थर्मोबैरिक हथियारों के इस्तेमाल का इल्ज़ाम
रूस ने पहली बार दागी सुपरसोनिक मिसाइल, यूक्रेन की 'हवा' ख़राब होने की ये है असली वजह
रूस ने माना उसने इस्तेमाल की ख़तरनाक मिसाइल, थर्मोबेरिक हथियार इस्तेमाल करने का आरोप, इंसान को भाप बना देता है थर्मोबेरिक हथियार, thermobaric weapons in Ukraine? Russia-Ukraine war Russia-Ukraine war
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19 Mar 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:15 PM)
Russian Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में शुक्रवार को पहली बार रूस पर इतने संगीन इल्ज़ाम लगे हैं। कहा जा रहा है कि रूस ने सबसे नए और आधुनिक थर्मोबैरिक हथियारों का इस्तेमाल किया है। और इससे भी बड़ी बात है रूस ने इन हथियारों को चलाने के लिए हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया।
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जो युद्ध की बारीक़ियों को समझते हैं उनका तो अब ये भी कहना है कि इस हमले के बाद एक तरह से रूस ने अब इस जंग में पहली बार अपना गियर बदलकर जंग की रफ़्तार को और तेज़ किया है। समाचार एजेंसियों के मुताबिक पश्चिमी यूक्रेन के एक हथियारों के गोदाम को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए ही रूस ने इन मिसाइलों का इस्तेमाल किया।
ब्रिटिश मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस यानी ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की बातों पर यकीन किया जाए तो रूस ने एक बार फिर थर्मोबैरिक हथियार का इस्तेमाल करके अपनी बेरहमी का पक्का सबूत दिया है। ये हथियार एक तरह का वैक्यूम बम ही है जिसका यूक्रेन के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया गया है।
किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल दागी
Russian Ukraine War: इस 24 दिन पुरानी जंग में रूस ने इससे पहले भी क्लस्टर्स बम और वैक्यूम बमों का जमकर इस्तेमाल कर चुका है। हालांकि इस बारे में रूसी अधिकारियों ने आदत के मुताबिक और रस्म की अदायगी में ऐसे किसी भी मास डिस्ट्रक्शन वाले बमों के इस्तेमाल करने की बात से इनकार किया है।
उधर रूसी एजेंसी RIA नोवोस्ती का कहना है कि अब लड़ाई पूरब की बजाए पश्चिम की तरफ तेजी से बढ़ती जा रही है। और पश्चिमी यूक्रेन के हिस्से में सबसे ज़्यादा हथियारों के गोदाम बनाए गए हैं । लिहाजा रूस के अधिकारियों ने पहली बार ये ज़रूर माना है कि पश्चिम यूक्रेन के हथियारों के गोदामों को नष्ट करना उनकी पहली प्राथमिकता है।
इसीलिए उनको निशाना बनाने के लिए इस मिसाइल का इस्तेमाल किया है। हालांकि रूस ने इससे पहले ये बात कभी नहीं मानी थी लेकिन अबकी बार रूसी अधिकारियों ने मान लिया कि पहली बार यूक्रेन के हथियारों के गोदामों को नष्ट करने के लिए इतनी हाई डिफिसिएंसी वाले किंजल हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया है।
यूक्रेन के हथियारों के भूमिगत गोदाम बने निशाना
Russian Ukraine War: समाचार एजेंसी RIA के मुताबिक किंजल हाइपरसोनिक हथियारों का ये पहला प्रयोग काफी कारगर रहा। रूसी रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए एक नोट में माना गया है कि हाइपरसोनिक एयरोबॉलिस्टिक मिसाइलों के साथ किंजल मिसाइल ने इवानों फ्रैंकिवस्क इलाक़े में डेलियाटिन गांव के आस पास बने एक बड़े भूमिगत गोदाम को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने इन 25 दिनों में पहली बार लिखित तौर पर ये माना है कि उसने अपने सबसे एडवांस वैपन यानी आधुनिक हथियारों के तरकश में से पहला और सबसे छोटा तीर ही निकालकर चलाया है जो बेहद कारगर रहा।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी किंजल यानी डैगर मिसाइल को एक बेहतरीन और आदर्श हथियार बताया है। ये मिसाइल ध्वनि की रफ़्तार के मुक़ाबले दस गुना तेज़ी से उड़ान भरती है। रूसी सेना के तरकश में मौजूद ये वो आधुनिक तीर है, जिसे खुद व्लादिमीर पुतिन ने 2018 में कमीशन्ड किया था और सेना के हवाले किया था।
होने लगी है यूक्रेन की 'हवा' ख़राब
Russian Ukraine War: इसी बीच रूस की ताबड़तोड़ बमबारी और मिसाइलों के हमलों ने हर लिहाज से यूक्रेन की हवा ख़राब कर दी है। यूक्रेन की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के तय मानक के मुताबिक यूक्रेन की राजधानी कीव की हवा 27.8 गुना ख़राब हो चुकी है।
बारूद के सुलगने और कीव के बाहिरी इलाक़ो के कई हिस्सों में लगी आग और धमाकों से गिरी बिल्डिंग से उड़ती हुई धूल की वजह से हवा का स्तर बेहद गिर गया है। यानी कीव में बचे हुए शहरियों के लिए सांस का एक एक क़तरा भी मुहाल होता जा रहा है और जीवन देने वाली हवा भी ज़हरीली होने लगी है।
इसी बीच यूक्रेन ने अपनी आशंका ज़ाहिर की है कि अगर दुनिया के देशों ने आगे बढ़कर रूस को नहीं रोका और इस जंग को तत्काल प्रभाव से रोका नहीं गया तो रूस पूरी तरह से यूक्रेन को तबाह और बर्बाद कर देगा।
क्योंकि मौजूदा सूरतेहाल में रूस के साथ जिस तरह से शांति वार्ता चल रही है उसकी रफ़्तार को देखते हुए कहा जा सकता है कि अमन की सूरत निकलने में कई महीने या फिर कई साल तक लग सकते हैं तब तक यूक्रेन के पास बचाने को कुछ भी नहीं बचेगा यानी बस ले देकर नाम के अलावा कुछ भी ऐसा नहीं बचेगा जिसको लेकर यूक्रेन को जाना जाए।
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