Pakistan Blast Story: आतंक (Terrorism) के अजगरों को अपनी आस्तीन में पनाह देने वाला पाकिस्तान (Pakistan) आखिरकार खुद ही बेनकाब हो गया। उसने खुद अब ये बात जमाने के सामने कबूल (Acceptence) कर ली है कि कैसे पड़ोसी मुल्क भारत (India) के लिए गड्ढा खोदते खोदते खुद उसमें गिर गया है।
Pakistan Cries: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा भारत के खिलाफ रची साज़िशें अब हो रही हैं 'बैकफायर'
Peshawar Blast: पाकिस्तान आतंक की पनाहगाह है, ये बात पहले दुनिया कहती थी तो उस पर यकीन नहीं होता था, लेकिन अब तो ये सच वहां के मंत्री खुलेआम कहने लगे हैं।
ADVERTISEMENT
02 Feb 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:35 PM)
भले ही पाकिस्तान की सियासी ऊल जुलूल हरकतों और आपस में एक दूसरे को नंगा करने की कवायद की जा रही हो लेकिन उस चक्कर में पाकिस्तान का वो सच दुनिया के सामने उजागर हो गया जिसको हमेशा वो नकाब में छुपाकर ही रखता रहा है।
ADVERTISEMENT
जरा पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ खान की कही इस बात पर गौर कीजिए...आतंक का जो कांटा हमने बोया वो अब हमें लहुलुहान कर रहा है..
किसी भी बिना पढ़े लिखे या जाहिल गंवार के सामने भी ये बात कही जाए तो वो इसका सही सही मतलब समझा सकता है। तो क्या माना जाए कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने ये बात यूं ही मज़ाक में कही या फिर वो अंदर की सच्चाई को जाने अनजाने दुनिया के सामने ले आए।
अब ज़रा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री मियां नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज का कहना है कि पाकिस्तान के तालिबानी आतंकियों पर इमरान खान की सरकार की नज़रें हमेशा से ही इनायत रही जिसका खमियाजा अब पाकिस्तान को भुगतना पड़ रहा है।
मरियम नवाज को पाकिस्तान में ऊंचे कद का सियासी चेहरा माना जाता है। जाहिर है उन्हें सियासत के रस्मों रिवाज किसी भी दूसरे शख्स के मुकाबले इसलिए भी ज़्यादा पता होंगे क्योंकि उनका पालन पोषण ही पाकिस्तान की सियासत के बीचो बीच रहकर हुआ है।
ऐसे में अगर वो आतंक की बात को लेकर कोई ऐसी बात कह रही हैं तो यकीनन उस बात के पीछे कुछ न कुछ तो सच्चाई जरूर होगी। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि पाकिस्तान में सियासी रोटी सेंकते सेंकते अब पाकिस्तान के सियासतदां लोगों के उस आग में हाथ जलना शुरू हो गए हैं जिससे वो अभी तक मुंह छुपाता आया है।
Peshawar Blast: ये सब कुछ जिन हालात में हो रहा है वो वाकई काबिल-ए-गौर है।
पेशावर में ब्लास्ट होता है...100 से ज्यादा लोगों की जान चली जाती है...पाकिस्तान में कोहराम मचता है..सवाल उठते हैं...उंगलियां उठती हैं तो वहां की हुकूमत घडियाली आंसू बहाने में लग जाती है..एक-एक कर सरकार के बड़े चेहरे सामने आते हैं..
पेशावर की एक मस्जिद में आतंकी हमला हुआ..100 से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पडी तो पाकिस्तान में दिखावे के आंसू बहाने का मुकाबला हो गया । और सियासी लोगों के इसी मुकाबले ने पाकिस्तान का असली चेहरा और किरदार दुनिया को दिखा दिया है।
यानी ये शायद पहला मौका होगा जब पाकिस्तान के सियासतदां खुलकर ये बात कबूल करते दिखाई पड़ रहे हैं कि आतंकियों को पनाह देना उन्हें अब भारी पड़ने लगा है तभी तो उन्हें ये कहने की नौबत आ गई कि जिस साज़िश को वो भारत के लिए मानकर उसे पनाह दे रहे थे, उसका बैक फायर उन्हें ही जबरदस्त तरीके से जख्मी करने लगा है।
यानी कि ये भी कहा जा सकता है कि अब पाकिस्तान को अकल आ रही कि दोधारी तलवार आतंकवाद की धार कितनी तेज होती है। अब उसकी आंखें शायद खुल रही हैं कि भारत की राह में बारूद बिछाने की जो कोशिश उसने की थी..अब वो उसी की आग में खुद झुलसने लगा है...
अगर ऐसा नहीं होता तो पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को टीवी चैनल पर बैठकर ये कहने की नौबत नहीं आती कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों को माफीनामा देने और उन्हें पनाह देने की नीति अब कैसे पाकिस्तान को ही भारी पड़ने लगी है
Seeds of Terrorism: जरा इसे खुलकर समझिए..इमरान सरकार ने तालिबान से जुडे पाकिस्तानी आतंकियों को ये सोचकर पाला-पोसा, आगे बढाया कि उनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ करेगा लेकिन अब वही आतंकी पाकिस्तान को लहूलुहान कर रहे और वहां की हुकूमत खून के आंसू रो रही है
याद कीजिए जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो रहा था, तो पाकिस्तान तालियां बजा रहा था।
पाकिस्तान में खुशियां फूट रही थीं। वहां की हुकूमत जश्न मना रही थी।तालिबानियों का खैर-मकदम हो रहा था। जैसी करनी, वैसी भरनी..अब वही तालिबानी पाकिस्तान को तबाह कर रहा है और पाकिस्तान अपने ही बनाए जाल में फंस कर बुरी तरह छटपटा रहा है...। और आलम ये है कि पाकिस्तान के बड़े बड़े मंत्री खुले आम ये कहते नहीं थक रहे कि उनसे वाकई भूल हो गई।
पुरानी कहावत है..अब पछताए क्या होत जब चिडिया चुग गई खेत..पाकिस्तान ने बबूल बोया, उसे गुलाब कहां मिलने वाला था..आतंक के बीज डाले थे..अमन की फसल कहां से आती..जिस मुल्क की नींव ही मजहब की बुनियाद पर हो...जिसने खुद को एक मजहबी राष्ट्र घोषित कर रखा है...वहां एक मस्जिद में ब्लास्ट होता है,,.100 से ज्यादा लोग मारे जाते हैं..तो उस मुल्क को अपनी गलतियां याद आती हैं...इसे क्या कहा जा सकता है...बड़ी ही आसानी से समझा जा सकता है।
ADVERTISEMENT