UP को ये दाग़ पसंद है : चुनाव में नेताजी अपराधी+करोड़पति हैं तो जीत का सेहरा 'पक्का'

यूपी में अपराधी छवि वाले नेताओं के जीतने की उम्मीद डेढ़ गुनी ज्यादा, 35% जीतने वाले विधायकों पर केस, 27% पर गंभीर अपराध वाले मामले, पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट Up election crime report

CrimeTak

31 Jan 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:12 PM)

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UP Election 2022 : ये यूपी है जनाब. यहां की राजनीति में बाहुबली का बोलबाला है. तो धन-दौलत की दीवानगी. यहां राजनीति में अपराध है या अपराध में राजनीति. इसे समझने और आपको समझाने के लिए हमने चश्मे का फोकस थोड़ा अपने माननीयों के जुर्म की तरफ कर दिया. फिर क्या था. इस जरायम की दुनिया में हमारे माननीय तो एक से बढ़कर एक निकले. ना सिर्फ जुर्म की दुनिया में बल्कि धन-दौलत जुटाने में भी बाजीगर निकले.

अब पूरी कहानी समझने से पहले ज़रा इन लाइनों को ध्यान से पढ़ लीजिए. उत्तर प्रदेश की पिछली विधानसभा चुनाव में जीतकर पहुंचने वाले जो माननीय हैं उनमें 35 फीसदी पर आपराधिक केस दर्ज हैं. जीतने वाले कुल माननीयों में से 27 प्रतिशत के खिलाफ तो क्राइम के गंभीर मामले हैं.

ये तो जुर्म का अभी ट्रेलर है. क्राइम की पूरी फिल्म वाली स्क्रिप्ट अभी आगे बताएंगे. अगर इनकी धन-दौलत को एक लाइन में समझना है तो बस ये जान लीजिए कि हमारे यूपी के हर एक विधायक की औसत संपत्ति 5.85 यानी क़रीब 6 करोड़ रुपये है.

ये तो सिर्फ एक बानगी है. अगर पैसे और जुर्म दोनों को एक फ्रेम में रखकर सांसद और विधायकों की ये हकीकत देखेंगे तो यकीन मानिए आपकी आंखें खुली रह जाएंगी. दरअसल, पिछले 18 साल में यानी 2004 से अब तक 18 फीसदी दागी नेता जीत में सफल हुए. जबकि साफ छवि वाले 11 प्रतिशत नेता ही जीत सके. आइए अब जानते हैं पूरी कहानी...

दागियों के जीतने की संभावना डेढ़ गुना ज्यादा

जिसकी लाठी उसकी भैंस. वाकई ये कहावत उत्तम प्रदेश का दावा करने वाले नेताओं के लिए उत्तर प्रदेश में सटीक बैठती है. क्योंकि साल 2004 से लेकर अब तक लोकसभा और विधानसभा दोनों के चुनावी नतीजे का विश्लेषण तो यही बयां करता है.

साल 2004 से अब तक के यूपी चुनाव के परिणामों को देखें तो साफ-सुथरी छवि वाले अपराधी नेताओं के चुनाव जीतने की संभावना डेढ़ गुना ज्यादा होती है. ऐसा हम चुनावी आंकड़ों की गवाही के आधार पर कह रहे हैं.

ये आंकड़े बताते हैं कि जुर्म की दुनिया में पैर जमाने वाले नेता 18 फीसदी जीतते हैं जबकि पाक साफ वाले नेताओं के जीतने की संभावना सिर्फ 11 प्रतिशत है. ये पूरी रिसर्च ADR यानी एसोसिएशन फॉर ड्रेमोकेटिक रिफॉर्म की रिसर्च में सबकुछ सामने आया है.

जितनी बड़ी पार्टी, उतने बड़े दाग़

यूपी में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं. इनमें 396 पर विधायकों पर ये रिसर्च रिपोर्ट है. इन विधायकों ने चुनाव नामांकन के दौरान जो शपथपत्र भरा था, उसकी एनालिसिस की तो इनका क्राइम का पूरा ग्राफ दूध और पानी की तरह साफ हो गया. वैसे तो हम सब जानते हैं इसलिए शायद हैरानी ज्यादा ना हो. लेकिन हमें चौंकना जरूर चाहिए क्योंकि जीतने वाले कुल विधायकों में से 140 आपराधिक प्रवृत्ति वाले हैं.

अगर इसे गुणा और भागा के रूप में समझें तो हमारे 35 फीसदी विधायकों पर अपराध के दाग़ हैं. अपराध वाले इस दाग़ के थर्मामीटर के पैमाने को थोड़ा बढ़ाकर गंभीर अपराधों पर नजर डाला तो उसमें 106 विधायकों की लिस्ट आई. यानी करीब 27 प्रतिशत हमारे विधायकों ने गंभीर अपराधों को अंजाम दिया. इन गंभीर अपराधों में हत्या और हत्या के प्रयास जैसे आरोप भी शामिल हैं.

अब इन दाग़ी नेताओं का लेखा-जोखा देख लीजिए

2017 विधानसभा चुनाव में जीतने वाले विधायकों के दस्तावेजों की रिपोर्ट को देखें तो सत्ता पर काबिज बीजेपी के कुल 304 विधायकों में से 106 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. यानी करीब 35 प्रतिशत विधायकों की जड़ें जुर्म की दुनिया से जुड़ीं हैं.

अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो इनके कुल 49 विधायक हैं. इनमें से 18 विधायकों के पैर अपराध के दलदल में हैं. यानी करीब 37 फीसदी आपराधिक छवि के हैं. इस तरह अगर प्रतिशत को देखें तो बीजेपी की तुलना में सपा के 2 फीसदी ज्यादा विधायक जरायम से जुड़े हैं.

वहीं, BSP के कुल 16 विधायकों में से 5 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. यानी 31 फीसदी दाग़ी हैं. कांग्रेस के 7 में से एक यानी 14 फीसदी विधायक दाग़ी हैं.

ये हैं हमारे करोड़पति माननीय

यूपी के चुनाव में जीतने की कोई गारंटी है तो वो है जुर्म और पैसा. अगर आपके ऊपर जुर्म के दाग हैं और पैसों की बौछार है तो जीतने की उम्मीद सीधे आपकी बढ़ जाती है. ऐसा हम यूं ही कयास पर नहीं कह रहे हैं. बल्कि ये आंकड़ें ही बताते हैं.

अब जरा पिछले विधानसभा चुनाव के इन आंकड़ों को ही देख लीजिए. पिछली बार यूपी की विधानसभा में एंट्री मारने वाले हमारे माननीयों की संपत्ति पर दूरबीन डालिए तो पैसों का खजाना ही दिखेगा.

औसतन हर विधायक के पास 5.85 करोड़ की सपंत्ति तो है ही. इसके अलावा, कुल 396 मौजूदा विधायकों में से 313 विधायक करोड़पति हैं. यानी पूरे 79 फीसदी विधायक करोड़पति हैं.

अब किस पार्टी के कितने विधायक करोड़पति हैं. उसकी भी फेहरिस्त देख लीजिए. बीजेपी के 304 में से 235 विधायक यानी करीब 77 फीसदी करोड़पति हैं. सपा के 49 में से 42 विधायकों के पास करोड़ों की संपत्ति हैं. यानी 86 फीसदी सपा विधायक करोड़पति हैं.

लेकिन बसपा की बात करें तो जीतने वाले 16 में से 15 विधायक करोड़पति हैं. यानी 94 फीसदी करोड़पति विधायक हैं. अब बसपा के विधायकों की संख्या में भले ही कम हो लेकिन 1 को छोड़ जीतने वाले सभी 15 विधायक करोड़पति हैं.

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