गए थे पंजशीर के शेरों से लड़ने, उल्टे खुद की जान गंवा बैठा तालिबानी

taliban faces casualties in attack against the northern alliance resistance force

CrimeTak

31 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:04 PM)

follow google news

पंजशीर घाटी पर नॉर्दर्न एलायंस का नियंत्रण है। पंजशीर घाटी तालिबान विरोधी ताकत का आखिरी गढ़ है। लिहाज़ा तालिबान ने अब अपनी पूरी ताकत इसे अपने कब्ज़े में लेने के लिए झोंक दी है। 30 अगस्त को तालिबान लड़ाकों ने पंजशीर घाटी के प्रवेश द्वार पर हमला किया है। मगर इस हमले में उल्टे तालिबान के ही 7-8 लड़ाकों की मौत हो गई है और 10 के करीब घायल हो गए हैं। वहीं नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के भी 10 लड़ाके इस लड़ाई में घायल हुए हैं।

हिंदुकुश पहाड़ियों से घिरी पंजशीर घाटी तालिबानी विरोधी ताकत का केंद्र मानी जाती है। साल 1996 से 2001 तक तालिबान के शासन के दौरान भी पंजशीर घाटी उनके नियंत्रण में नहीं था। पंजशीर घाटी में नॉर्दर्न एलायंस ने तालिबान को लगातार कड़ी चुनौती दी है। मौजूदा वक्त में अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद पंजशीर घाटी में हैं और तालिबान को चुनौती दे रहे हैं।

हाल ही में अहमद मसूद ने तालिबान के साथ जाने के दावे को खारिज कर दिया है। मसूद ने कहा है कि वो अपने पिता के नक्शेकदम पर चलेंगे और तालिबान के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।

    follow google newsfollow whatsapp