Ukraine Russia News: रूस-यूक्रेन जंग के 37वें दिन भी स्थिति जस की तस है. बल्कि हर रोज़ तबाही बढ़ती ही जा रही है. ज़ेलेंस्की अपने शर्तों पर युद्ध ख़त्म करना चाहते हैं और पुतिन को शर्तें मंज़ूर नहीं. महीने भर से ज़्यादा का वक़्त गुज़र जाने के बाद और कई दौर की बातचीत के बाद भी शांति का कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा है. रूस यूक्रेन को तोड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा. ऐसा भी कह सकते हैं कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन को चौतरफ़ा घेरना चाहते हैं. हर तरफ़ से, हर मोर्चे पर ज़ेलेंस्की को झुकाना चाहते हैं. यूक्रेन की राजधानी कीव से लेकर खारकीव, मारियूपोल, लवीव और तमाम सभी शहरों को तबाह करने के बाद रूस ने ज़मीन पर तो यूक्रेन को तबाह कर ही दिया है. लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं, यानि की सिर्फ़ युद्ध के मैदान में नहीं बल्कि हर मोर्चे पर यूक्रेन को बर्बाद करने की स्क्रिप्ट पुतिन ने लिख ली है.
Russia Ukraine: आर्मी, साइबर, केमिकल और साइकोलॉजिकल अटैक के ज़रिए यूक्रेन को तबाह करेगा रूस! कैसे लिखी गई यूक्रेन को बर्बाद करने की स्क्रिप्ट?
आर्मी, साइबर, केमिकल और साइकोलॉजिकल अटैक के ज़रिए यूक्रेन को तबाह करेगा रूस, Read more crime news in Hindi, crime story and video on Crime Tak.
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01 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:16 PM)
Russia Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन को आर्मी अटैक, साइकोलॉजिकल अटैक, केमिकल अटैक और साइबर अटैक के ज़रिए चौतरफ़ा घेरना चाह रहे हैं. जिसके लिए उन्होंने यूक्रेन पर कई मोर्चों पर अटैक किए हैं. जैसे आर्मी अटैक, साइकोलॉजिकल अटैक, केमिकल अटैक, साइबर अटैक. एक- एक कर समझिए क्या है इन अटैक्स के मायने.
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आर्मी अटैक- की, बीते 37 दिनों में इसका उदाहरण तो पुतिन ने पेश कर ही दिया है. यूक्रेन को तबाह करने वाले रूस के सामने भले ही ज़ेलेंस्की ने घुटने ना टेके हों लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि पुतिन ने यूक्रेन को कहीं का नहीं छोड़ा. हर शहर को तबाह कर दिया. हर घर को बर्बाद कर दिया. हर आशियाने को वीरान कर दिया.
साइकोलॉजिकल अटैक- यानि दिमागी तौर पर भी पुतिन यूक्रेन को तोड़ने की पूरी कोशिश में हैं. पुतिन का तेज़ दिमाग अपनी रणनीति के ज़रिए यूक्रेन पर साइकोलॉजिकल दबाव बना रहा है. नाटो के यूक्रेन के साथ आने, कई देशों के रूस पर कड़े प्रतिबंधो के बावजूद भी पुतिन 'झुकेगा नहीं' वाली स्थिति में हैं. कई दौर की बातचीत के बाद भी हमला बरकरार है. ऐसे में वो ज़ेलेंस्की कर पूरा दबाव बना रहे हैं.
केमिकल अटैक- बीते रोज़ आपने रोमन अब्रामोविच का नाम तो ज़रूर सुना होगा. अब्रामोविच दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने और युद्ध को ख़त्म करने में बड़ी भूमिका निभा रहे है. और इसी सिलसिले में वार्ता के लिए वो यूक्रेन में थे. इसी दौरान उनके अलावा दो और लोगों को एक जैसी शिकायत हुई, जिसमें शरीर में दर्द, लाल आंखें और चेहरों और हाथ की स्किन का निकलना शामिल था. जिस तरह के सिमटम्स इन वार्ताकारों के जिस्म में दिखाई दिए, वैसा आम तौर पर किसी को जहर दिए जाने के हालात में ही दिखते हैं. प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर शक की सूई पुतिन के तरफ़ ही घुमी.
साइबर अटैक- ब्रिटेन का दावा है कि रूस यूक्रेन और मदद करने वाले देशों पर साइबर अटैक कर सकता है. अमेरिकी कंपनी वायासेट के खुलासे के मुताबिक एक साइबर अटैक की वजह से पोलैंड से लेकर फ्रांस तक इंटरनेट की दिक्कत रही और यूज़र्स पर इसका प्रभाव पड़ा. हांलाकि अमेरिका ने किसी के नाम का ज़िक्र नहीं किया. लेकिन यूक्रेन के अधिकारियों ने रूसी हैकर्स पर साइबर हमला करने का सीधा आरोप लगाया है. साथ ही ये भी बताया कि सरकार और एजेंसी जिस सेटेलाइट नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं उस पर साइबर अटैक किया गया है जिसकी वजह से यूरोपीय देशों के हज़ारों लोगों के इंटरनेट कनेक्शन में दिक्कत आई.
यानि की पुतिन का तेज़ दिमाग अब हर मोर्चे पर ज़ेलेसंकी को घेर कर चारो खाने चित्त कर देने की प्लानिंग में है. वहीं दूसरी तरफ़ जंग ख़त्म करने की कवायदें भी की जा रही हैं और आने वाले समय में पुतिन और ज़ेलेंसकी की मुलाकात की चर्चाएं भी हैं.
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