छात्र की मौत से तनाव
देखिए वीडियो, कैसे कई छात्रों को निकाला जा रहा है भारतीय छात्रों को निकालने के लिए क्या कर रहा है भारत?
यूक्रेन में एक भारतीय छात्र की मौत के बाद देश में चिंता और तनाव का माहौल है।
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02 Mar 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:14 PM)
यूक्रेन में एक भारतीय छात्र की मौत के बाद देश में चिंता और तनाव का माहौल है। अभिभावक केंद्र सरकार से जल्द से जल्द अपने बच्चों की वापसी की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सवाल ये है कि फंसे हुए भारतीय छात्रों को रेस्क्यू करने के लिए सरकार का क्या प्लान है?
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नए रास्ते का विकल्प
भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को कहा है कि वो कोशिश करें वो सीधे यूक्रेन की सीमा तक ना जाकर पश्चिमी यूक्रेन पहुंचे.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची न कहा कि ‘हम भारतीयों को पश्चिमी यूक्रेन जाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि लोग सीधे समा पर न पहुंचे क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें सीमा पार करने के लिए इंतज़ार करना पड़ सकता है.'
उधर, वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि कैसे कई छात्रों को निकाला जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि फंसे हुए भारतीय नागरिकों को यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से तक पहुंच कर वहां आस-पास रुकने की कोशिश करनी चाहिए. भारतीय दूतावास ने कहा है कि यूक्रेन रेलवे लोगों को निकालने के लिए विशेष ट्रेनें भी चला रहा है.
वतन लौटे 1396 भारतीय
ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 6 विमानों की मदद से 1396 भारतीय वापस वतन लौट चुके हैं. एयर इंडिया अब तक 9 फ्लाइट्स का संचालन कर चुका है.9 में से 8 फ्लाइट्स भारत लौट चुकी है जबकि एक फ्लाइट कुछ देर में दिल्ली पहुंच जाएगी. 218 भारतीयों को लेकर 9वीं फ्लाइट दिल्ली के लिए उड़ान भर चुकी है. चार फ्लाइट रोमानिया के बुख़ारेस्त और चार हंगरी के बुडापेस्ट से आई है.
यूक्रेन में गंभीर स्थिति को देखते हुए हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया गया है जिस वजह से भारत यूक्रेन के चार पड़ोसी देशों हंगरी, पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाकिया के रास्ते फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने की कोशिश कर रहा है.
हंगरी और रोमानिया के रास्ते तो आसानी से लोगों को निकाल लिया गया लेकिन पोलैंड के रास्ते भारतीयों के साथ-साथ यूक्रेनी और बाकि देशों के भी लोग निकलना चाह रहे हैं इसीलिए भारतीयों को निकालने मे काफ़ी दिक्कतें आ रही हैं.
पोलैंड की तरफ से निकलने में परेशानी आने के बाद विदेश मंत्रालय ने अब अज़्हारोड पहुंचने की सलाह दी है. विदेश सचिव शृंगला ने कहा कि अज़हारोड से चॉप तक पहुंच कर बुडापेस्ट के लिए ट्रेन की उपलब्धता है. हर दो घंटे पर यहां बुडापेस्ट के लिए ट्रेन चल रही है जो आठ घंटे में बुडापेस्ट तक पहुंचा रही है.
वहीं दक्षिण यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए मॉल्डोवा के ज़रिए एक नए रास्ते का विकल्प है. यूक्रेन से मॉल्डोवा पहुंच कर रोमानिया से फ़्लाइट के ज़रिए भारत भेज दिया जाएगा. विदेश मंत्रालय की एक टीम भी मॉल्डोवा पहुंची. विदेश मंत्रालय के अनुसार कुछ भारतीय नागरिक पहले ही मॉल्डोवा पहुँच चुके हैं और अब उन्हें रोमानिया भेजने की कोशिश की जा रही है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि संघर्ष शुरू होने से पहले 8000 से ज़्यादा भारतीयों ने यूक्रेन छोड़ दिया.यूक्रेन में अभी भी करीब 15 से 18 हज़ार भारतीय नागरिक फंसे हैं जिनमें सबसे ज़्यादा छात्र ही हैं. विदेश मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि उड़ानों में कोई कमी नहीं होगी और हम जल्द से जल्द यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस ले आएंगे.
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