रोज़ की तरह आज सुबह भी सुष्मिता अपने बेटे के साथ घर पर ही थी। सुष्मिता घर के काम-काज में बिज़ी थी, जबकि उसका 13 साल के बेटा तमोजीत ऑनलाइन क्लासेज़ ले रहा था। सुष्मिता के पति तपन काम पर गए हुए थे। लेकिन शाम को जब तपन काम से घर लौटे तो घर के अंदर का मंज़र देख कर उनकी चीख निकल गई।
वो जिनके लिए चाय बना रही थी, उन्होंने ही पीछे से गला रेत दिया! डबल मर्डर की अनोखी कहानी
Kolkata के Double murder case में हुआ ख़ुलासा, क़ातिल निकले मरने वाली औरत के ही 2 कज़न, पैसे के लिए मौत के घाट उतरा माँ बेटे को, Read latest crime stories in Hindi and crime news on CrimeTak.
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15 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)
घर का दरवाज़ा खुला था। सारा सामान बिखरा पड़ा था और अंदर से बह रही ख़ून की धार के बीच उसकी बीवी और इकलौते बेटे की लाश पड़ी थी। 6 सितंबर को कोलकाता के पॉश बेहाला इलाक़े में हुई डबल मर्डर की इस वारदात ने हर किसी को हिला दिया।
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सवाल ये था कि आख़िर ये क़त्ल किसने किया और क्यों? घर की बिखरी चीज़ों को देख कर तो मामला लूटपाट का ही लग रहा था। लेकिन क्या वाकई यही सच था या फिर क़ातिल पुलिस को उलझाना चाहता था?
ऐसे मिला क़त्ल का पहला सुराग़
जांच शुरू हुई और पुलिस का पहला शक सुष्मिता के पति तपन की तरफ़ गया। लेकिन लाख पूछताछ करने के बावजूद जब तपन ना सिर्फ़ खुद को बेगुनाह बताता रहा, बल्कि घर में अपनी ग़ैरमौजूदगी के सबूत भी दिए, तो पुलिस को मानना ही पड़ा कि इस क़त्ल में उसका रोल नहीं है। लेकिन फिर.. सवाल ये था कि अगर ये तपन नहीं था तो आख़िर था कौन?
क्योंकि छानबीन में पुलिस को ये पता चला कि सुष्मिता अजनबियों के लिए कभी अपने घर का दरवाज़ा नहीं खोलती थी और 6 सितंबर को क़त्ल वाले रोज़ भी सुष्मिता ने ख़ुद ही दरवाज़ा खोल कर ना सिर्फ़ क़ातिल को घर के अंदर बुलाया था, बल्कि उसके स्वागत सत्कार की तैयारी भी कर रही थी।
क्योंकि एक तो घर के दरवाजे पर फोर्सफुल एंट्री यानी जबरन दाखिल होने के कोई निशान मौजूद नहीं थे, ऊपर से अपने क़त्ल से पहले सुष्मिता किचन में चाय बनाने की तैयारी कर रही थी। यानी वो अपने क़ातिल को अच्छी तरह जानती थी। यानी क़ातिल कोई ऐसा था जो सुष्मिता का बेहद क़रीबी था।
इस तरह रडार पर आए क़ातिल
अब पुलिस ने जांच सुष्मिता के दूसरे नाते रिश्तेदारों और नज़दीकियों की तरफ़ मोड़ दी। कई लोगों से होती हुई छानबीन में सुष्मिता के दो कज़न संजय और संदीप तक पहुंची। पता चला कि संजय और संदीप की माली हालत ठीक नहीं है।
संजय अपनी सुष्मिता से कर्ज़ भी ले चुका है। और इत्तेफ़ाक से जिस रोज़ ये क़त्ल की वारदात हुई, संजय अपनी ड्यूटी से भी नदारद था। ख़ास बात ये है कि वो जहां काम करता था, वहां उसने अपनी एक ऐसी आंटी की मौत की कहानी सुना कर छुट्टी ली थी, जिसकी मौत ढाई साल पहले हो चुकी थी। और संजय का यही झूठ उसके पकड़े जाने की वजह बन गई। पुलिस ने संजय और संदीप से गहरी पूछताछ की और दोनों ने अपना जुर्म कबूल लिया। दोनों ने क़त्ल की पूरी कहानी सुनाई।
क़ातिलों ने ऐसे अंजाम दी वारदात
सुष्मिता के घर उस रोज़ उसके दोनों कज़न संजय और संदीप एक साथ पहुंचे थे। भाइयों के आते ही सुष्मिता खुशी-खुशी किचन में चाय बनाने चली गई। लेकिन अगले ही पल जो कुछ हुआ, वो रौंगटे खड़े करनेवाला था। संजय और संदीप ने अपनी बहन को पीछे से दबोच लिया और चाकू से उसका गला रेत दिया।
खून की धार बह निकली वो ज़मीन पर गिर पड़ी। तब दोनों भाइयों ने बहन की मौत पक्की करने के लिए उस पर ताबड़तोड़ चाकू बरसाए। किचन से आ रही मां की चीखें सुन कर जब सुष्मिता का 13 साल का बेटा किचन में पहुंचा, तो क़ातिल भाइयों ने सिर्फ़ इसलिए अपने भांजे की भी हत्या कर दी, क्योंकि वो अपनी मां के क़त्ल का चमश्दीद था।
संजय एक मॉडल में सीसीटीवी मैंटेनेंस का काम करता था। क़त्ल से पहले उसने अपनी बहन की घर की रेकी की थी और सीसीटीवी से बचते बचाते वहां तक पहुंचा था। इत्तेफ़ाक से क़त्ल के कुछ रोज़ पहले से उसकी बहन की बिल्डिंग का सीसीटीवी कैमरा ख़राब था और उसे इस बात की भी ख़बर दी।
तो इसलिए हुआ ये डबल मर्डर!
अब सवाल है कि आखिर दो भाइयों ने ऐसी गिरी हुई हरकत की क्यों? तो जवाब है, अव्वल तो उन्हें अपनी बहन के घर से सोने के ढेर सारे ज़ेवर मिलने की उम्मीद थी और दूसरा सुष्मिता ने संजय से किया गया एक वादा तोड़ दिया था। असल में सुष्मिता ने उसे जो 5 हज़ार रुपए पहले उधार दिए थे, उसने उसकी जानकारी संजय की मां को दे दी थी। जबकि उसने संजय से पांच हज़ार रुपयों वाली ये बात किसी को ना देने का वादा किया था।
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