ब्लास्ट में मौलवी की मौत, गिरिराज ने कहा मदरसे आतंक के अड्डे, बयान से बवाल

बिहार के एक मदरसे में अचानक ब्लास्ट होने के बाद चुनाव के इस माहौल में अब सियासत भी गर्माने लगी है। इस धमाके में अब तक एक मौलवी की मौत हो गई जबकि एक छात्र घायल है। बताया जा रहा है कि 15 साल का छात्र बम को गेंद समझकर उठा लाया था।

CrimeTak

17 May 2024 (अपडेटेड: May 17 2024 12:42 PM)

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Bihar Madarsa Blast: बिहार के एक मदरसे में अचानक ब्लास्ट होने के बाद चुनाव के इस माहौल में अब सियासत भी गर्माने लगी है। छपरा के गड़खा थाना इलाके के मोतिराजपुर गांव में मौजूद एक मदरसे में अचानक ब्लास्ट हो गया। इस ब्लास्ट में मदरसे के मौलाना और उनका छात्र बुरी तरह जख्मी हो गया। धमाके इतना जबरदस्त था कि उसकी गूंज से आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। 

घायलों को पटना रेफर किया गया

चश्मदीदों के मुताबिक मौलवी और उसके छात्र को सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यहां से दोनों को बेहतर इलाज के लिए पटना के पीएमसीएच रेफर किया गया है। खुलासा यही है कि दोनों ही मदरसे में ही रहते थे। घायल मौलाना की पहचान इमामुद्दीन और 15 साल के नूर आलम के रूप में हुई। नूर आलम बिहार के ही मुजफ्फरपुर जिले का रहने वाला है। इमामुद्दीन की इलाज के दौरान मौत होने की खबर आ रही है। 

गेंद समझकर बम उठा लाया छात्र

चश्मदीदों के मुताबिक मदरसे में रह कर पढ़ाई करने वाले नूर आलम ने मदरसे के पीछे गेंद जैसा दिखने वाले बम को हाथ में उठा लिया और अंदर आ गया। नूर आलम के हाथ में बम देख मौलाना फौरन एक्शन में आए और नूर के हाथ से छीनकर बम को जैसे ही फेंकने लगे तो बम हाथ से फिसलकर नूर आलम के पैर पर गिर पड़ा। और बम गिरते ही जोर का धमाका हुआ जिसमें नूर आलम का पैर और मौलाना का हाथ बुरी तरह से जख्मी हो गया। इस घटना के बाद मौके पर पहुँची पुलिस इस मामले की छानबीन में जुट गई है। 

मदरसा ब्लास्ट के बाद मौके पर सबूत मिटाने का भी लगा आरोप

बम धमाकों को लेकर कयासों का सिलसिला

इस बम ब्लास्ट की पुष्टि सारण के पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव मंगला ने की। पुलिस अधीक्षक डॉ मंगला ने बताया कि कि पहली नजर में बम ब्लास्ट पटाखा फैक्ट्री का प्रतीत हो रहा है। इसमें दो लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। इस मामले में गड़खा थानाध्यक्ष शशि रंजन ने बताया कि मोतीराजपुर गांव स्थित मदरसा परिसर में बम के फटने की सूचना मिली है। जिसमें मदरसे के 40 साल के मौलाना इमामुद्दीन और 15 साल के छात्र नूर आलम बुरी तरह जख्मी हो गए। 

ब्लास्ट की जांच में FSL

मदरसे में ब्लास्ट के बाद FSL की टीम जांच में जुट गई है। विस्फोट के पीछे की असली वजह का तो अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। अब तक यह भी साफ नहीं हो पाया है कि ब्लास्ट के पीछे वाकई बम था या फिर ये धमाका पटाखे से हुआ है। मगर इस घटना के बाद से मदरसे में कोई नहीं मिला। घटना से पहले मदरसे में 12 बच्चे पढ़ते थे। घटना के बाद उस जगह को धो दिया गया है। मामले में आरोप लग रहे हैं कि सबूत मिटाने की कोशिश की गई है।

सियासी बयानों का सिलसिला तेज

हालांकि इस बीच इस धमाके को लेकर सियासी बयानों का सिलसिला तेज हो गया है। विस्फोट की घटना के बाद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि छपरा की घटना से साबित हो गया कि बिहार के मदरसे आतंक का अड्डा हैं। हम तो पहले से ही कहते थे कि बिहार में मदरसे आतंकियो का अड्डा हैं।

मदरसों पर निशाना साधने का विरोध

वहीं AIMIM नेता अख्तरुल ईमान ने कहा कि ये सब चुनाव में मुसलमानों और मदरसों को बदनाम करने की साजिश है। मदरसे में तो सांप को भी मारने के लिए एक लाठी नहीं होती। मदरसे में बम ब्लास्ट एक गहरी साजिश का हिस्सा लगता है। जब भी अल्पसंख्यकों के साथ कोई घटना होती है तो हमारे  ही बच्चों को मुजरिम बना दिया जाता है। 

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