Putin Life Story : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बचपन की ये कहानी जान लेंगे तो उनकी हमले की नीति आसानी से समझ जाएंगे. क्योंकि ऐसा नहीं है कि पुतिन राष्ट्रपति बनने के बाद ही कड़े तेवर दिखा रहे हैं. वो बचपन से ही इसी तरीके को अपनाते रहे हैं.
अगर पुतिन की बचपन की ये कहानी जान लेंगे तो समझ जाएंगे कि रूसी राष्ट्रपति इतने कट्टर क्यों हैं
रूसी राष्ट्रपति बचपन ये कहानी जान लेंगे तो समझ जाएंगे पुतिन का मतलब प्रलय क्यों? ukraine russia war russian president vladimir putin Life Story in hindi
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02 Mar 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:14 PM)
पुतिन की जिंदगी से जुड़ा एक दिलचस्प मामला है जब वो महज 13 साल के थे. इस वाकये के बारे में पुतिन ने 2015 में एक कार्यक्रम में बताया था. उसमें कहा था कि रूस की लेनिनग्राद की सड़कों पर होने वाली मार-पिटाई ने मुझे ये सिखाया है कि जब लड़ाई होनी तय है तो पहला पंच खुद मारो. अगर पहला पंच खुद नहीं किया तो दुश्मन हावी हो जाएगा.
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जिसे लोग बेहद खतरनाक मानते उसे पुतिन मामूली समझते
पुतिन की इस सोच से साफ होता है कि यूक्रेन पर रूस ने आखिर क्यों हमला किया. बताया जाता है कि पुतिन का शुरुआती जीवन काफी साधारण रहा है. पिता सोवियत नेवी में तैनात थे और मां किसी फैक्ट्री में मजदूर थीं. कहते हैं कि पुतिन ने बचपन में ही तय कर लिया था कि उन्हें जासूस बनना है. इसलिए पढ़ाई पूरी करने के बाद सोवियत खुफिया एजेंसी KGB (Komitet Gosudarstvennoy Bezopasnosti) में जासूस बन गए.
जर्मनी में लंबे समय तक पुतिन ने जासूसी भी की थी. चूंकि जब वो जासूसी की ट्रेनिंग ले रहे थे तभी KGB के एक अधिकारी समझ गए थे कि पुतिन में खतरे में तेजी से काम करने वाला दिमाग है. कहने का मतलब ये है कि जिसे लोग बहुत बड़ा खतरा मानते हैं उसे व्लादिमीर पुतिन बहुत मामूली समझते हैं.
इसीलिए वो किसी भी खतरे में डरकर पीछे हटने या फिर ज्यादा सोचने के बजाय तुरंत आगे बढ़ते हैं. और यही कदम कई बार खतरनाक भी साबित हो जाता है. लेकिन इसके बाद भी वो उस पर ज्यादा सोच-विचार नहीं करते. इस बात का जिक्र उन्होंने अपनी बायोग्राफी में भी किया है.
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