LakhimPur Kheri Violence : लखीमपुर की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए गुरुवार को सुनवाई तय की है। चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ करेगी सुनवाई।
लखीमपुर खीरी घटना का सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही लिया संज्ञान, चीफ जस्टिस करेंगे सुनवाई
Lakhimpur Kheri violence Supreme Court itself takes cognizance on Lakhimpur Kheri incident, Chief Justice will hear
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06 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:06 PM)
दो दिन पहले ही दो वकीलों ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर लखीमपुर खीरी में हुई इस वीभत्स घटना की न्यायिक जांच अपनी निगरानी में कराने के आदेश पारित करने की गुहार लगाई। इस जांच में सीबीआई जैसी एजेंसी को भी शामिल किया जा सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट में वकील शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने चिट्ठी लिखी थी। सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर मामले को लेकर चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र में इन दोनों वकीलों ने इस घटना की न्यायिक जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की अपील की है..
चिट्ठी में लिखा है कि मीडिया रिपोर्ट्स में भी कहा गया है कि अपनी मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। रविवार को यहां हुई हिंसा में 4 किसानों सहित 9 लोगों की मौत हो गई थी। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों को गाड़ी से कुचलकर मार डाला, जबकि मंत्री और उनके बेटे का दावा है कि वह मौके पर मौजूद नहीं थे।
गुस्साए किसानों ने इसके बाद तोड़फोड़ और आगजनी की। केंद्रीय मंत्री के ड्राइवर के अलावा बीजेपी के 3 कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। कवरेज के दौरान घायल हुए एक पत्रकार ने भी अगले दिन दम तोड़ दिया। किसानों के प्रदर्शन पर ऐसी कार्रवाई करना मानवाधिकारों का भी हनन है जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी आघात है। चिट्ठी में अपील की गई है कि पूरी घटना की एफआईआर दर्ज हो और आरोपी मंत्रियों को भी सजा मिले।
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