मुश्किल दौर में पहुँची जंग
यूक्रेन पर जीत रूस के लिए बनी नाक का सवाल, कीव को घेरने के लिए पुतिन ने बनाया ऐसा 'प्लान'
कीव जीतने के लिए पुतिन ने बनाया नया प्लान, मुश्किल दौर में पहुँच गई रूस यूक्रेन की जंग, लंबी ख़िंचती जंग रूस के लिए बनी मुसीबत, Ugly truths in the time of war, Russian Ukraine War , latest war news
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15 Mar 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:15 PM)
Russian Ukraine War: पिछले तीन हफ़्तों से यूक्रेन में बारूद बरस रहा है। बीते 20 दिनों से रूस की सेना यूक्रेन में तबाही मचा रही है। रूस के टैंकों के उगलते हुए शोलों को देखते हुए बीते 20 दिनों के भीतर यूक्रेन से 30 लाख लोग वतन छोड़कर चले गए हैं। यूक्रेन के ख़िलाफ रूस की छेड़ी गई जंग अब हर गुज़रते दिन के साथ और भी ज़्यादा ख़तरनाक और रहस्य में लिपटती चाली जा रही है।
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रहस्य ये है कि आखिर जिस यूक्रेन को रूस के सामने चंद घंटों का मेहमान माना जा रहा था वो आखिर 20 दिनों तक कैसे टिक गया। और न सिर्फ टिका बल्कि कई मायनों में यूक्रेन ने रूस के गहरी चोट भी दी है। आलम ये है कि अपनी इस जांबाज़ी और मज़बूती से यूक्रेन ने एक तरह से रूस को मुसीबत के गहरे दलदल में डाल दिया है।
पुतिन की नाक का सवाल बन गया कीव पर जीत
Russian Ukraine War: इस जंग को लेकर उठते कई सवालों के बीच अब एक सवाल तो सभी की जुबान पर है कि क्या रूस ये जंग बिना जीते ही लौट जाएगा या फिर इस मिशन को पूरा करने के लिए रूस अब किसी भी हद तक जाने की तैयारी कर रहा है। तो सवाल उठता है कि अब रूस क्या करने वाला है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को ये बात अच्छी तरह से पता है कि यूक्रेन को जीतने या यूक्रेन में अपनी जीत का पताका फहराने का एक ही मकसद है जैसे भी हो कीव पर कब्ज़ा करके दुनिया को दिखाना है। इसलिए यूक्रेन की कीव पर रूसी झंडा फहराना एक तरह से पुतिन की नाक का सवाल भी बन गया है। लिहाजा अब पुतिन ने अपनी सेना को नए सिरे से कीव पर चढ़ाई करने का नया निर्देश दिया है, जिसे पुतिन का अल्टीमेटम भी कहा जा रहा है।
24 फरवरी को जब रूस ने यूक्रेन पर पहली बार बम बरसाने का सिलसिला शुरू किया था उस वक़्त रूस के क़रीब 1 लाख 90 हज़ार सैनिक यूक्रेन की सीमा पर पैर जमाए हुए थे। लेकिन अब जंग छिड़ने के 20 रोज बाद पुतिन ने अपनी सेना के 60 फ़ीसदी से ज़्यादा फौजियों को कीव पर कब्ज़ा करने की मुहिम में लगा दिया है। जंग शुरू होने से पहले दो लाख से भी कम फौजी बॉर्डर पर थे अब रूस के दो लाख से ज़्यादा जवान सेना की मुहिम का हिस्सा बन चुके हैं।
कीव पूरी तरह से हो गया खाली
Russian Ukraine War: कीव की जीत अब पुतिन की इज़्ज़त का सवाल बन चुकी है। लिहाजा यूक्रेन की राजधानी पर अब तीन तरफ से बमबारी की जा रही है जिसकी वजह से ज्यादातर शहर खाली हो चुका है। सिवाय कुछ नौजवानों को छोड़कर कीव में कोई नहीं बचा है। कीव पर किरस्तेन, चेर्नोबिल और पिरलूकी की तरफ से रूसी सेना का ऑपरेशन जारी है। रूस ने ज़मीन के साथ साथ आसमानी हमलों को और भी ज़्यादा पैना कर दिया है।
हालांकि इस वक़्त यूक्रेन के सैनिकों का मनोबल काफी बढ़ गया है क्योंकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेन्स्की ने एक बात साफ कर दी है कि कीव पर रूसी सेना तभी कब्ज़ा कर सकती है जब उनको मार दे। ज़ेलेन्स्की की ये ज़ज़्बाती बात यूक्रेन के सैनिकों को ऐसी लगी कि वो कीव को बचाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने को तैयार हो गए हैं।
यूक्रेन को मिलने वाली सप्लाई चेन काटने की तैयारी
Russian Ukraine War: इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेन्स्की ने ये बात भी साफ कर दी है कि अब उनका देश नाटो की सदस्यता नहीं लेगा। हालांकि नाटो में जाने से इनकार करने के बावजूद नाटो संगठन के तमाम देश लगातार यूक्रेन की मदद कर रहे हैं।
ऐसे में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पहुँच रही पश्चिमी देशों की मदद की सप्लाई लाइन काटने का नया प्लान तैयार किया है। ऐसा करने के पीछे पुतिन का सिर्फ एक ही मकसद है कि जैसे भी हो ज़ेलेन्स्की को झुकने को मजबूर कर सकें। पुतिन ने पोलैंड, रोमानिया और मोल्दोवा से पहुँच रही मदद को कीव तक न पहुँचने के लिए शहर की सख़्त घेराबंदी कर दी है।
रूस को पता है कि अमेरिका, पोलैंड और ब्रिटेन समेत दूसरे यूरोपीय देशों की तरफ से आने वाली मदद झितोमीर शहर के रास्ते से ही कीव तक पहुँच रही है। लिहाजा रूस ने सबसे पहले झितोमीर शहर पर कब्ज़ा करने का इरादा किया है।
कीव की घेराबंदी और यूक्रेन की तैयारी
Russian Ukraine War: यूक्रेन भी रूस की इस चाल को अच्छी तरह से समझ चुका है तभी तो उसने कीव में बचे हुए लोगों के लिए दो हफ़्तों से ज़्यादा राशन और ज़रूरी सामान का स्टॉक कर लिया है। ताकि रूसी सेना की घेराबंदी के वक़्त शहर के लोगों के लिए आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। इस वक़्त कीव में क़रीब 20 लाख लोग बचे हुए हैं और उन 20 लाख लोगों के लिए अगले 15 दिन का राशन और खाने पीने की चीजें इकट्ठा की जाने लगी है।
इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर की रिपोर्ट में भी रूस की इस प्लानिंग का ज़िक्र किया गया है। साफ है कि रूस किसी भी सूरत में यूक्रेन पर अपनी विजयी पताका फहराना चाहता है, लेकिन जंग जैसे जैसे लम्बी खिंचती जा रही है रूस की मुश्किलें भी और बढ़ती जा रही हैं।
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