अमेरिकी फौजियों की पाकिस्तान में मौजूदगी को लेकर वहां के कट्टरपंथी इमरान खान से बेहद नाराज हैं। पाकिस्तान के जमात-ए-इस्लामी संगठन के मुखिया सिराज-उल-हक ने अपने टिव्ट में लिखा है कि, “ भारत अमेरिका का पार्टनर है, अमेरिका को वहां पर यह सुविधा क्यों नहीं मुहैया कराई गई, अब तक अमेरिका के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बात करना तक सही नहीं समझा”
जाते-जाते भी पाकिस्तान की फजीहत करा रहा है अमेरिका इमरान खान को कोस रहा है पूरा पाकिस्तान
Pakistan Faces Backlash From Islamists for Temporarily Hosting US Troops
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31 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:04 PM)
सिराज-उल-हक ने पाकिस्तान सरकार से देश में रुके अमेरिकी सैनिकों और नागरिकों की लिस्ट मांगी है क्योंकि वो पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। केवल हक ही नहीं सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले कई पाकिस्तानी नागरिकों ने भी इमरान खान सरकार को आड़े हाथ लिया है।
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पाकिस्तानी नागरिक इमरान खान को टिव्ट के जरिए याद दिला रहे थे कि उन्होंने पूरे देश से वायदा किया था कि वो पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल अमेरिका को नहीं करने देंगे। जब सरकार की ज्यादा फजीहत होने लगी तो पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख राशिद का बयान आया कि इस्लमाबाद के होटलों में रुके अमेरिकी सैनिक ट्रांजिट वीजा पर पाकिस्तान में दाखिल हए हैं और उन्हें यहां पर स्थाई रुप से रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
पाकिस्तान में रुके विदेशी नागिरकों को 21 से 30 दिन तक का वीजा दिया गया है। 26 अगस्त को काबुल में हुए धमाके के बाद पाकिस्तान ने गैरअफगानी नागरिकों को ट्रांजिट वीजा देने का आदेश दिया था। जिसके बाद पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर से कई विदेशी पाकिस्तान में दाखिल हुए थे।
किरकिरी होने के बाद इस्लामाबाद प्रशासन ने तमाम होटलों को आदेश दिया है कि वो 28 अगस्त के बाद से ट्रांजिट वीजा पर आने वाले लोगों की होटल बुकिंग ना लें।
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