेक जगह कई दबंग और दागी नेता हाथ जोड़कर अपनी रियाया के सामने से होकर गुज़रे, लेकिन सियासत के गलियारों से लेकर चाय की चौपालों तक जिन रंगबाज़ नेताओं के नामों का ज़िक्र किया जा रहा है उनमें से ज़्यादातर पूर्वांचल से ही आते हैं।
पूर्वांचल के सात ज़िलों के कुछ बाहुबलि नेताओं ने पिछले कई विधान सभा चुनावों में कभी भी हार का मुंह नहीं देखा, चाहें कुछ भी हुआ हो। ऐसे में जिस वक़्त चुनाव के नतीजे आ रहे होंगे उस वक़्त उनके नामों को लेकर भी बात तो की ही जाएगी। ये बाहुबलि नेता वो हैं जिनके लिए पार्टी नहीं बल्कि उनका नाम मायने रखता है। हारजीत उनके नाम से तय होती है।
सुना है तेरी महफ़िल में रत जगा है
UP ELECTION 2022: ऐसे में ये देखना वाकई दिलचस्प रहेगा कि मतदाताओं के मन में उनकी क्या इमेज है।
अब्बास अंसारी- पूर्वांचल की तीन कमिश्नरी के नौ ज़िलों की 54 सीटों पर सबसे आखिरी में जिन सीटों पर चुनाव हुए उनमें मऊ की सीट भी आती है। मऊ की एक सीट है सदर वाली। जिस पर अपने पिता की विरासत के साथ चुनाव के मैदान में उतरे हैं अब्बास अंसारी। अब्बास अंसारी मऊ के माफिया और बाहुबलि मुख्तार अंसारी के बेटे हैं।
पिता का नाम लेकर ही उन्होंने चुनाव के मंच से लोगों के सामने हाथ जोड़े। हालांकि सियासी पार्टी के तौर पर उन्हें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने टिकट दिया था। लेकिन उनके लिए किसी पार्टी का टिकट मायने नहीं रखता। इस सीट के नतीजे को देखना इसलिए दिलचस्प रहेगा कि क्या मऊ के लोग अभी भी मुख्तार अंसारी के नाम से ख़ौफ़ खाते हैं या फिर उनकी मर्जी कुछ और है।
UP ELECTION 2022: मन्नू अंसारी- इस नाम को भी किसी तार्रुफ की ज़रूरत नहीं है। ग़ाज़ीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से समाजवादी पार्टी ने मन्नू अंसारी को मैदान में उतारा है। मन्नू अंसारी और कोई नहीं मुख़्तार अंसारी के भतीजे हैं और मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के बेटे हैं।
सिबगतुल्लाह अंसारी को पहले समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन बाद में उन्होंने अपना नाम वापस लेकर अपने बेटे को चुनाव के मैदान में उतारा है। मगर मन्नू अंसारी के चुनाव में चर्चा मुख्तार का ही रहा।
UP ELECTION 2022: सुशील सिंह - ये नाम बेशक हो सकता है बहुत लोगों के लिए नया हो। मगर पूर्वांचल के लोग जानते हैं इस नाम का क्या मतलब होता है। सुशील सिंह बाहुबलि MLC ब्रजेश सिंह के भतीजे हैं। ब्रजेश सिंह इस वक़्त वाराणसी की केंद्रीय कारागार में बंद हैं।
लेकिन ब्रजेश सिंह का नाम पूरे चुनाव के दौरान चंदौली की सैयदराजा सीट में गूंजता रहा। क्योंकि इस सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुशील सिंह ही हैं। सुशील सिंह तीन बार से विधायक बनते आ रहे हैं और इस बार अपने चाचा को MLC बनवाने में बड़ी भूमिका भी निभा चुके हैं।
UP ELECTION 2022: विजय मिश्र- बनारस से सटे ज़िला है भदोही। इसी भदोही की ज्ञानपुर सीट से विजय मिश्र ने चुनाव के मैदान में ताल ठोंकी है। मजे की बात ये है कि खुद विजय मिश्र इस वक़्त चुनाव के मैदान से दूर आगरा की जेल में बंद हैं।
लेकिन चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी बेटियां और पत्नी ने पूरा चुनाव संभाल लिया। विजय मिश्र पिछली बार भी चुनाव लड़े थे और जीत भी गए थे। मगर इस बार उनकी पार्टी बदल गई।
UP ELECTION 2022: धनंजय सिंह – पूर्वांचल की सबसे चर्चित सीटों में जौनपुर की मल्हानी सीट भी गिनी जाती है। और उसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि यहां से बाहुबलि धनंजय सिंह ने चुनाव में अपना दावा पेश किया है। हालांकि जब धनंजय सिंह को उम्मीदवार बनाया गया था तो बड़ा हल्ला हुआ था।
क्योंकि उनके ख़िलाफ हत्या और हत्या की साज़िश जैसे संगीन मामलों में नाम आ चुका है। लिहाजा इस बार उन्होंने पड़ोसी राज्य बिहार की बड़ी पार्टी जनता दल यूनाइटेड के टिकट से मैदान में उतरने का इरादा किया था।
UP ELECTION 2022: राजकुमार सिंह - ग़ाज़ीपुर की सदर सीट भी किसी से कम नहीं है। यहां बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर राजकुमार सिंह गौतम ने घूम घूमकर जनता से वोट मांगा है। लेकिन राजकुमार सिंह गौतम की ये पहचान कतई नहीं है।
उनका नाम तो उत्तर प्रदेश के टॉप पांच अपराधियों में गिना जाता है। और उनके ख़िलाफ़ 11 मुकदमें भी उनकी हैसियत का अंदाज़ा दे देते हैं। इसलिए नज़र उन पर भी होगी।
UP ELECTION 2022: रमाकांत यादव- पूर्वांचल की एक बड़ी सीट है आज़मगढ़ की फूलपुर पवई सीट। जो इसलिए लोगों की निगाह में बनी हुई है क्योंकि इस बार वहां से समाजवादी पार्टी ने इलाक़े के सबसे दबंग नाम को चुनाव मैदान मारने का टास्क दे दिया है।
रमाकांत यादव की इलाक़े में छवि कितनी तगड़ी है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरे पूर्वांचल में इस सीट पर ख़ासतौर से समाजवादी पार्टी ने उम्मीद लगाई है। ज़ाहिर है रमाकांत की रंगबाज़ी चुनाव में दांव पर है।
UP ELECTION 2022: अजय राय – इस नाम को अब पहचान की कोई ज़रूरत नहीं। बस बनारस के भीतर किसी से भी इनके बारे में बात की जा सकती है। वाराणसी की पिंडरा सीट से अजय राय कांग्रेस का परचम बुलंद कर रहे हैं। और अजय राय शायद उन दबंग नेताओं में से एक हैं जिनके लिए पार्टी मायने नहीं रखती।
वो तीन बार BJP से, दो बार निर्दलीय और एक बार कांग्रेस के विधायक भी रह चुके हैं। हालांकि पिछली बार मोदी लहर में वो साफ हो गए थे।
यानी ये वो नाम हैं जिनके बारे में अब 24 घंटे बाद चर्चा होगी, लेकिन शायद सुर सबके बदले हुए हों...
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